Home Bihar cricket association News, बीसीए का नया खाता कहीं बीसीसीआई को दिग्भ्रमित करने के लिए तो नहीं:मनोज कुमार

बीसीए का नया खाता कहीं बीसीसीआई को दिग्भ्रमित करने के लिए तो नहीं:मनोज कुमार

by Khelbihar.com
  मनोज कुमार के कलम से ✍️

पटना 22 अक्टूबर: बिहार क्रिकेट संघ में तथाकथित अनियमितता और बीसीसीआई से अनुदानित राशि के कथित दुरुपयोग को लेकर फ्रिज किए गए बीसीए के खाता के बाद अब अध्यक्ष खेमा ने एचडीएफसी बैंक में नया खाता (50200051955995) खोलकर बीसीसीआई को दिग्भ्रमित करने की तैयारी शुरू कर दी है।


बीसीए सूत्रों की माने तो अध्यक्ष खेमा को यह भनक मिल गई थी कि उनके द्वारा बीसीए के संविधान के विरुद्ध किए जा रहे कार्यों के खिलाफ सचिव संजय कुमार जिला इकाइयों के साथ मिलकर विशेष आम सभा में अहम निर्णय लेने जा रहे हैं । ऐसी परिस्थिति में बीसीए का खाता कभी भी बंद किया जा सकता है।

सूत्र बताते हैं कि भनक मिलते ही अध्यक्ष खेमा में परेशानी बढ़ी और आनन-फानन में एचडीएफसी बैंक बोरिंग रोड शाखा में खाता खोलने की कवायद शुरू कर दी गई। यह क्रियाकलाप जिला संघ द्वारा बुलाई गई वार्षिक आम सभा के पहले अगस्त महीने में ही प्रारंभ की गई थी । सूत्रों की माने तो अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के निर्देश पर कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह के द्वारा एचडीएफसी बैंक में खाता खोलने हेतु प्रक्रिया शुरू की गई थी ।

हालांकि उक्त प्रक्रिया के उलट बीसीए का नया खाता एचडीएफसी बैंक के बोरिंग रोड शाखा में 16 सितंबर को शुरू हुआ तब तक एक सितंबर 2020 से ही बैंक ऑफ इंडिया में सुचारू बीसीए का मूल खाता सचिव संजय कुमार की शिकायत और तथाकथित अनियमितता की ओर दृष्टिगोचर कराने के बाद फ्रीज कर दिया गया था। बैंक प्रबंधन ने इस मामले में स्पष्ट कहा कि इस खाता को सुचारू कराने के लिए संबंधित पक्षों को न्यायालय से डिग्री लेना अनिवार्य होगा।

बैंक ऑफ इंडिया पूर्व में भी गुजरे फरवरी मार्च महीने में खाते को लेकर विवाद का दंश झेल चुकी थी। तब पहले सचिव संजय कुमार की पहल पर खाते को फ्रीज किया गया था हालांकि शीघ्र ही उक्त खाते को सीओएम सदस्यों की कोशिश और कथित एजीएम की मिनटस सौंपने पर खाते का संचालन शुरू हो गया था । लेकिन उसके बाद जिस तरीके से बीसीसीआई से अनुदानित राशि का दुरुपयोग और बंदरबांट शुरू हुआ वह बीसीए के संविधान का मुंह तो चिढ़ा ही रहा है इसके इतिहास की अनूठी कहानी भी है।
बहरहाल बीसीए का निजी बैंक में नया खाता खोलना चर्चा का सबब बन गया है । आखिर ऐसी कौन सी परिस्थितियां बन आई थी कि बीसीए ने पुरानी खाते को जीवंत कराने की जगह नया खाता खोलने का रास्ता अपनाया।

जबकि पूर्व में ही बीसीसीआई ने बीसीए के कथित अनियमितता को लेकर अनुदान राशि भेजने पर रोक लगा दी थी। ऐसे में नया खाता खोलकर अध्यक्ष खेमा क्या बीसीसीआई को दिग्भ्रमित करने की सोंच रखती है या बिहार क्रिकेट संघ में मनमानी तरीके से बीसीए के पैसे के दुरूपयोग की मंशा को सतही स्तर पर अमलीजामा पहनाने के लिए नया खाता खोला गया है। हालांकि इस संदर्भ में अध्यक्ष खेमा की माने तो बड़े पैमाने पर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए एचडीएफसी बैंक में खाता खोलने का कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में निर्णय लिया गया था।

क्योंकि बैंक ऑफ इंडिया से बड़ी राशि के आहरण पर बड़ी परेशानियाँ आती थी। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए बीसीए के मूल खाते से 10 हजार रुपया नया खाता खोलने मद में चेक तक काटे गए थे मगर बाद में न जाने वह कौन सी परिस्थितियां बन आयी कि एचडीएफसी बैंक में जीरो बैलेंस पर खाता सुचारू हुआ है और 25 हजार का ड्राफ्ट भी नए खाते पर जमा किया गया है जबकि यह खाता अब तक संचालन हेतु बीसीसीआई से अप्रूव नहीं हो सका है । इस संदर्भ में पूछे जाने पर कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह ने बताया कि फिलहाल बीसीए द्वारा नया खाता खोलने का कोई औचित्य नहीं दिखता है फिर भी नए खाते के संदर्भ में जब तक बीसीसीआई से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिलता है उनके द्वारा उसके संचालन में परहेज रखा जाएगा।

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