Home Bihar अरसद जेन ने आदित्य वर्मा से कहा बिहार क्रिकेट के राजनीति को ख़त्म कर बिहार क्रिकेट को बचाएं

अरसद जेन ने आदित्य वर्मा से कहा बिहार क्रिकेट के राजनीति को ख़त्म कर बिहार क्रिकेट को बचाएं

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 22 जून: बिहार क्रिकेट का 18 वर्षों का वनवास आदित्य प्रकाश वर्मा ने बीसीसीआई से लड़कर खत्म करने का काम किया वैसे ही अब समय आगया है की बिहार के क्रिकेट मे चलरहे क्रिकेट की राजनीति को ख़त्म कराकर बिहार के क्रिकेट को ऊचाइयों पर ले जाने का काम आप करें।

मैं मो अरसद जेन बीसीए और बिहार क्रिकेट को उतने करीब से नही जानता था जितना मैने आदित्य प्रकाश वर्मा (मेरे गुरु,मेरे अभिभावक) से जुड़ने के बाद जाना । मैने इनके साथ बिहार से लेकर बीसीसीआई तक के क्रिकेट की राजनीति और बारिकियों को जाना और इतने वर्षों तक आदित्य प्रकाश वर्मा के साथ रहकर उनकी बिहारी क्रिकेटरों के भविष्य के लिए बीसीसीआई से सुप्रीम कोर्ट मे लड़ते देखा तथा बीसीसीआई के बड़े बड़े पदाधिकारियों से सिर्फ बिहार के बच्चों के हक के लिए लड़ते देखा।


इतने दिनो तक करीब से जान ने के बाद मै कह सकता हुं के बिहार के क्रिकेट जगत मे कोई एक व्यक्ति भी एसा नही है जो बीसीसीआई मे बिहार के माटी के लाल आदित्य प्रकाश वर्मा के बराबर खड़ा हो सके। आज बिहार क्रिकेट जगत में जितने भी लोग अपने आपको बिहार के क्रिकेटर बच्चों का हितैशी बता रहे हैं उनसे हजारों गुणा ज्यादा आदित्य प्रकाश वर्मा बिहार के बच्चों के हक के लिए लड़ा है और आज भी बिहार के क्रिकेट की चिंता जितनी आदित्य वर्मा को है उतनी किसी को नही है।

बिहार मे क्रिकेट के माफिया लोग उनके साथ जो सड़यंत्र करते हैं और उनको ये दर्शाने की कोशिश करते हैं की अपने पुत्र मोह के लिए वो क्रिकेट मे हैं तो पुत्र मोह किसे नही है आज सामने तो आ चुका है आदित्य प्रकाश वर्मा का बेटा तब क्रिकेट नही खेलता था जब उनहो ने बिहार के क्रिकेट की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट मे लड़नी शुरु की थी बाद मे उनके पुत्र लखन राजा ने क्रिकेट खेलना शुरु किया और बिहार का बेटा होने के नाते बिहार से क्रिकेट खेलना उसका आधिकार है हक है और वो खेलेगा मेरी दिल से दुआएं लखन राजा के साथ हैं के एक क्रिकेटर होने के नाते भविष्य मे वो भारत की क्रिकेट टीम मे जगह बनाऐं। बीसीए के लोग कहते हैं पुत्र मोह है तो बतादुं के आदित्य वर्मा का पुत्र क्रिकेटर है।।

परंतु बीसीए मे एसे एसे लोग हैं जिनके पुत्र को क्रिकेट नही आता मगर उनको टीम मे रखा गया नाम मै नही लुंगा आज सबकुछ सब के सामने है। किन किन पदाधिकारियों के पुत्र और रिशतेदारों ने बिहार टीम से खेला है । अपनो का मोह और बिहार क्रिकेट की चिंता दो अलग विषय है।

जिस व्यक्ति ने अकेले अपने दम पर बिहार के साथ साथ बहौत सारे दुसरे राज्यों को रणजी ट्रॉफी की मान्यता दिलाने का काम किया उसी की उपेक्षा आज बिहार क्रिकेट जगत के चंद माफियाओं द्वारा फैलाए भ्रम के कारण बीसीए के लोग कर रहे हैं।आज मैं आपको बीसीए तथा आदित्य प्रकाश वर्मा का संबंध बता देता हुं ओर बिहार क्रिकेट के लिए उनकी बीसीसीआई लड़ी गयी लड़ाई भी:


क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) जो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का ही अलग हुआ एक भाग है एक अंश है जिसके वर्तमान सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा है जो पुर्व मे बीसीए के सारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव थे और बिहार के क्रिकेट की लड़ाई को लड़ने के लिए सन् 2007 मे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) की स्थापना किये थे तब सीएबी मे रविशंकर प्रसाद सिंह( पुर्व सचिव बीसीए) सीएबी के कोषाध्यक्ष बनाए गये थे ।

सीएबी सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा ने सीएबी के अंतर्गत ही बीसीसीआई मे स्पॉट फिक्सिंग तथा बिहार क्रिकेट के रणजी ट्रॉफी मान्यता 2004 मे छीनकर झारखंड को देने के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जिसक नतिजा ये हुआ के 4 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के साथ साथ बाकी सभी राज्यों को भी रणजी ट्रॉफी की मान्यता दी और उसदिन सीएबी सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा in-person वहाँ मौजुद होकर खुद बहस किये थे।


