संजीव मिश्रा का बयान पड़ सकता है भारी,उच्च न्यायालय की अवहेलना बर्दाश्त नहीं:सचिव प्रवक्ता(राशिद रौशन)

खेलबिहार न्यूज़

पटना 25 मई: बीसीए सचिव संजय कुमार के प्रवक्ता सह मीडिया सलाहकार राशिद रौशन ने बयान जारी करते हुए अध्यक्ष के निजी सलाहकार को सवालों के दायरे में बांध दिया है। राशिद रौशन का कहना है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन किसी कि निजी संस्था नहीं है बीसीए प्रवक्ता का तमगा लिए जो संजीव मिश्र घूम रहे हैं उस पर बीसीए सी ओ एम की रजामंदी नहीं है और बिना सी ओ एम के फैसले के वो अध्यक्ष के निजी कार्यकर्ता हो सकते हैं मगर बीसीए के नहीं इसपर बिहार के लोगों और मीडिया बंधुओं को बरगलाना बंद करें।


दूसरा अभी – अभी उन्होंने बयान दिया है की बीसीए सचिव को जिस इथिक ऑफिसर ने कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट मामले में क्लीन चीट देकर बरी किया है वो बीसीए के इथीक ऑफिसर नहीं हैं तो उनकी जानकारी के लिए बता दूं पूर्व में बीसीए लोकपाल पर रोक के साथ उच्च न्यायालय ने ये साफ कर दिया था कि मननिय न्यायमूर्ति(सेवानिर्वित) बी के जैन जी का कार्यकाल अभी शेष है और इस स्थिति में वहीं बने रहेंगे।


जैसा कि तथाकथित बीसीए प्रवक्ता संजीव मिश्रा ने कहा है कि विवादित एजीएम में इथिक ऑफिसर को लेकर भी फैसले हुए थे जो कि सरासर झूठ है बीसीए के किस मिनट्स में इसका जिक्र है साफ करें तथा अपने बीसीए प्रवक्ता पद से संबंधित  कागजात प्रदर्शित करें जिसमें बीसीए के सी ओ एम के सदस्यों कि सहमति हो वरन् बीसीए प्रवक्ता होने का झूठा प्रचार ना करें।


अगर बीसीए अध्यक्ष और उनके निजी मीडिया सलाहकार स्वयं को माननीय उच्च न्यायालय से भी ऊपर समझ कर इस तरह का बयान देंगे तो इनके ऊपर निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी फिलहाल इस तरह की बेबुनियाद बातें कर बिहार कि जनता को बरगलाने का काम ना करें ।अंत में मेरी सलाह है की बीसीए को निजी संस्था ना समझे जिस तरह पूर्व में बिना सी ओ एम के रजामंदी के और संविधान के विपरित जोनल कमेटी बनाने का खामियाजा तो भुगत ही चुके हैं और आगे भी इस बात का खास ख्याल रखें कि बीसीए को चलाने के लिए पवित्र संविधान के साथ 6 पदाधिकारियों की एक  दल मौजूद है न कि अध्यक्ष और अध्यक्ष कुछ निजी लोगों के प्रभाव से बीसीए चलेगा।


पूर्व में भी बीसीए सचिव के कार्यों की चर्चा अगर की जाए तो अन्तर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टूर्नामेंट के सफल आयोजन के साथ क्रिकेट के अनगिनत विकास प्रकाश में है मगर बीसीए अध्यक्ष ने सुनियोजित तथा विवदित अपूर्ण एजीएम करा कर पूरे क्रिकेट को अव्यवस्थित कर दिया जिससे खिलाड़ियों का भविष्य प्रभावित हो गया है।

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