खेल दिवस पर राजधानी में खिलाडियों द्वारा विरोध प्रदर्शन।

खेलबिहार न्यूज़

पटना 29 अगस्त: आज खेल दिवस है प्रति वर्ष 29 अगस्त को हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद की जन्मदिन पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है तथा इसी दिन खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार समान्नित करती है।।

लेकिन बिहार में इस वर्ष कोरोना वायरस को देखते हुए आयोजन को टाल दिया गया सिर्फ बिहार के उपमुख्यमंत्री खेल दिवस पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बात-चित करेंगे

लेकिन बिहार में खेल दिवस के दिन खिलाड़ियों ने राजधानी के डाकबंगला चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया है खिलाड़ियों ने सरकार से खेल व्यवस्था को सुधारने और 6 साल से बंद पड़े नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने की मांग की है.बताया जा रहा है कि यह प्रदर्शन प्लेयर्स एशोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युजंय तिवारी के नेतृत्व में हुआ है।

बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने पहले ही कहा था कि सरकार खेल दिवस के दिन खिलाड़ियों को खानापूर्ति के लिए सम्मानित तो कर देती है लेकिन जो भी घोषणाएं पहले होती रही है जमीन पर कोई नहीं आज तक उतर पाया है.

पिछले 6 वर्षों से सरकारी नौकरी में खिलाड़ियों की नियुक्ति प्रक्रिया बंद है. क्यों बंद है सरकार ने आज तक जानना नहीं चाहा. यह माननीय मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जब इसका यह हाल है बाकी का तो भगवान भरोसे है. जब सरकार की योजना है कि प्रत्येक वर्ष प्रत्येक खेल से 5 खिलाड़ियों की नियुक्ति की जाएगी.

अप्रैल माह में विज्ञापन निकलेगा और अगस्त माह तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी तो फिर 2014-15 में जो विज्ञापन निकला इसमें आवेदन करने वाले खिलाड़ियों को अभी तक 6 वर्षों से क्यों लटका कर रखा गया है. इनका भविष्य चौपट हो रहा है.

जिन अधिकारियों ने पिछले 6 वर्षों से नियुक्ति प्रक्रिया को बंद रखा है और खिलाड़ियों के भविष्य को अंधकार में कर दिया है उन पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. अभी सरकार ने नियुक्ति के लिए सिर्फ 12 खेल को ही शामिल किया है. यह अन्याय है जिन जिन खेलों के खिलाड़ियों को सरकार सम्मानित करती है अनुदान देती है खेल कैलेंडर में उस खेल को शामिल करता है और जब नियुक्ति देने की बारी आती है तो सरकार भेदभाव करती है. सिर्फ 12 खेल के खिलाड़ियों की नियुक्ति यह किसी भी तरह से खेल खिलाड़ियों के प्रति सरकार का अन्याय है.

बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन लगातार सरकार के खेल व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग करती रही है. हर बार आश्वासन देकर सरकार ने धोखा दिया है. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि 2014-15 में जो अंतिम विज्ञापन निकला था. नियमानुसार जिन जिन खेल के खिलाड़ियों ने आवेदन दिया है उनकी नियुक्ति जल्द की जाए.

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