आज भी सुप्रीम कोर्ट मे बीसीसीआई बनाम सीएबी के नाम से इस केस को जाना जाता है , तब कहाँ थे ये बिहार क्रिकेट के शुभचिंतक जब अपना एक एक पैसे और अपने करिबियों से जोड़कर आदित्य प्रकाश वर्मा सुप्रीम कोर्ट मे बीसीसीआई से लड़ाई लड़ रहे थे मगर आज बिहार क्रिकेट जगत के माफियाओं को सब से ज्यादा आदित्य वर्मा ही खटकता है और उसकी असल सच्चाई ये है की बिहार क्रिकेट के भरष्टाचार को खत्म करने का अगर किसी मे.दम है तो बस एक आदित्य वर्मा मे और अगर ये बिहार के क्रिकेट मे घुस गया तो एक भी माफिया अपनी माफियागीरी नही कर पाएगा, बस यही कारण है की आदित्य वर्मा को बिहार क्रिकेट मे नही योगदान नही देने दिया जाता है।


नही तो आप ही बताऐं जिनके पुत्र बिहार से खेले वो बीसीए के पदाधिकारियों नही है क्या..? जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं वो पदाधिकारी नही है क्या..?
जो क्रिकेट के बारे मे कुछ नही जानते वो पदाधिकारी नही हैं क्या..?? जब एसे एसे लोग बिहार क्रिकेट एसोसिएशन मे हैं बिहार के क्रिकेट के भविष्य को उज्जवल बनाने की बात कर रहे हैं तो क्या जिस आदित्य प्रकाश वर्मा ने बीसीसीआई से लड़कर बिहार के क्रिकेट का 18 वर्षों बिद वनवास खत्म कराया वो बिहार क्रिकेट मे नही रह सकता वो बिहार के क्रिकेट को नयी उर्जा नयी दिशा और नयी ऊंचाई नही दे सकता..??


मैं बिहार के क्रिकेटरों और अभिभावकों से एक बात और कहना चाहता हुं के अगर आदित्य वर्मा का साथ बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने लिया होता तो आज बिहार के न जाने कितने क्रिकेटरों ने भारत की जुनियर तथा सिनियर टीम मे जगह बना लिया होता और बिहार का नाम रौशन कर दिया होता उसकी वजह है बीसीसीआई मे आदित्य प्रकाश वर्मा डर और पहचान आज हमारे बिहार के बच्चे अच्छा प्रदर्शन करके भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नही बना पाए जिसमे अण्डर16 मे 6 मैचों मे 5 शतक मारने वाले नालंदा के अर्णव किशोर, अण्डर 23 मे रनो का बरसात करने वाला बेहतरीन बल्लेबाज मोतिहारी का शाकीबुल गनी तथा पटना के अण्डर19 क्रिकेटर प्युष कुमार का नाम मै प्रमुख्ता से लुंगा ।


मैं बिहार क्रिकेट से जुड़े सभी लोगों से विनर्म निवेदन करना चाहता हुं के आदित्य प्रकाश वर्मा क्रिकेट जगत मे परस की तरह है बस जरूरत है उनको सही सम्मान देने और उनका सही योगदान लेने का।
अब बिहार क्रिकेट जगत के लोगो को ये तय करना है की बिहार मे क्रिकेट कराना है, सत्ता की राजनीति करना है, गुटबाजी करनी है या बिहार के क्रिकेट तथा क्रिकेटरों का भविष्य मिलजुलकर बनाना है।
आप सभी लोग इतना समझलें की आदित्य प्रकाश वर्मा की बिहार क्रिकेट जगत को बहौत ही ज्यादा आवश्यकता है एकबार उनको बिहार क्रिकेट मे काम करने का सही मौका मिलते ही वो बिहार क्रिकेट मे नही बल्कि वो बीसीसीआई मे जाकर आपलोगों और बिहार के बच्चों का प्रतिनिधित्व करेंगे और बिहार के क्रिकेट को बीसीसीआई मे बैठकर मज़बूती देने का काम करेंगे।
और बीसीसीआई जब बीसीए का अपना आदमी होगा तो वहाँ अपने बिहार के क्रिकेटरों के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव नही होने देगा और ना ही कभी बिहार क्रिकेट को पैसे/फंड की कमी होने देगा।

आप सभी बिहार क्रिकेट जगत के शुभचिंतकों से मेरी इसबात पर विचार करने के लिए मैं निवेदन करता हुं। एसा न हो वक्त हाँथो से निकल जाए और बिहार का क्रिकेट युंही वेंटिलेटर पर टीका रहे। मैं आदित्य प्रकाश वर्मा सर से भी निवेदन करता हुं के अगर इतना करने के बाद भी बिहार क्रिकेट मे आपको सम्मान नही दिया जाए तो आप बिहार के प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के भविष्य को देखते हुए जैसे बीसीसीआई से लड़े वैसे ही बीसीए के माफियाओं को भी उखाड़ फेंकने का काम करें।

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