पटना 19 फरवरी: बिहार क्रिकेट संघ द्वारा बीते 16 एवं 17 फरवरी को बिहार सीनियर वनडे महिला क्रिकेट टीम हेतु चयन ट्रायल मोइनुल हक़ स्टेडियम पटना में लिया गया। बीसीए के अनुसार दोनों दिन 75 -75 खिलाड़ियों ने ट्रायल दिया। कुल 150 खिलाड़ियों ने भाग लिया। बिहार के चयनकर्ताओं ने बीसीए महिला सीनियर 22 सदस्य टीम की घोषणा कर दिया। जिसमे कहा जा रहा है की कई खिलाड़ियों का चयन नहीं किया गया है जबकि बिहार में आयोजित कई महिला क्रिकेट टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया था।
बिहार टीम का चयन जब भी होता है सवाल उठना शुरू हो जाता है। और बाते करे हमारे बिहार टीम के चयनकर्ताओं की तो बिहार टीम को काफ़ी मेहनत से और ईमानदारी से प्रखते है फिर चयन करते है। क्योकि ऐसी चयनकर्ता दूसरे राज्य में कम ही देखने को मिलता है की सिर्फ एक दिन में विजय हज़ारे के लिए आए 38 राज्यों की खिलाड़ियों का ट्रायल लेकर अगले दिन टीम का चयन कर देती है। हलाकि बीसीए से कहा गया था कि ऐसा इसलिए करना पड़ा था क्योकि बीसीसीआई ने समय नहीं दिया और टूर्नामेंट के तिथि की घोषणा कर दी इसलिए ट्रायल सिर्फ एक दिन रखा इससे पहले हमने 5 दिन ट्रायल की योजना बनाई थी।
अब बात करते है 17 फरवरी को ट्रायल होते ही बिहार सीनियर महिला टीम को आधी रात को टीम घोषित भी कर दिया गया। सवाल की क्या जरूरत थी इतनी जल्दी टीम की घोषणा करने की आखिर खिलाड़ियों को प्रैक्टिस मैच क्यों नहीं दिया गया। 150 खिलाड़ियों को ट्रायल लेकर उसके बिच ट्रायल मैच का आयोजन क्यों नहीं किया गया जिससे टीम प्रदर्शन के आधार पर बन सकता था। सवाल तो उठते ही है पर जबाब नहीं होता।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के टूर्नामेंट कमिटी के चेयरमैन संजय सिंह से ख़ास बात-चित ?
सवाल 1. खेलबिहार ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के टूर्नामेंट कमिटी के चेयरमैन संजय सिंह से पूछा की पिछले दिनों चयनित बिहार सीनियर महिला टीम पर सवाल उठ रहे है कि कई बीसीए से रजिस्टर महिला टूर्नामेंट में प्रदर्शन करने वाली खिलाडी का चयन नहीं हुआ है , एक टूर्नामेंट का हवाला देते हुए खेलबिहार ने कहा इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया तो और यह बीसीए से रजिस्टर टूर्नामेंट था।
जबाब: इस पर संजय सिंह ने कहा” वह टूर्नामेंट बिहार महिला टीम चयन का मापदंड नहीं था।
सवाल 2: तो टूर्नामेंट के आयोजनकर्ता टूर्नामेंट क्यों रजिस्टर करबाते है बीसीए से? क्या फ़ायदा इसका ?
जबाब : बीसीए से रजिस्टर टूर्नामेंट में बीसीए से रजिस्टर खिलाड़ियों को खेलने की छूट होती है। जो रजिस्टर खिलाड़ियों का अभ्यास होता लेकिन बिहार टीम के चयन के लिए वह टूर्नामेंट मापदंड नहीं होता है।
सवाल 3 .महिला खिलाड़ियों का जिला स्तरीय टूर्नामेंट क्यों नहीं होता? जैसे हेमन ट्रॉफी आदि ?
जबाब : बिहार के एक-दो जिला को छोड़ दिया जाये तो कई जिलों में महिला खिलाड़ियों की कमी है किसी जिला में एक महिला खिलाडी है तो किसी में दो,तीन या पांच तक है इसलिए ऐसे टूर्नामेंट का आयोजन करना मुश्किल है लेकिन हम इस पर विचार कर रहे है। आगे आने बाले दिनों में सभी जिलों के महिला खिलाड़ियों से बिहार स्तर पर टीम बनाकर लीग कराया जायेगा और इससे खिलाड़ियों का चयन प्रदर्शन के आधार पर संभव हो सकेगा।
सवाल 4 . आखिर कबतक ट्रायल से चयन किया जायेगा बिहार टीम ?
जबाब : आप(खेलबिहार) और राज्य के सभी खेल प्रेमी और खिलाडी जानते है कि बिहार में कुछ संसाधनों की कमी है हमलोग बिहार में क्रिकेट के विकास को लेकर तत्पर है। अगले सीजन रणजी ट्रॉफी से बिहार के प्रत्येक टीम का चयन बीसीए द्वारा आयोजित मैचों के आधार पर होगा। उन्होंने आश्वश्त करते हुए कहा की अगले सीजन तक खिलाड़ियों का चयन मैचों के प्रदर्शन से किया जायेगा। आपको बता दे की सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी के चयन हेतु हमलोग ने जिला स्तरीय टी-20 टूर्नामेंट का आयोजन किया और उसके प्रदर्शन को देखते हुए टीम का चयन किया था।
विजय हज़ारे टीम के चयन के लिए बीसीसीआई से ज्यादा समय नहीं मिला। बीसीसीआई ने 6 दिन पहले विजय हज़ारे ट्रॉफी टूर्नामेंट की तिथि घोषित कर दी इसलिए टूर्नामेंट के आयोजन हेतु समय नहीं मिला। सैयद मुश्ताक का फॉर्मेंट टी-20 की थी इसलिए हमलोग एक दिन में दो -दो मैच करा टीम का चयन किया जा सका जबकि विजय हज़ारे ट्रॉफी का फॉर्मेट वनडे का है इसलिए ट्रायल से टीम बनानी -पड़ी। हमलोग प्रदर्शन के आधार पर ही टीम का चयन करे इसके लिए जिलास्तरीय और जोनल स्तरीय का स्कोरिंग ऑनलाइन कर दिया है ताकि खिलाड़ियों का प्रदर्शन सभी देख सके।