Home Bihar एजीएम बुलाकर अध्यक्ष ने बीसीए संविधान लोकपाल और तीन सदस्यीय कमेटी को दिखाया अंगूठा:मनोज कुमार

एजीएम बुलाकर अध्यक्ष ने बीसीए संविधान लोकपाल और तीन सदस्यीय कमेटी को दिखाया अंगूठा:मनोज कुमार

by Khelbihar.com
  • एजीएम बुलाकर अध्यक्ष ने बीसीए संविधान लोकपाल और तीन सदस्यीय कमेटी को दिखाया अंगूठा
  •  नहीं मानते कोर्ट का फैसला न संवैधानिक निर्देश
  • शायद बैठक के कोरम की जानकारी जुटाने में भी रहे विफल

पटना : बिहार क्रिकेट संघ की ओर से अध्यक्ष खेमा ने वार्षिक आमसभा बुलाने की घोषणा की है । यह वार्षिक आम सभा घोषणा के मुताबिक 28 अगस्त 2022 को पटना में आयोजित होना है। लेकिन इस घोषणा के पूर्व एजीएम बुलाने के तौर तरीके और संवैधानिक वैधता की अनदेखी आयोजन पर सवाल खड़ा करती है ।

साथ ही साथ माननीय लोकपाल महोदय के आदेश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी के गठन और फैसलों पर भी सवालिया चिन्ह खड़ा करता है । क्योंकि विवादित जिलो के विवाद हल होने अथवा निर्णायक फैसला आने के पहले यह कैसे तय हो सकेगा की वार्षिक आम सभा में कौन सी जिला कमेटी पूर्ण सदस्य के रूप में बैठने की पात्रता हासिल करती है । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बहुतेरे जिलों में पहले से ही वैधता को लेकर विवाद चल रहा है।

ऐसे में माननीय लोकपाल के न्यायालय से निर्णायक फैसला आये बगैर यह तय करना मुश्किल है कि कौन सी जिला कमेटी एजीएम में बैठने का अधिकारी है। साथ ही वैसे जिले जहां पिछले दो वर्षों में कार्यकारिणी का चुनाव कराया गया है यह भी देखना लाजमी है कि इस चुनाव की वैधता कहां तक सही है? क्योंकि लोढ़ा कमेटी के प्रस्ताव के अनुसार जिन पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो जाता है वह किसी भी तरह से संगठन के क्रियाकलापों में हिस्सेदार नहीं हो सकते ।

जहां तक एजीएम का सवाल है संविधान के अनुसार 21 दिन पहले सभी पूर्णकालिक सदस्य और एसोसिएट सदस्य को नोटिस देने के साथ-साथ ऑडिट रिपोर्ट भी मेल और हार्ड कॉपी भेजना अनिवार्य होता है जोकि इस मामले में अब तक अपूर्ण बताया जा रहा है ।

साथ ही एजीएम की घोषणा किस बैठक में लिए गए फैसले के अनुरूप किया गया है यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है क्योंकि बीसीए की ओर से बुलाई गई पिछली बैठक में माननीय लोकपाल के आदेश, लोढ़ा कमेटी के प्रस्ताव और संविधान में दर्शाए गए दिशा निर्देश के आलोक में कोरम अपूर्ण था क्योंकि कमेटी के उपाध्यक्ष दिलीप सिंह अपने ही शपथ पत्र के अनुसार 16 . 2.2022 को कार्य अवधि पूर्ण कर चुके थे । इस लिहाजन वह बैठक में बैठने के अधिकारी नहीं थे ।

जिला प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह को कार्यकाल खत्म होने के कारण माननीय लोकपाल का न्यायालय पूर्व में ही कूलिंग पीरियड में जाने का आदेश सुना चुका था जबकि खिलाड़ी प्रतिनिधि अमिकर दयाल का कार्यकाल 2020 में ही पूर्ण हो चुका है। ऐसे में बैठक में उनका बैठना अनुचित ही होगा । वही महिला खिलाड़ी प्रतिनिधि कविता राय पूर्व में ही तकनीकी कारणों से इस्तीफा दे चुकी है। जबकि सर्वविदित है कि अध्यक्ष खेमा की ओर से सचिव और संयुक्त सचिव को माननीय लोकपाल के आदेश के अनुसार अवैध ठहराया जा चुका है।

ऐसे में कार्यकारिणी की बैठक अपने कोरम में मान्य नहीं हो सकती नौ में से छह सदस्य संविधान के अनुसार अमान्य (डिसक्वालिफाइड ) हो चुके थे । ऐसे में बैठक में लिए गए फैसले और पूर्व के बैठक की संपुष्टि अपने आप में अवैध कहलाएगी।

इन परिस्थितियों में वार्षिक आमसभा की घोषणा अवैध और असंवैधानिक है सही मायने में कहे तो यह अध्यक्ष राकेश तिवारी के मनमानी का नायाब उदाहरण है जहां एकल सोंच, एकल फैसले ही बीसीए का प्रमाणिक चेहरा दिखता है ।

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