Home Bihar बिहार क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव रहे कुमार अरविंद को BCA लोकपाल ने अयोग्य करार किया

बिहार क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव रहे कुमार अरविंद को BCA लोकपाल ने अयोग्य करार किया

by Khelbihar.com

भोजपुर : बीसीए के माननीय लोकपाल ने भोजपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुनील राणा के परिवाद पर लंबी सुनवाई के बाद बिहार क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव रहे कुमार अरविंद के सितंबर 2019 में हुए बिहार क्रिकेट एसोशिएसन के चुनाव में भाग लेने की योग्यता को रद्द करते हुए पद पर रहने से अयोग्य करार दिया है।

सुनील राणा ने बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव के दौरान ही संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार कुमार अरविंद पर इलेक्ट्रॉल ऑफिसर के पास ये आवेदन दिया था की कुमार अरविंद ने लोढ़ा कमिटी के नियमों का उलंघन करते हुए चुनाव की प्रक्रिया में भाग ले रहे है और भोजपुर जिला क्रिकेट संघ से जुड़े लोग गलत तरीके से क्रिकेट संघ का संचालन कर रहे है।

माननीय लोकपाल महोदय ने सुनील राणा के आवेदन को मंजूर करते हुए लंबी सुनवाई के बाद सुनील राणा को न्याय दिया। इस आदेश के बाद फर्जी तरीके से भोजपुर जिला क्रिकेट संघ चलाने वाले लोगों पर भी कार्रवाई करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

इस निर्णय के बाद सुनील राणा ने कहा कि ये बहुत ही बड़ा मामला है, अब जब की कुमार अरविंद का निर्वाचन रद्द हो गया हैं तो फर्जी तरीके से उनके कार्यकाल में जिला क्रिकेट संघों में चुनाव करवाना और निजी सचिव का बहाली करना सभी को रद्द माना जाएगा। श्री राणा ने इन सब विषयों पर बिहार क्रिकेट एसोशिएसन के अध्यक्ष महोदय को एक जांच कमिटी गठित कर कुमार अरविंद के कार्यकाल की जांच करने की मांग की है।

भोजपुर जिला क्रिकेट संघ के संदर्भ में सुनील राणा ने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद अब जल्द भोजपुर के खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा। गुटबाजी करने वाले और खेल जैसी संस्था में पैसे की उगाही करने वाले लोगों को चिन्हित करके उन्हे बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा।

आपको बता दे की बिहार क्रिकेट संघ के लोकपाल महोदय एकाएक एक्टिव मूड में आ गए है। कल रविवार 10 जुलाई को एक खबर मिली की मुज़फ़्फ़रपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव मनोज कुमार के परिवाद पर सुनवाई हुई और जिला संघो के प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह को 6 साल पुरे होने के बाद कूलिंग ऑफ़ पीरियड्स में जाने का आदेश दिया साथ ही बीसीए कमिटी ऑफ़ मैनेजमेंट से बहार रखने का आदेश दिया और एक और आज खबर मिली की कुमार अरविन्द का चुनाव ही गलत हुआ था।

हालांकि यह फैसला आने में थोड़ा देर हो गया। इससे पहले ही बीसीए ने कुमार अरविन्द को बीसीए से बहार कर चुकी है।

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