Home बिहार क्रिकेट न्यूज़ ब्रेकिंग न्यूज़:-बीसीए का लोकपाल पर बड़ा फैसला लोकपाल को हटाया गया,देखे पूरी ख़बर।

ब्रेकिंग न्यूज़:-बीसीए का लोकपाल पर बड़ा फैसला लोकपाल को हटाया गया,देखे पूरी ख़बर।

by Khelbihar.com

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पटना। बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी के होटल अभिलाषा में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के एनुअल जेनरल मीटिंग में वर्तमान लोकपाल को हटा कर उसका प्रभार एथिक ऑफिसर बीके जैन को सौंप दी गई है। लोकपाल की बहाली या कार्यकाल बढ़ाने के मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ और वोटिंग की नौबत आ गई।

सूत्रों से मिली जानकारी के अजय नारायण शर्मा के निलंबन को हटाने के मुद्दे पर पूरा हाउस तैयार था लेकिन पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्राणवीर ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि आज पटना में क्रिकेट की जो खराब स्थिति है वह उनके कारण ही है। कुछ सदस्यों ने उनके स्वास्थय और उनके क्रिकेट के प्रति किये गए कार्यों का हवाला दिया तो उन्होंने कहा कि प्राणवीर ने कहा कि उनमें क्या बदलाव आया मैं नहीं जानता हूं। उन्होंने कहा कि अजय नारायण शर्मा का निलंबन तभी वापस होगा जब सारे केस वापस होंगे। प्राणवीर की इस बात पर पूरे हाउस ने मुहर लगा दी।


इस बीच बीसीए मीडिया कमेटी के चेयरमैन सह लीगल कमेटी के सदस्य संजीव कुमार मिश्र के दो पद रहने पर पश्चिमी चंपारण के सचिव ज्ञानेश्वर गौतम ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि संजीव कुमार मिश्रा को लीगल कमेटी से हटा दिया जाए। इसके बाद तुरंत संजीव कुमार मिश्र ने ज्ञानेश्वर गौतम के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश्वर गौतम को व्यक्तिगत आरोप लगाने का अधिकार को नहीं है। श्री मिश्र ने कहा कि मैं एक वकील हूं और किसी भी केस का बहस करने के लिए विद्वान अधिवक्ता जा सकता है। बीसीए ने हमें लोकपाल के यहां रिटेनर नियुक्त किया है इसीलिए बीसीए के केस की पैरवी करता हूं। बीसीए का सीओएम अगर चाहे तो हमें इस पद से हटा जो मुझे सहर्ष स्वीकार है।


लोकपाल के हटाये जाने के संकेत पहले से ही मिल रहे थे। हाल के दिनों में उन्होंने कुछ ऐसे फैसले दिये जो बीसीए के वर्तमान पदाधिकारियों को नागवार गुजरी थी, चाहे वह अध्यक्ष को सामने उपस्थित होने का मामला हो या श्यामल सिन्हा क्रिकेट टूर्नामेंट की चयन प्रक्रिया का मामला हो। चयन प्रक्रिया पर लोकपाल के फैसले के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने इस टूर्नामेंट को बंद कर दिया था क्योंकि बहुत सारे जिलों में वैसी कमेटी आगे आ जाती जिसे बीसीए का वर्तमान प्रबंधन नहीं चाहता है।

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