सुपौल के सचिव शशिभूषण सिंह ने बीसीए अध्यक्ष को पत्र लिख पूछें कई सवाल?देखें

खेलबिहार न्यूज़

पटना 21 सितंबर: बिहार क्रिकेट संघ वर्तमान में दो गुटों में बट चुका है जिससे खबरें निकल कर आ रही है कि बीसीसीआई जल्द एडहॉक कमेटी बिहार के लिए बनाने जा रही है ।हालांकि बिहार क्रिकेट के इस मामले को सुलझाने की जरूरत है।

सुपौल जिला क्रिकेट संघ के सचिव शशिभूषण सिंह ने बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी को एक पत्र लिख कई विन्दुओं पर सवाल किए है इसकी जानकारी खेलबिहार को शशिभूषण सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति कर दी है।

शशिभूषण सिंह द्वारा बीसीए अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में कहा है कि” कई महीनों बाद एक बार फिर पत्र के माध्यम से आगाह करना चाहता हूँ कि आपके द्वारा किये जा रहे असंवैधानिक कार्यों पर रोक कब लगेगा। हमारे दृष्टिकोण से आप पहले क्रिकेट और खेल की परिभाषा का अध्ययन कर लेते तो शायद बिहार क्रिकेट का भला हो सकता है। अगर किताबें आपके पास उपलब्ध नहीं है तो यह समझने का प्रयास करें कि क्रिकेट को भद्र जनों का खेल कहकर परिभाषित किया गया है ।

तो दुसरी तरफ खेल को परिभाषित करते हुए कहा जाता है कि खेल एक ऐसी व्यवस्था है जिसके माध्यम से आपसी भाईचारे और सौहार्द को बनाए रखने में मदद मिलता है ।लेकिन आप जबसे बीसीए का अध्यक्ष निर्वाचित हुए। उसके पहले से ही असंवैधानिक कार्यों में संलिप्त रहे हैं:- (1) लगलत शपथ-पत्र समर्पित कर बीसीए का चुनाव लड़ लिए। कहा जा रहा है कि आप गोपालगंज डीसीए द्वारा बीसीसीआई में समर्पित शपथ-पत्र में आपका नाम कहीं नहीं है।

(2) क्या यह सत्य नहीं है कि एक विवादित व्यक्ति द्वारा संचालित विवादित बेवसाइट पर आपका नाम जोड़ कर गोपालगंज डीसीए में उपाध्यक्ष पद पर आसीन करा दिया गया।

(3) बीसीए सचिव पर मनगढ़ंत और एकतरफा आरोप लगाते हुए संजय कुमार मंटू को बीसीए से बाहर करने का असंवैधानिक कार्यों को अमलीजामा पहनाया गया। जिसमें मुझसे भी मदद मांगे थे। जब हम उस घृणित पटकथा में मदद करने से मना कर दिया तो आपने हमें बैठक में बैठने से रोकने का प्रयास कर। सुपौल डीसीए अध्यक्ष को आमंत्रित किया।

(4) आपका बीसीए अध्यक्ष के पद पर से जाना लगभग तय है। तो 2022में एकबार फिर से बीसीए का अध्यक्ष बनने का ख्वाब रखते हुए और अपनी कुर्सी सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में अपने करीबी या पार्टी के लोगों को स्थापित करने के उद्देश्य से जिला क्रिकेट संघ के बीच खाई पैदा कर, दो फाड़ करने के नीति पर कार्य कर रहे हैं।

(5) जब बीसीसीआई अपने किसी स्टेट युनिट के किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है तो फिर आप जिलों में हस्तक्षेप बीसीए संविधान के किस धारा या अधिकार से करते हैं?

(6) सभी जिलों में आपसी भाईचारे जो 40-40वर्षों से चले आ रहे थे, पारिवारिक संबंधों में दरार पैदा कराने अधिकार आपको बीसीए संविधान की किस धारा के अन्तर्गत मिला है।

(7) जब बीसीसीआई के शीर्षस्थ अधिकारी ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अप्रैल 2021के पहले भारतवर्ष में क्रिकेट संचालन संभव नहीं है तो क्या मजबूरी थी बीसीए में अनगिनत कर्मचारियों के नियुक्ति किया ? क्यों बिना कोई काम किए इन कर्मचारियों को करोड़ों रुपये भुगतान किया गया?

(8) बीसीए बैंक एकाउंट के संचालन पर बैंक द्वारा रोक लगाने के बाद खिलाड़ियों से इनव्याश माँगा जाना। इन खिलाड़ियों के घावों पर नमक छिड़कने के समान नहीं है?

उन्होंने ने आगे लिखा है ” तिवारी जी इन तमाम प्रश्नों का उत्तर तलाशने की आवश्यकता है। बीसीए एक खेल संस्था है। न कि एक राजनीति दल जहाँ जो मन में आया निर्णय लेकर जिला युनिट पर थोप दिया। यहाँ सब समझदार हैं।

आगे हमारे दृष्टिकोण से आप बीसीए के अध्यक्ष नहीं हैं तो दुसरी तरफ हम आपके दृष्टिकोण से सुपौल डीसीए के सचिव नहीं है। बीसीए संविधान के मुताबिक सच क्या है आप भी समझ रहे हैं और हम भी समझ रहे हैं।

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