Home राष्ट्रीय अपने बेटे के इलाज के लिये इस भारतीय अंपायर ने बेचा सबकुछ

अपने बेटे के इलाज के लिये इस भारतीय अंपायर ने बेचा सबकुछ

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

नई दिल्ली 17 जून: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड माना जाता है। क्रिकेट के खेल में जितना पैसा भारतीय खिलाड़ी कमाते हैं उतनी रकम दुनिया को कोई भी क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को नहीं दे पाता। आर्थिक मामले में भले ही भारतीय खिलाड़ियों की स्थिति विदेशियों से लाख गुना अच्छी हो लेकिन अंपायर्स की हालत आज भी खस्ता है। भारतीय क्रिकेट में स्टेट अंपायर्स को एक मैच में अंपायरिंग करने के लिये 2500 प्रति मैच मिलते हैं और कोरोना वायरस के चलते इन अंपायर्स की माली हालत इस कदर खराब हो गई है कि घर चला पाना मुश्किल हो गया है।

इसी फेहरिस्त में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के राज्य स्तर के अंपायर शमीम दाद का नाम भी शामिल है जो इस वक्त काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इस अंपायर ने अपने बीमार बेटे के इलाज के लिये अपना घर, जेवर और सबकुछ बेच दिया है। हालांकि इसके बावजूद जब उनको पैसों की कमी बरकरार रही तो वहीं अंपायर्स और स्कोरर पैनल के सदस्यों ने मिलकर करीब 2 लाख रुपये इकट्ठा किये और अंपायर शमीम दाद की मदद कर मिसाल कायम की।

उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन से पहले अंपायर शमीम दाद ने कुछ उधार पैसे लेकर क्रिकेट से जुड़े सामान बेचने की एक दुकान खोली लेकिन लॉकडाउन के चलते बिक्री नहीं हुई और आय का साधन भी समाप्त हो गया। इस बीच न तो मैच हो रहे थे और साथ ही उनका बेटा भी गंभीर बीमारी से परेशान हो गया। इस आर्थिक संकट से बचने के लिये शमीम दाद को अपना सब कुछ बेचना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘मेरा घर, जेवर सब बिक चुका है। अब बेचने के लिए सिर्फ दोपहिया वाहन बचा है। बुरे वक्त में अंपायर, स्कोरर्स एसोसिएशन के रमेश कुशवाह देवता बनकर आए। उनकी मुहीम पर प्रदेश के अंपायरों और स्कोररों ने एक घंटे में करीब दो लाख रुपये इकठ्ठे कर दिए । ये एक उदाहरण है। अभी नागपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।’

आपको बता दें कि अंपायर शमीम दाद की मदद के लिये अंतर्राष्ट्रीय अंपायर नितिन मेनन के अलावा बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के साथ क्यूरेटर के रूप में काम कर रहे बॉबी ने भी मदद की।

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