दिल्ली फुटबॉल के अध्यक्ष शाजी प्रभकरण को शनिवार के दिन अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन का जनरल सचिव बनाया गया है। शाजी लंबे समय से भारतीय फुटबॉल में प्रशासनिक पद पर हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना पहले से ही थी। एआईएफएफ की नई कमेटी ने उन्हें यह मौका दिया है, जिसके अध्यक्ष कल्याण चौबे हैं।
कल्याण चौबे की अध्यक्षता में नई कमेटी की पहली बैठक में शाजी प्रभकरण को यह जिम्मेदारी दी गई है। चौबे ने ही शाजी का नाम सचिव के रूप में प्रस्तावित किया और सभी सदस्यों ने उनके नाम पर मुहर लगाई। शाजी प्रभकरण उन लोगों के अगुआ थे, जिन्होंने ओआईएफएफ की कार्यशैली में बदलाव की मांग की थी।
हालांकि, उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा और कल्याण चौबे अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया को हराया। एआईएफएफ के 85 साल के इतिहास में कल्याण पहले अध्यक्ष हैं, जो पहले फुटबॉल खिलाड़ी थे। उनसे पहले कोई भी पूर्व खिलाड़ी संघ का अध्यक्ष नहीं बना था।
कल्याण चौबे ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा “सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यह पहला मौका है, जब छह पूर्व खिलाड़ी समिति का हिस्सा हैं। हमें साथ में काम करने की जरूरत है और भारतीय फुटबॉल को आगे ले जाने में हमारे व्यक्तिगत चीजें आगे नहीं आनी चाहिए। अनुशासन ही सफलता की कुंजी है और हमें तय समयसीमा को लेकर जिम्मेदार रहना होगा।”