Home Bihar बीसीए के वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा करने वाले सुभाष पांडेय को कारण बताओ नॉटिस

बीसीए के वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा करने वाले सुभाष पांडेय को कारण बताओ नॉटिस

by Khelbihar.com

पटना 25 अगस्त: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा जी एम मीडिया सुभाष पांडेय को पद मुक्त कर दिया गया है।इसकी सूचना बीसीए के सीईओ मनीष राज ने वेबसाइट के माध्यम से दी गई है।

सूचना में कहा गया है” इस्तीफा दिंनाक 30-06-2021 को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सक्षम पदाधिकारी, जिनको आप का इस्तीफा संबोधित था, आप के उपर लगे गंभीर आरोपों के मद्धेय्नजर अविलम्ब स्वीकार कर अग्रतेर कार्यवाही करते हुए आप को जी एम मीडिया के पद से मुक्त करते हुए आप को सूचित किया गया है।

पदमुक्त होने के बाद भी आप के द्वारा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के नाम एवं पदनाम का दुरुपयोग किया जा रहा है जिसका सबूत BCA के पास है। आप अविलम्ब बताए कि आप के कृत्य के लिए क्यों नहीं आप पर क़ानूनी कार्यवाहीं की जाए।

ये तो सूचना बीसीए की थी अब आपको वह बताते की आख़िर इस पर कदम क्यो उठाया गया होगा। और जीएम पद से क्यो बर्खास्त किया गया।

बीते 23 अगस्त को आदर्श अग्रवाल सदस्य सह प्रतिनिधि एजी,बिहार कमेटी आफ मैनेजमेंट (बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) को एक पत्र/मेल लिखा था जिसमे उन्होंने बीसीए की वित्तीय गड़बड़ी की कई खुलासे किए थे।

उन्होंने पत्र में लिखा है” मैंने पहले भी आपको मेल करके बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और बिहार क्रिकेट लीग में वित्तीय गड़बड़ी की आशंका जताते हुए लेखा जांच कराने की मांग के थी। मेरे इस मेल के जवाब में आपके दिए गए निर्देशों के बाद अध्यक्ष राकेश तिवारी ने आनन फानन में लेखा जांच कराई जिसमे करीब तीस लाख रुपए से ज्यादा की अवैध निकासी बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी, सी ई ओ मनीष राज और बी सी एल के संयोजक ओम प्रकाश तिवारी ने की है।

अभय सिंह नामक एक संदिग्ध वयक्ति से बी सी एल के खाते में 28/01/2021 को  25000 रुपए और 5  फरवरी को 5 लाख रूपये लिए गए जिसे आज तक लौटाया नही गया है। मीडिया सॉल्यूशन को 15 मार्च 21 को 2 लाख और 9 अप्रैल 21 को 1.95 लाख का भुगतान किया गया। यह अवैध भुगतान है।

मीडिया सोल्यूशन ओम प्रकाश तिवारी की डमी फर्म है जिसका संचालन उनका स्टाफ प्रकाश पांडेय करता है। यह बीसीए के संविधान के मुताबिक कॉन्फ्लिक्ट आफ इंट्रेस्ट भी है।

बीसीए के सीईओ मनीष राज और ओम प्रकाश तिवारी ने  10 मई 21 को सेल्फ चेक के माध्यम से 2 लाख रूपये भी निकाले है। करेंट अकाउंट से 50 हजार से अधिक निकासी वैसे भी अवैध मानी जाती है। राघवेंद्र कुमार सिंह को इसी तरह 5 लाख का अवैध भुगतान 21 मई 21 को किया गया है। ड्रीम एडवरटाइजिंग को 26/03/21 को 2.5लाख का भुगतान संदिग्ध है।

उन्होंने आगे लिखा “, बीसीएल गवर्निंग काउंसिल की 16 अगस्त को बैठक आहूत की गई थी लेकिन जैसे ही अध्यक्ष राकेश तिवारी और ओम प्रकाश तिवारी को अवैध निकासी के मामले को बैठक में उठाए जाने की भनक लगी उक्त बैठक को ही स्थगित कर दिया गया और उसी दिन अत्यावश्यक बैठक के नाम पर फर्जी तरीके से कार्यकारी सचिव को पदमुक्त कर दिया गया ताकि घोटाला उजागर नहीं हो सके।

आपसे आग्रह है कि आप अपने स्तर से तत्काल इस घोटाले की सूचना माननीय सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ और बीसीसीआई को देकर निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह करें ताकि एक सार्वजनिक संस्था को लूट से बचाया जा सके।

श्री पांडेय ने एक और खुलासा करते हुए लिखा है” बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े हुए मुझे एक साल हुए है। लेकिन इस एक साल में मुझे अनुभव हुआ कि यह संस्था मेरे जैसे लोगों के काम करने लायक नहीं है।

संस्था के शीर्ष पर बैठे राकेश तिवारी को में तब से जानता हूं जब वह लालू यादव के साले सुभाष यादव के दरबारी हुआ करते थे।लेकिन तब तक मुझे उनका ऐसा घिनौना रूप देखने को नहीं मिला था। यहां आने के बाद उनका असली चेहरा मेरे सामने आया।

बीस साल पहले एक पत्रिका में बंदर के हाथ में बिहार शीर्षक से एक लेख छपा था। यह शीर्षक बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के आज के संदर्भ में मौजू प्रतीत होता है – बंदर के हाथ में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन। लगता है बीसीए अध्यक्ष लालू यादव के चरवाहा विद्यालय से पढ़े है। नियम,कायदे-कानून से उनका वैसे भी कभी कोई वास्ता नहीं रहा है।

एक मुगल शासक मुहम्मद बिन तुगलक हुआ करता था।अपने अटपटे फैसलो के कारण चर्चित था। आपके अध्यक्ष भी ऐसे ही है। दिन में सपना आया,संजय सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। उस संजय सिंह को जिसका कार्यकाल गत जनवरी महीने में ही समाप्त हो गया है। हफ्ते भर पहले कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद को आनन फानन में सीओम की बैठक बुलाकर हटा दिया।

बेसिक समझ भी नहीं है कि आम सभा ने किसी को कार्यकारी सचिव का प्रभार दिया है तो प्रभार वापस भी आम सभा ही ले सकती है। आम सभा से चुने गए कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद को असंवैधानिक तरीके से हटाया गया है। समझ में नहीं आता कि जिला संघ मौन क्यों है?

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष और उनके सहयोगी लोगों के भ्रष्टाचार और लूट का अड्डा बन गया है। बीसीएल में अध्यक्ष, सीईओ और ओम प्रकाश तिवारी ने मिलकर काफी लूट की है जिसके बारे में मैंने आदर्श अग्रवाल को मेल भेजकर उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।

मैं तो क्रिकेट की दुनिया का आदमी हूं नही। लेकिन बिहार में क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित चाहते है तो ऐसे नटवर लाल लोगों से आपलोगो को मुक्ति पानी होगी। एकजुट होकर प्रयास करेंगे तो अवश्य सफल होंगे।(इस ईमेल की पुष्टि सुभाष पांडेय ने खेलबिहार से की है)

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