आईपीएल 2019:- देखिये कितना कमाती है चीयरलीडर्स,छुपी कहानी देखे

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हर साल जब भी आईपीएल आता है तो अपने साथ कई रंग लेकर आता है। जैसे विदेशी खिलाड़ियों का देसी रंग में घुलना, स्टेडियम में क्रिकेट के शोर में चीयरलीडर्स का ग्लैमर मिलना, या फिर घरेलू क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की जर्सी पहनने का ख्वाब देखना। आईपीएल में अपने प्रदर्शन के बूते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम में जगह पाने की कई खिलाड़ियों की कहानी आप सुनते-पढ़ते रहते हैं।विज्ञापन

लेकिन जो कहानी हम बताने जा रहे हैं वो ना ही केन विलियम्सन या ऋषभ पंत के आईपीएल में बनाए रनों का विश्लेषण है, ना ही किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन पर विशेष टिप्पणी है और ना ही इस बार वर्ल्ड कप के लिए चुने गए किसी खिलाड़ी की उपलब्धियों का बखान है।

3 of 11चीयरलीडर्स – फोटो : SELFबल्कि ये कहानी आईपीएल की चकाचौंध की है जो ग्लैमर में गुम हो जाती है और आप तक पहुंच नहीं पाती। कहानी उन चीयरलीडर्स की जो हर साल विदेशों से आईपीएल का हिस्सा बनने आती हैं। इनके बारे में बात तो सब करते हैं, लेकिन क्या कभी इनको जानने की कोशिश की है?

पिछले साल आईपीएलम में 8 टीमों में से 6 टीमों की चीयरलीडर्स विदेशी मूल की थीं जबकि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के चीयरलीडर्स देसी मूल के रहे। क्या आप जानते हैं कि आईपीएल में ज्यादादातर चीयरलीडर्स यूरोप से आतीं हैं ना की रूस से। कुछ चीयरलीडर्स जो पहले डांसर हुआ करती थीं उन्होंने बाद में चीयरलीडर्स का प्रोफेशन ज्वॉइन किया।

5 of 11रियो दे जनरियो में मियामी डॉल्फिन के लिए चल रहे ऑडिशन के दौरान – फोटो : PTIचीयरलीडर्स का प्रोफेशन स्पोर्ट्स से कम नहीं है। खिलाड़ी की तरह इन्हें अपना शरीर लचीला बनाए रखने के लिए काफी ट्रेनिंग करनी पड़ती है। ये उतनी ही मेहनत और ट्रेनिंग करते हैं जितनी की मैदान पर खेल रहा खिलाड़ी करता है। 

जब पुरुष हुआ करते थे चीयरलीडर
चीयरलीडिंग का कल्चर अमरीका में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यूरोप में भी होने वाले खेलों में इसका चलन है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि चीयरलीडिंग की शुरुआत अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा में हुई थी और इसकी शुरुआत किसी महिला ने नहीं बल्कि पुरुष ने की थी जिनका नाम जॉन कैंपबल था।

7 of 11CHEERLEADERSयही नहीं, जो चीयर स्क्वॉड उन्होंने बनाया था उसमें सब पुरुष थे। हालांकि 1940 के बाद द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पुरुषों को युद्ध के लिए सीमा पर जाना पड़ा था जिसके बाद महिलाओं की बतौर चीयरलीडर्स भर्ती होने लगी।

8 of 11CHEERLEADERखैर इतिहास से आपको वर्तमान में वापस लेकर चलते हैं और अब बात करते हैं चीयरलीडर्स की आमदनी की। क्या आपको मालूम है कि ये चीयरलीडर्स एजेंसियों के जरिए यहां आती हैं और इन्हीं एजेंसियों से करार किया जाता है।

9 of 11Cheerleadersईपीएल में विदेशी मूल की चीयरलीडर लगभग 1500-2000 पाउंड यानी लगभग एक लाख 80 हजार रुपए हर महीने का कमाती हैं। यहां ये बताना भी जरूरी है कि यूरोपियन चीयरलीडर्स और किसी और देश से आई चीयरलीडर्स के वेतन में अंतर होता है। इन चीयरलीडर्स का वेतन उनके देश की करेंसी के हिसाब से तय होता है।

10 of 11cheerleadersदर्शकों की नजरें क्या उन्हें चीरती हैं?
कभी आपने महसूस किया है कि आईपीएल में चीयरलीडिंग करते दौरान इन लड़कियों को कैसा महसूस होता है। इस पर एक चीयरलीडर का कहना है कि कि भारत में उन्हें आकर बहुत अच्छा लगता है और यहां उन्हें किसी सेलिब्रिटी जैसा मेहसूस होता है। लोग उनका ऑटोग्राफ मांगने आते हैं।

11 of 11Cheerleadersहालांकि दर्शकों को नसीहत देते हुए इंग्लैंड से आईं डेन बेटमैन कहती हैं कि लोगों को ये समझना चाहिए कि हम पोडियम पर डांस करतीं कोई भोग-विलास के लिए बना सामान नहीं हैं। हम लड़कियां हैं जिनका पेशा चीयरलीडिंग है। हमे इंसान की तरह समझा जाए ना की कोई हमारे शरीर पर टिप्पणी करे।

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