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मुजफ्फरपुर 06 जुलाई: आदरणीय सचिव जमुई, इमरान साहेब तोहमत तब लगावें जब खुद का गरेबान साफ हो। गोरखपुर गयी बीसीए की जिस टीम को आपके फर्जी बता रहे हैं वह बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की सहमति से ही गयी थी और जिनकी बोली आप बोल रहे हैं उनके पैरवी का भी एक खिलाड़ी शिवराज टीम का हिस्सा बना था चाहें तो सबूत ले लें।
रही बात जीएम बनने की। ऐसी लालसा आपको ही मुबारक हो। मेरे काम और पदों के विषय और कार्य संस्कृति समझने में आपको समय लगेगा। जहाँ तक मेरी समझ है जिला प्रतिनिधि संजय सिंह ही कभी खुद को बीसीए का सचिव, किसी को जीएम, बहुतों को जिला सचिव बनाते फिर रहे हैं। चाहिए तो सबूत ले लें। पैसे की लालच की बात से आप वाकिफ ही हैं।
आप जिस 31सदस्यीय सूची की बात करते हैं उसके 20 और लड़के भी अंतिम एकादश में स्थान बनाने के काबिल होंगे। वह लड़का जमुई का भी हो लेकिन कनिष्क ही क्यों?मुझे मेरे दिमाग, पद और व्यक्तित्व का सर्टिफ़िकेट आपसे लेने की जरूरत नहीं है।मेरे फर्जीपन का सारा सबूत बीसीए, एमडीसीए और जिला ही नहीं बिहार के अन्य जिलों के खिलाड़ियों के दिल में है।
अगर सच इतना ही कड़वा लगा है तो बीसीए के आदरणीय अध्यक्ष महोदय को भी पागल घोषित कर डालिए जिन्होंने आपके आका को आपराधिक मामले का आरोपी ठहराया था ! साथ ही News 18 के उस स्टिंग आपरेशन पर भी ताला जड़ डालिए जिसमें खिलाड़ियों के फर्जी कागजात बनाने की बात सामने आयी थी। वैसे इन आरोपो से हटके भी साक्ष्य चाहिए तो संपर्क करने में संकोच नहीं करेंगे। हम क्रिकेट के हिमायती हैं, गुलाम नहीं।