Home Bihar संजय कुमार को लेकर ज्ञानेश्वर गौतम ने किया बड़ा ख़ुलासा, कहा खाते बंद करवाने वाले क्रिकेट के रहनुमा नहीं।

संजय कुमार को लेकर ज्ञानेश्वर गौतम ने किया बड़ा ख़ुलासा, कहा खाते बंद करवाने वाले क्रिकेट के रहनुमा नहीं।

by Khelbihar.com

PATNA 09 जुलाई:  खाते पर पाबंदी लगा विकास को अवरूद्ध करने वाला क्रिकेट का रहनुमा नहीं हो सकता है। ये बातें पूर्वी चंपारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव ज्ञानेश्वर गौतम ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के बर्खास्त और एक वर्ष के लिए क्रिकेटिंग गतिविधियों में प्रतिबंधित किए गए पूर्व सचिव संजय कुमार के पटना हाईकोर्ट में एक मामले में इंटरवेनर बनने पर कही है।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ के द्वारा पटना हाईकोर्ट में बैंक ऑफ इंडिया के खाते को फ्रीज करने के विरुद्ध मामला दायर किया गया था, जिस पर दोनों पक्षों के द्वारा अपना अपना पक्ष रखने के बाद इस मामले को 8 जुलाई को आदेश पर रखा गया था। संजय कुमार के द्वारा इंटवेनर पीटीशन दाखिल करने के कारण, इस मामले पर आदेश के लिए 29 जुलाई की तिथि तय की गई है।

ज्ञानेश्वर गौतम ने आगे कहा है” वह व्यक्ति जो सचिव बनने के एक सप्ताह के भीतर U-23 आयु वर्ग के अपने पुत्र को प्रोमोट कर सीनियर टीम में शामिल करवाने, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के सदस्यों को दरकिनार कर अपनी मर्जी से अपने निजी लोगों को क्रिकेट गतिविधियों में प्रमुख भूमिका देने वाले और खुद के द्वारा बुलाए गए ए जी एम को असंवैधानिक बताने वाले व्यक्ति को बिहार क्रिकेट का रहनुमा नहीं बनाया जा सकता है।

संजय कुमार के सचिव बनने की घटना को एक दुर्घटना  थी। 

संजय कुमार के सचिव बनने की घटना को दुर्घटना क़रार देते हुए श्री गौतम ने कहा कि आज बिहार क्रिकेट एक इसी दुर्घटना के कारण तबाह और बर्बाद है। उन्होंने कहा इसके पहले भी संजय कुमार के सचिव बनने के तुरंत बाद रिड्रेसल ग्रिभांसेज से इसका फैसला अध्यक्ष महोदय के द्वारा तीन सदस्य कमेटी बनाकर की गई जिसमें संजय कुमार का पूर्ण समर्थन था और यही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में विवाद का सबसे बड़ा कारण बना, जिसका फैसला आज तक नहीं हो पाया है।

संजय जी को इतनी जानकारी भी नहीं थी कि जिले के मामले में किसी भी तरह का कोई विवाद का निपटारा लोकपाल के माध्यम से किया जाता है उस वक्त भी इन्होंने बारगेन करते हुए यूं कहें कि अध्यक्ष को बारगेन करने की कोशिश की, अपने चहेते लोगों की की बात की और बाकी सारे जिले जिनके साथ मिलकर इन्होंने चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार की वैसे सारे जिलों को इन्होंने कटघरे में खड़ा करवा दिया, चाहे वह दरभंगा हो या कटिहार या फिर कोई अन्य जिला।

विवादित जिले थे उन सारे जिलों के मामले में जो फैसले करवाए गए उसमें इन की जबरदस्त सहमति थी जो आज भी विवाद का कारण बना हुआ है यहां एक बात बताना और आवश्यक है कि पिछले दिनों संजय जी के द्वारा जो इनका ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप है पर मेरे द्वारा सुनील राणा जो भोजपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव थे को ग्रुप से बाहर करने पर मैंने प्रश्न उठाया कि किन परिस्थितियों में इन्हें ग्रुप से बाहर किया गया है बदले में इन्होंने मुझे भी ग्रुप से रिमूव कर दिया बिना इसका जवाब देते हुए बाद में एक और ग्रुप जहां हम सभी उपस्थित थे पर मैंने जब इस प्रश्न को उठाया उसके एवज में बिना कोई जवाब दिए हुए इन्होंने ग्रुप को छोड़ दिया और अपना संदेश दिया कि यह इस ग्रुप में जितने भी लोग है, सब के सब असंवैधानिक है, और फर्जी है

श्री गौतम ने आगे कहा” संविधान की रचना करने वाले संजय जी आपने बिहार क्रिकेट को जिस जगह पर पहुंचा दिया मुझे लगता है कि बिहार क्रिकेट का इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता, उस समय अध्यक्ष महोदय तो बिहार क्रिकेट के नियम नियमावली से अनभिज्ञ रहे होंगे लेकिन आप तो नहीं थे। आपने उनको भी गलत तरीके से कंफ्यूज कर रिड्रेसल ग्रिभांसेज का जो फैसला करवाया वह आज भी बिहार क्रिकेट को परेशान कर रहा है।

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