Home राष्ट्रीय IPL से डेक्कन चार्जर्स को हटाना बीसीसीआइ को पड़ा भारी,लगा 4800 करोड़ रुपये का जुर्माना।

IPL से डेक्कन चार्जर्स को हटाना बीसीसीआइ को पड़ा भारी,लगा 4800 करोड़ रुपये का जुर्माना।

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

नई दिल्ली 17 जुलाई: इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की शुरुआती आठ टीमों में से एक डेक्कन चार्जर्स को हटाना बीसीसीआइ को बहुत भारी पड़ गया है। इस केस में कोर्ट ने एक आर्बिट्रेटर नियुक्त किया था जिसने बीसीसीआइ के खिलाफ अपना फैसला दिया है। आर्बिट्रेटर ने बीसीसीआइ पर 4800 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। डेक्कन चार्जर्स का मालिकाना हक पहले डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स (डीसीएचएल) के पास था।

यह मामला 2012 का है। तब हैदराबाद के एक मीडिया ग्रुप ने आइपीएल टीम से डेक्कन चार्जर्स को हटाने पर आइपीएल के फैसले को चुनौती दी थी। बोर्ड ने 15 सितंबर 2012 को लीग के गवर्निंग काउंसिल की आपातकालीन बैठक बुलाकर डेक्कन चार्जर्स को आइपीएल से निकाल दिया था।  

डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स इस फैसले के खिलाफ बांबे हाई कोर्ट गई। डेक्कन चार्जर्स को लीग से हटाने के बाद बोर्ड ने हैदराबाद फ्रेंचाइजी के लिए बोली मंगानी शुरू कर दी थी। यह बोली सन टीवी नेटवर्क के कलानिधि मारन ने जीती थी। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज सीके ठक्कर  को आठ साल पहले आर्बिट्रार नियुक्त किया था। शुक्रवार को आर्बिट्रार ने अपना फैसला डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स के पक्ष में दिया।

आपको बता दें कि जब 2008 में आइपीएल की शुरुआत हुई थी तो डेक्कन चार्जर्स शुरुआती सीजन की आठ में से एक टीम थी जो 2012 तक आइपीएल में बनी रही। हैदराबाद बेस्ड इस टीम को आइपीएल से 2012 में ही बाहर कर दिया गया था और उसके बाद सन टीवी नेटवर्क ने हैदराबाद फ्रेंचाइजी की बोली जीती और फिर सनराइजर्स हैदराबाद टीम आई। डेक्कन चार्जर्स की टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था और इस टीम ने दूसरे सीजन में आइपीएल खिताब भी अपने नाम किया था। 

डेक्कन चार्जर्स ने आइपीेएल का खिताब 2009 में जीता था और उस वक्त टीम की कमान एडम गिलक्रिस्ट के हाथों में थी। गिलक्रिस्ट इस टीम के कप्तान पहले तीन सीजन तक रहे और इसके बाद टीम की कमान कुमार संगकारा को दे दी गई। 

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