गुरुपूर्णिमा स्पेशल: यह पिता अपने बेटियों के लिए बना था गुरु, देखे

खेलबिहार न्यूज़

पटना 05 जुलाई: द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर फौगाट, एक ऐसा नाम है जो आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। ये वही महावीर फौगाट हैं, जिन्होंने लोगों के तानों को अनसुना कर छह बेटियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहलवान बनाया। खुद पहलवान रह चुके महावीर फौगाट ने अपनी बेटी गीता, बबीता, रितू, संगीता के अलावा छोटे भाई की बेटी विनेश व प्रियंका फौगाट को कुश्ती के गुर सिखाए।

फौगाट सिस्टर्स गीता, बबीता, रितू व संगीता अपने पिता तथा विनेश व प्रियंका अपने ताऊ महावीर फौगाट से कुश्ती के मैट पर गुर सीखकर देश की झोली में कई पदक डाल चुकी है। दादरी जिले के गांव बलाली निवासी पहलवान महावीर फौगाट राष्ट्रीय स्तर के पहलवान रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली के चंदगीराम अखाड़े में कुश्ती की बारीकियां सीखी। लेकिन कुछ वर्ष बाद महावीर फौगाट वहां से वापिस आ गए। भले ही उन्होंने कुश्ती करना छोड़ दिया था, लेकिन मन में कुछ कर गुजरने का जुनून था।

जिस पर उन्होंने अपनी बेटियों को ही कुश्ती के मैट पर उतारने का फैसला कर लिया। उनके इस फैसले पर लोगों ने कुश्ती को पुरूष प्रधान खेल बताते हुए काफी ताने दिए। परिवार के लोगों ने भी ऐतराज किया। लेकिन उन्होंने केवल अपने मन की बात सुनी तथा बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाने में व्यस्त रहे। नतीजा यह हुआ कि आज उनकी चार तथा भाई की दो बेटियां विश्वस्तरीय पहलवान हैं। इन बेटियों ने गुरु महावीर फौगाट से प्रशिक्षण लेकर ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियन के अलावा अन्य कई अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया तथा पदक भी जीते।

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