Home Bihar बीसीए सचिव प्रवक्ता राशिद रौशन ने दिया कृष्णा पटेल द्वारा लगाए गए आरोपों का जबाब? देखे

बीसीए सचिव प्रवक्ता राशिद रौशन ने दिया कृष्णा पटेल द्वारा लगाए गए आरोपों का जबाब? देखे

by Khelbihar.com

पटना 17 मई: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के दोनों गुट( सचिव संजय कुमार और अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी) द्वारा बीते रविवार 16 मई से बयानबाजी शुरू है । बीते कल(रविवार ) बीसीए मीडिया कमिटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने बीसीए सचिव व सचिव के प्रवक्ता पर मीडिया को अधूरी कागज़ात उपलब्ध करा गुमराह करने का आरोप लगाया था जिसके बाद आज सोमवार को सचिव प्रवक्ता राशिद रौशन ने एक बार फिर कृष्णा पटेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि” बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और उनके कथित कर्मचारी बिहार के सभी मीडिया बंधुओ को  अधूरी जानकारी और अनाप -सनाप खबरें दे रहे हैं।इनको शायद कानून की जानकारी कम है।

उन्होंने कहा ” जिस कोरम संख्या 14 हवाला देकर कथित एथिक्स ऑफिसर (अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश)  राघवेन्द्र प्रसाद सिंह के कार्य पर उच्च न्यायालय के रोक लगाने वाली बात को ये गलत साबित करने पे लगे हैं शायद इनको पता नहीं की साफ तौर चश्मा लगा कर आदेश को पढ़ लें कोई भी आदेश किसी निजी व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि उस संस्था के पद के लिए होता है।

कोरम न 14 यह रहा

आपको बता दे की कृष्णा पटेल ने कोरम संख्या 14 को लेकर कहा था कि” कोरम संख्या :- 14 में  प्रतिवादी नंबर :- 4 का जिक्र किया गया है।जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगले आदेश तक प्रतिवादी नंबर:- 4 जो सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति श्रीमती नीलू अग्रवाल हैं।वहीं इसमें यह भी जिक्र किया गया है कि लोकपाल या नैतिकता अधिकारी के रूप में बीसीए किसी भी शक्ति का प्रयोग कर सकता है और मैं आपको बता देना चाहता हूं कि वह प्रतिवादी नंबर :- 4 माननीया श्रीमती नीतू अग्रवाल (न्यायमूर्ति, रीटा. उच्च न्यायालय पटना) हैं जिनको बीसीए से संबंधित इस मामले में किसी प्रकार का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है।क्योंकि इनका कार्यकाल भी नवंबर 2020 में समाप्त हो चुका है।कोरम नंबर:- 14 और प्रतिवादी नंबर 4 में कहीं भी बीसीए के माननीय लोकपाल सह नैतिकता अधिकारी श्री राघवेंद्र प्रसाद सिंह का जिक्र नहीं है और इन्हें अपने न्यायालय में सुनवाई करने और दोषी को सजा सुनाने का पूरा अधिकार प्राप्त है।

कोरम संख्या :- 14 में  प्रतिवादी नंबर :- 4 का जिक्र 

सचिव प्रवक्ता राशिद रौशन ने आगे कहा” बरगलाने वाली बात ये है की जिस माननीय को एथिक्स ऑफिसर (अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश)  राघवेन्द्र प्रसाद जी को ये एथिक्स ऑफिसर बता रहे हैं उनकी नियुक्ति अगर एजीएम में भी हुई है तो उस विवादित एजीएम की तिथि 31/1/2020 थी उस अनुसार एक वर्ष के पश्चात उनका कार्यकाल 31/1/2021 को ही समाप्त हो जाता है तो फिर ये कैसे आदेश दे सकते हैं जब तक किसी एजीएम और एसजीएम में दुबारा इन्हें नियुक्त नहीं किया जाता खैर जिस मामले में ये माननीय सचिव संजय कुमार को दोषी बता रहे हैं उस मामले में बीसीए के पूर्व एथिक्स ऑफिसर (अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश) वी के जैन ने सचिव को दोषमुक्त करार दिया था।

