उच्चतम न्यायालय का राज्यों के क्रिकेट संघ के चुनाव के लिए नया आदेश जारी,

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नयी दिल्ली. भारतीय क्रिकेट बोर्ड की विभिन्न राज्य इकाईयों ने उच्चतम न्यायालय के शुक्रवार को दिये गये फैसले का स्वागत किया, जिसमें उन्हें अपने राज्य संघों के चुनाव करवाने की अनुमति दी गयी है. न्यायालय के नवीनतम आदेश में चुनाव लड़ने के लिये अयोग्यता के मानदंड केवल पदाधिकारियों तक सीमित कर दिये गये हैं, जिससे अन्य पदों की स्थिति पूर्व की तरह बन गयी है.

कुछ दिन पहले प्रशासकों की समिति (सीओए) ने अपने चुनाव निर्देशों में कहा था कि दो कार्यकाल के बीच बाहर रहने के लिये तय अवधि (कूलिंग ऑफ पीरियड) के लिये कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में बिताये गये कार्यकाल को भी शामिल किया जाएगा.

इससे सौरव गांगुली (बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष) और जय शाह (जीसीए सचिव) की फिर से चुनाव लड़ने की उम्मीदें समाप्त हो गयी थी. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को तमिलनाडु राज्य क्रिकेट संघ (टीएनसीए) को पदाधिकारियों का चुनाव कराने की अनुमति दे दी लेकिन कहा कि इसके परिणाम न्यायालय के फैसले के दायरे में होंगे.

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एन नागेश्वर राव की पीठ ने कहा कि राज्य क्रिकेट संघ चुनाव करा सकता है लेकिन वह परिणाम घोषित नहीं करेगा.परिणाम की घोषणा इस न्यायालय के आदेश के दायरे में आएगी और पक्षकार कानूनी मदद ले सकेंगे. बंगाल क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव अभिषेक डालमिया ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह स्वागतयोग्य फैसला है. टिप्पणी करने से पहले संपूर्ण आदेश का अध्ययन करने की जरूरत है.

लेकिन हमें खुशी है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने राज्य इकाईयों की याचिका पर सुनवाई की और उन्हें जरूरी राहत प्रदान की. ” टीएनसीए ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया. टीएनसीए के सूत्र ने कहा, ‘‘हमने कुछ मसलों पर स्पष्टीकरण मांगा था और वह हमें मिल गया. चुनाव कराये जाएंगे.

टीएनसीए न्यायालय के निर्देशों और चुनाव करवाने पर एक दो दिन में बैठक करेगा. ” सीओए सदस्य इस नये घटनाक्रम पर टिप्पणी के लिये उपलब्ध नहीं थे लेकिन उच्चतम न्यायालय से नियुक्त समिति के सूत्रों ने कहा कि बीसीसीआई चुनाव पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे.


सूत्र ने कहा, ‘‘सीओए का बीसीसीआई एजीएम को 22 अक्टूबर के बजाय किसी अन्य तिथि को आयोजित करने का कोई इरादा नहीं है. चुनाव समाप्त होने के बाद वे मुहरबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपेंगे और उसके साथ ही वे अपने कामकाज से भी मुक्त हो जाएंगे.

हालांकि अब भी इसको लेकर संदेह है कि बीसीसीआई 22 अक्टूबर को एजीएम कर सकता है या नहीं क्योंकि कई राज्य इकाई 28 सितंबर को अपने चुनाव नहीं करा पाएंगे.

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