BCCI सम्मेलन:-घरेलू मैचों में टॉस करने का प्रचलन समाप्त होंगे।

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मुंबई. बीसीसीआई के रणजी सम्मेलन के दौरान चर्चा किया था डीआरएस को अभी तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक सीमित रखा गया है, लेकिन पिछले रणजी सत्र में अंपायरों के कई गलत फैसलों के बाद इसे घरेलू स्तर पर लागू करने की मांग उठ रही है।सम्मेलन के दौरान कप्तानों और कोच ने टेलीविजन पर प्रसारित होनेवाले रणजी ट्रॉफी मैचों के लिए उपलब्ध तकनीक पर डीआरएस लागू करने की अपील की।।

रणजी ट्रॉफी में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू करने को लेकर शुक्रवार को मुंबई में समाप्त हुए रणजी सम्मेलन के दौरान चर्चा की गयी।इसके अलावा सिक्का उछाल कर टॉस करने का भी प्रचलन समाप्त करना सुझाव दिया गया जो घरेलू टीमों के कप्तानों और कोच ने अपना विचार इस सम्मेलन में साझा किया।।

पिछले सत्र में सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल अंपायरों की गलती के कारण चर्चा में रहा था. दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को नाबाद दिया गया था, जबकि गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर गयी थी. इसके बाद पुजारा के शतक ने मैच का नक्शा पलट दिया था।।

इसके अलावा टॉस के समय सिक्का उछालने का प्रचलन भी समाप्त करने तथा मेहमान टीम को बल्लेबाजी या गेंदबाजी का फैसला करने की छूट देने की मांग भी की गयी. कप्तानों और कोच ने दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी की प्रासंगिकता पर भी बात की।

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