वी.के जैन द्वारा सचिव पर लगे आरोप पर फैसला यह रहा

वी.के जैन द्वारा जारी आदेश जिसमे सचिव को दोष मुक्त बताया गया उसकी आदेश की पूरी कॉपी इस लिंक पर क्लिक कर देखे: http://bit.ly/2S3f2cT

जिस उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की गई है और जिसको लेकर अभी मीडिया बंधुओ और बिहार की जनता को बीसीए अध्यक्ष और उनके सहयोगी बरगलाने का कार्य कर रहे हैं उसमे प्रतिवादी 4 के तौर पर लोकपाल का जिक्र है मगर कोरम 14 में लोकपाल और एथिक्स ऑफिस दोनों के कार्य पर रोक लगा हुआ है वो भी अगले आदेश तक जो की मामला अभी भी उच्च न्यायालय में लंबित है।

कोरम न 14 यह रहा

उच्च न्यायालय द्वारा एथिक्स ऑफिसर और लोकपाल पर जारी आदेश देखे  इस लिंक पर क्लिक कर: http://bit.ly/3tNb9pS

लेकिन यहाँ आपको बता दे कि बीसीए मीडिया कमिटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने खेलबिहार को सचिव संजय कुमार पर लगे आरोपों पर फैसले की कॉपी दी है तथा बीते रविवार 16 मई को जो प्रेस विग्यप्ति भेजी हैउसमे बीसीए के एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल दोनों (अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश) राघवेन्द्र प्रसाद सिंह है। और बीसीए सचिव पर लगे आरोपों पर इन्होने ने ही फैसला सुनाया है।

रौशन ने आगे कहा” बीसीए अध्यक्ष ने पूर्व में भी अपने निजी लोगों को बीसीए में अवैध तरीके से दाखिल किया है इससे सभी लोग भली भांति परिचित हैं लेकिन एथिक्स ऑफिसर जैसे पवित्र पद पर भी इन्होंने दाग लगाने का कार्य किया है बीसीए विवादित एजीएम को अगर सही भी मान लिया जाए तो उस एजीएम के किस एजेंडा में एथिक्स ऑफिसर के पद पर (अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश)  राघवेन्द्र प्रसाद जी को नियुक्त करने की बात की गई है।

वैसे भी बीसीए अध्यक्ष अपने सवालों में खुद जवाब ढूंढ सकते हैं जब इनके दामन में सैकड़ों दाग लग चुके हैं तो कहां सचिव के एक कार्य को लेकर ढिंढोरा पीट रहे हैं वैसे भी उस मामले में पूर्व में ही सचिव दोषमुक्त हो चुके हैं। साथ ही लगे हाथ मेरा एक जवाब मित्र कृष्णा पटेल से भी है की अगर अध्यक्ष महोदय के चुनाव में दिए फर्जी हलफनामे पर भी अपनी राय रखें तब आगे की बात करते हैं और मैं मित्र कृष्णा पटेल सहित बीसीए अध्यक्ष गुट के किसी भी अधिकारी के साथ हर मुद्दे पर डिबेट करने के लिए हमेशा तैयार है।

एक बार फिर राशिद रौशन ने कहा बीसीए सचिव संजय कुमार अपने पद पर यथावत बने हुए हैं और लगातार खिलाड़ियों के विकास हेतु कार्य कर रहे हैं बीसीए अध्यक्ष और उनके सहयोगी 20 बार भी उन्हें निलंबित करने की खबरें उड़ा दें बीसीसीआई ने हर बार ये साबित किया है। और सारा प्रचार सचिव के द्वारा कर रही है।बहुत जल्द ही बीसीए के सभी असमाजिक और भ्रष्टाचारी लोगों को बीसीए से निकाल बाहर कर दिया जाएगा एवं बीसीए के अगला सत्र बीसीए सचिव संजय कुमार के नेतृत्व में अग्रसर होगा।अफवाहों में न पड़े समय पर इस बार सबकी सच्चाई और कलई खुद खुल जायेगी।

 

 

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