Home Bihar Cricket News, बीसीए बैंक खाते को 48 घंटो में सुचारू कराने का दावा करने वाले अभी-भी भटक रहे है दरबदर:मनोज कुमार

बीसीए बैंक खाते को 48 घंटो में सुचारू कराने का दावा करने वाले अभी-भी भटक रहे है दरबदर:मनोज कुमार

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 1 अक्टूबर: बिहार क्रिकेट संघ में चोरी की रास्ते से प्रवेश करने वाले बर्खास्त अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी अब अपने ही बुने जाल में फंसे से दिख रहे हैं सचिव संजय कुमार की ओर से बीसीए खाता के संचालन को लेकर उठाए गए कदम के आलोक में बैंक ऑफ इंडिया प्रबंधन द्वारा विवाद भरे माहौल में खाते को फ्रीज करने के फैसले को महज 48 घंटे के भीतर खत्म कराने का दावा करने वाले अध्यक्ष की ओर से 28 दिनों बाद भी मामला ज्यों का त्यों है।ये बाते एमडीसीए(उत्पल रंजन गुट)के सचिव एवं स्वत्रंत पत्रकार मनोज कुमार ने एक बयान जारी करते हुए बताया है।

मनोज कुमार ने कहा है कि ” बिहार क्रिकेट संघ की ओर से पिछले दिनों तथाकथित सीईओ मनीष राज और कथित कार्यकारी सचिव की भूमिका निर्वाह कर रहे संयुक्त सचिव कुमार अरविंद के द्वारा बैंक प्रबंधन को खाता संचालन हेतु सौपे गए पत्र के बाद भी मुंह की खानी पड़ी है। सूत्रों की माने तो बैंक प्रबंधन ने इस मामले में दो टूक कहा कि इन कागजातों से उन्हें फिलहाल कोई लेना देना नहीं । विवाद भरे माहौल में बैंक कोई पार्टी नहीं बनेगी ।

अगर खाता संचालन सुचारू कराने हैं तो सक्षम कोर्ट से फैसला ले कर आइए । जिनके पक्ष में फैसला होगा उन्हें खाता संचालन का अधिकार देने में बैंक प्रबंधन को कोई एतराज नहीं होगा । बहरहाल यह पहला मौका नहीं है जब अध्यक्ष के तथाकथित मनमानी की हार हुई है। पूर्व में भी खिलाड़ी प्रतिनिधि के चयन पर बीसीए अध्यक्ष को मुंह की खानी पड़ी थी। उनके द्वारा चयनित खिलाड़ी प्रतिनिधि राकेश रंजन और लवली राज को आईसीए के दबाव पर अंततः हटाना पड़ा और बिहार क्रिकेट संघ में खिलाड़ी प्रतिनिधि के रूप में नामित आइसीए के प्रतिनिधि अमिकर दयाल और कविता राय को स्वीकार करना पड़ा ।

दूसरी ओर बिहार क्रिकेट संघ के बैंक ऑफ इंडिया में संचालित खाता से तथाकथित अवैध निकासी को लेकर सचिव संजय कुमार ने जिला संघो द्वारा आयोजित विशेष आम सभा के फैसले से बैंक ऑफ़ इंडिया को अवगत कराया था। उसी के आलोक में बैंक प्रबंधन ने पहले की गई भूल को स्वीकारते हुए न सिर्फ बीसीए के खाता को फ्रीज कर दिया बल्कि उक्त खाता को पुनः संचालन के लिए सक्षम न्यायालय से आदेश लाने को कहा।

बताया जाता है कि खाता फ्रीज होने के बाद अध्यक्ष खेमा ने महज 48 घंटों के भीतर बीसीए के खाता को पुन: संचालित कराने का दावा ठोक दिया था। हालांकि यह दावा 28 दिन गुजरने के बाद भी खोखला साबित हो रहा है । जहां तक अध्यक्ष खेमा का सवाल है सूत्र बताते हैं कि खाता के पुनः संचालन हेतु उनके द्वारा अवैध रूप से इसी वित्तीय सत्र में तीसरी बार वार्षिक आम सभा का आयोजन भी किया गया जहां जिला प्रतिनिधियों की संख्या 20 से 22 रही थी। हालांकि न्यायिक बाध्यता के कारण इस आमसभा को सार्वजनिक करने से परहेज किया गया। लेकिन आमसभा के बाद अध्यक्ष खेमा की ओर से कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के पांच सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र पिछले दिनों बैंक प्रबंधन को सीइओ मनीष राज के माध्यम से भेजा गया ।

मगर बैंक प्रबंधन ने विवादित माहौल में दो टूक सुनाते हुए कहा कि पहले सक्षम न्यायालय से फैसला ले कर आइए। फ्रिज खाता का संचालन तभी संभव हो सकेगा। अब गेंद कोर्ट के पाले में है। चाहे अध्यक्ष अथवा सचिव बीसीए के फ्रिज खाता को सुचारू कराने के लिए पहले न्यायालय की लड़ाई लड़नी होगी । तभी बिहार क्रिकेट संघ के अधिकृत खाते का संचालन संभव हो सकेगा। ऐसे में ऊँट के पहाड़ के नीचे आने वाली कहावत भी चरितार्थ हो गयी है।

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