Home Bihar बीसीए अध्यक्ष ने जिला विवाद में झूठी जानकरी दी?बिना जांच के जारी कर दिए आदेश-उत्पल रंजन

बीसीए अध्यक्ष ने जिला विवाद में झूठी जानकरी दी?बिना जांच के जारी कर दिए आदेश-उत्पल रंजन

by Khelbihar.com

Khelbihar.com

Muzafferpur: मुज़फ़्फ़रपुर जिला में जो विवाद था उसको लेकर अब खबरे सामने लगी है इस बार एमडीसीए के अध्यक्ष के उत्पल रंजन ने प्रेस विग्यप्ति जारी कर बताया कैसे बीसीए अध्यक्ष ने जिला के विवाद में झूठी जानकरी दी।

श्री रंजन के अनुसार झूठ झूठ झूठ…पता नही क्या मजबुरी थी बीसीए के अध्यक्ष कि जो हमलोगों की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई समिति के बारे में सारी बातें या जानकारियां झूठी ही लिखी और बताई,मैं सबको विन्दुवार जानकारियां दे रहा हूँ।

(क) कोई हमलोगों ने सामांतर जिला संघ नही गठित किया जो कि स्थापना का साल अलग से लिखा जाएगा,हमलोगों ने वर्षों से वर्तमान संघ को चुनाव कराने के लिए आग्रह किया लेकिन अंत मे उनके चुनाव नही कराने की स्थिति में कुल 37 क्लब में से 20 क्लब ने खुद की तथा खिलाड़ियों की भविष्य की भलाई के लिए विधि सम्मत चुनाव कराया और बाद में 4-5 क्लब ने लिखित समर्थन दिया इसलिए स्थापना का दिन तो संघ का होता है जब से मुजफ्फरपुर में क्रिकेट के लिए संघ का गठन हुआ यानी 1981, हमारी लोकतांत्रिक समिति का चुनाव हुआ न कि हमने कोई समानांतर जिला संघ बनाया।

(ख) लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई समिति ने पुरानी समिति से बहुत बार आग्रह करने के बाद भी एकाउंट का स्थानांतरण नही करने पर ही नई खाता खोला गया।साथ साथ ये भी बताता चलूं की जब से मुजफ्फरपुर जिला क्रिकेट संघ 1981 से खुली है तब से पुरानी समिति द्वारा एक बार भी ऑडिट नही कराया गया और पिछले साल 48 क्लब से लीग के नाम पर एंट्री फीस लेकर 2-4 मैच लीग का कराकर सारा पैसा हरप लिया गया,क्लब द्वारा लीग नही करने पर पैसा वापस मांगा गया तो किसी को पैसा नही दिया गया आखिर वो पैसा कहां गया,इसकी भी जांच होनी चाहिए।

(ग) बीसीए के आम सभा मे हमारी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई समिति ने दो-दो बार भाग लिया,पहली बार 2019 क पावापुरी एजीएम में और दूसरी बार बीसीए 2019 के चुनाव के दिन एजीएम में।वद्म।
(घ) हमारी समिति द्वारा अस्तित्व में आने के बाद 16/8/19 को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डीडी संख्या 81625 के द्वारा सबंधता शुल्क जमा किया गया।

(ड:)बीसीए द्वारा हमारी समिति को दिनाक 19/06/2019 को रु.60000(रुपया साठ हजार की राशि हमलोंगो द्वारा खोला गया जिला संघ के एकाउंट में आरटीजीएस द्वारा ट्रांसफर किया गया।

(च) बीसीए द्वारा 18/02/17 की चिट्ठी पर वर्तमान X समिति द्वारा कोई चुनाव नही कराया गया,हाँ लोढा समि ति लागू हो।ओ ने के उपरांत तत्कालीन सचिव और अध्यक्ष जो 15-20 वर्षो से सचिव थे उन्होंने अपने-अपने भाई को सचिव और अध्यक्ष घोषित कर इसे अंतरिम समिति कहा और अगले तीन महीने में चुनाव कराने की बात की लेकिन हमलोगों के चुनाव 11/12/2018 के पहले जिला संघ ने कोई चुनाव कराया ही नही और बीसीए को झूठी सूचना भेज दी कि चुनाव करा लिया गया,उस पर सबूत के तौर पर अपने चंद चहेता क्लब के पदाधिकारी का हस्ताक्षर करा कर दिखाया।अगर सही में चुनाव कराया तो उनसे साक्ष्य के तौर पर देखा जाय कि
1.चुनाव पदाधिकारी कौन थे?

