मै सुनील कुमार के बयान से सहमत नही अब BCCI चलाए बिहार क्रिकेट:-अरसद जेन

खेलबिहार न्यूज़

बिहारशरीफ 2 जून: बिहार क्रिकेट संघ को लेकर विवाद बढ़ता हि जा रहा अब अध्यक्ष से तंग आकर बीसीए सचिव संजय कुमार ने भी बीसीसीआई अध्यक्ष को पत्र लिखा है कि बिहार क्रिकेट को संभाले की जरूरत है ओहि बिहार के पूर्व रणजी कप्तान सुनील कुमार ने इस मामले को घर में सुलझा लेने व खिलाड़ियों के बारे में सोचते हुए क्रिकेट पर फोकस करने को कहा है।।

अब सुनील कुमार के बयान पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार से जुड़े मो.अरसद जेन ने खेलबिहार न्यूज़ को प्रेस विग्यप्ति जारी कर कहा है कि ” बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) मिलजुलकर चलाए बिहार क्रिकेट को, क्रिकेट पर फोकस करें बीसीए के पदाधिकारी और घर की बात घर मे रहकर सुलझाने की बात जो हमारे सम्मानित पुर्व बिहार रणजी कप्तान सुनील कुमार ने कही है ये उनकी अपनी रॉय हो सकती मगर मै मो अरसद जेन इस से सहमत नही हुँ।

बिना किसी मेहनत के बीसीए को 20 वर्ष के बाद फिर से बिहार क्रिकेट की ज़िम्मेदारी बीसीसीआई ने देकर ही गलती करदी। सब को पता है की पुर्व मे भी बीसीसीआई ने जब बिहार की मान्यता छीन ने का जो काम किया था उसकी असल वजह तब के सचिव, अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष महोदयों के आपसी खिंचतान, पैसे के लेनदेन तथा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को अपनी जागीर बनाए रखने के लिए आपसी लड़ाई ही वजह बनी थी।

तब भी बीसीए के पदाधिकारियों की यही सोंच थी की न तेरा न मेरा चुले मे झोंको।आज भी बीसीसीआई के पैसे का बंदरबांट , बीसीए मे अपने गुट का कब्जा तथा मनमानी करने का काम चालु हो गया है और बिहार का क्रिकेट बरबाद हो रहा है।एसे मे मेरी राय है की बिहार मे बीसीसीआई एडहॉक बनाए और अपने हाँथों मे बिहार क्रिकेट को चलाए जबतक की बिहार का क्रिकेट बंगाल, कर्नाटक, मुम्बई जैसे रणजी टीमों को टक्कर देने योग खिलाड़ी और टीम न बन जाए।

उसके बाद अपने देख रेख मे ही बिहार के क्रिकेटरों को जोड़कर एक संघ बनाए जिसमे सीएबी और बिहार के सम्मानित तथा बिहार क्रिकेट के भविष्य को लेकर हमेशा लड़ने वाले लोगों को शामिल करके उनके हाँथों मे बिहार का क्रिकेट सौंपने का काम हो।उस के बाद जो भी क्रिकेट संघ होगा उसकी जिम्मेदारी होगी के जो बिहार की टीम मुम्बई, बंगाल, बडोदरा के टक्कर की हो चुकी है कम से कम उसके स्तर को तो बचाकर रखना होगा और उस स्तर को बचाए रखने के लिए अच्छे खिलाड़ियों का चयन करना ही पड़ेगा।

बिहार के क्रिकेट को सुधारने का एक ही रासता है बीसीसीआई बिहार के क्रिकेट को अपने हाथों मे ले और यहाँ सारे काम बीसीसीआई की ही देख रेख मे हों।एक क्रिकेटर, कोच और बिहार क्रिकेट के लिए चिंतित बिहार का निवासी होने के नाते ये मेरे व्यक्तिगत राय है।

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