खेलबिहार न्यूज़
पटना 5 जून: आप सभी खेलबिहार न्यूज़ पर दो पूर्व बीसीए सचिव का सवाल-जबाब पढ़ रहे है इसी पर एक बार फिर सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने एक विज्ञप्ति जारी कर बीसीए के पूर्व दो सचिव से विनती कर पुछा है कि एक बात सच्चे मन से बताए कि एक दूसरे पर हमला करने से क्या बिहार क्रिकेट का भला हो जाएगा ।
खेलबिहार न्यूज़ से आगे उन्होंने कहा ” आप सभी सम्मानित सचिव के हैसियत से पूर्व मे बिहार क्रिकेट के लिए काम कर चूके है मेरे समझ से बिहार के क्रिकेटरो के हित के लिए यह शुभ संकेत नही है कि आप एक दूसरे पर वयान बाजी करे ।
यह कटु सच्चाई है कि पद पर रहते हुए कोई भी आदमी अपने कार्य शैली से सबको संतुष्ट कर सकता है । बीसीसीआई के एक ताकतवर अधिकारी ने साफ शब्दो मे बिहार क्रिकेट के वर्तमान स्वरूप पर कहा है कि बीसीए अपना विवाद जल्द से जल्द नही सुलझाएगी तो बीसीसीआई को मजबूर हो कर बिहार क्रिकेट के सदस्यता को पूर्व की भॉति ससपेंड कर सकता है ।
इसलिए समय का तकाजा है कि बिहार क्रिकेट के हित के लिए आपसी झगड़े को छोड़ कर बीसीए के सचिव को मदद तथा नेक सलाह दे कर बिहार क्रिकेट को बुलंदी पे पहुँचाया जाए । माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मंजुर बीसीसीआई का संबिधान तथा राज्य क्रिकेट संघ के संबिधान मे सारी शक्तियां सचिव के ऑफिस को है।
दुनिया जानती है कि बीसीए का नाम बदल कर जेएससीए 1935 बना दिया गया था उसी के खिलाफ अवाज उठाने का काम सचिव सारण जिला क्रिकेट संघ के हैसियत से मैने बिहार क्रिकेट को दुबारा बहाल कराने के लिए विभिन्न कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट मे लड़ाई लड़ कर बिहार क्रिकेट को मान्यता दिलाने का काम 4 जनवरी 18 को कराया था।
मेरा दोष निकालने वाले बन्धुओ को एक चीज खटकने लगती है कि मेरा बेटा क्रिकेटर क्यो बन गया है 2003 मे जब बीसीसीआई और झारखंड के अध्यक्ष भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अमिताभ चौधरी जी से बीसीए के नाम बदल कर जेएससीए बना देने के लिए लड़ने का काम शुरू किया था तो मेरा बेटा का दुध का दॉत भी नही टुटा था।
आज के तिथी मे मेरे आलोचक लोग के आलोचना से मुझे कोई भी फर्क नही पड़ता है । मरते दम तक बिहार के क्रिकेटरो के लिए सेवा करता रहूँगा।।