  1. वोटर कौन कौन थे(क्योंकि मैं भी किसी क्लब का अध्यक्ष था तो मुझे और 20 से ज्यादा क्लब को कोई सूचना क्यों नही हुई?)
  2. बैलेट पेपर कहां हैं?
  3. किसी अखबार में चुनाव की सूचना या तारीख या उसका परिणाम घोषित हुआ?
  4. चुनाव में किस पद के लिए कितने प्रतिभागी थे?
  5. किसको कितना वोट मिला,कौन कितने वोट से जीता?
  6. चुनाव की फोटोग्राफी और वीडियो दिखाएं।
  7. चुनाव का स्थल कहाँ था?

(छ)जब हमारी समिति का नाम बीसीए के नए साइट पर अपलोड किया गया तो पंकज गुट के द्वारा लोकपाल में विरोध किया गया जिसके कारण बीसीए के चुनाव में हमारा जिला डिस्प्यूट हो गया लेकिन विडंबना ये रही कि हमारी समिति का विरोध पंकज गुट ने किया और दूसरे वोटर लिस्ट में नाम रविकिरण गुट का आ गया,जबकि रविकिरण गुट ने हमलोगों के खिलाफ न बीसीए में शिकायत की और न ही लोकपाल में और उन्होंने हमलोगों का नाम साइट पर आने के बाद रविकिरण गुट जो थोड़ा क्रिकेट की गतिविधि करवा रहे थे वो भी बंद कर दिया।जब मामला लोकपाल में पंकज गुट द्वारा थी तो इसमे बीसीए के पदाधिकारियों द्वारा निर्णय का सवाल कहाँ होता है।

(ज)हमलोंगो ने 2018-19 के सत्र का आमसभा 48 क्लब के साथ कि जिसकी हर जानकारी बीसीए को दी जिसके बारे हर हिंदी अखबार ने निकाला और हमारी प्रोसिडिंग बुक में भी दर्ज है।

(झ)17/02/17 और 17/10/18 के बीसीए द्वारा 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने की जानकारी में जिला के वर्तमान संघ को दी गयी लेकिन वर्तमान संघ को हमलोंगो(वर्तमान क्लब के पदाधिकारियों)द्वारा बार बार बोलने पर भी चुनाव नही कराने की स्थिति में ही हम अधिकतम(37 में से 20 क्लब)क्लब ने लोढा समिति के अनुसार मीडिया के सामने लोकतांत्रिक तरीके से क्लब,अभिभावकों और खिलाड़ियों की भलाई के लिए चुनाव कराया।

(ट) जब किसी नई समिति को मान्यता दी जाती है तो पुरानी समिति स्वत: रद्द हो जाती है न कि रद्द करने की सूचना या चिठ्ठी जारी की जाती है।हमारी लोकतांत्रिक तरीके से जीती हुई समिति को बीसीए के एजीएम में मान्यता मिलने के बाद बीसीए की सीओएम ने 3 साल के लिए प्रमाण पत्र दिया था।

हाँ, मैंने कहा था कि जब से(1986 से)मैं क्रिकेट खेलना शुरू किया था और लगभग 15-20 साल क्रिकेट खेला तब शुरू में श्री परमानंद सिन्हा सचिव थे लेकिन कुछ ही महीनों बाद बिना किसी चुनाव के श्री रविशंकर शर्मा सचिव हो गए और मैं जब तक क्रिकेट खेला तब तक बिना किसी चुनाव के श्री रविशंकर शर्मा ही सचिव थे और श्री परमानंद सिंहा अध्यक्ष थे,पता नही कैसे?

आज बिना किसी चुनाव के वर्तमान सचिव श्री रविशंकर शर्मा के छोटे भाई श्री उदयशंकर शर्मा सचिव और वर्तमान अध्यक्ष श्री परमानंद सिन्हा के छोटे भाई श्री रविकिरण अध्यक्ष हैं।

Related Articles

error: Content is protected !!