Home क्रिकेट मेरी जान। बिहार का एक ऐसा कोच जो अपने अधूरे सपने को बच्चों द्वारा पूरा कर रहे,देखे स्ट्रगल कहानी।

बिहार का एक ऐसा कोच जो अपने अधूरे सपने को बच्चों द्वारा पूरा कर रहे,देखे स्ट्रगल कहानी।

by Khelbihar.com

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पटना।। चलिए जानते है विकेएस स्पोर्ट्स एकेडमी में मुख्य कोच एवं शेखपुरा क्रिकेट एकेडमी के निर्देशक के रूप में कार्यकर रहे अशरफ़ुद्दीन रुस्तम की स्ट्रगल कहानी के बारे? कैसे एक छोटे से गाँव और शहर से निकल कर क्रिकेट के द्वारा अपनी पहचान राज्यस्तर पर स्थापित किया।। “चाह अगर कुछ पाने की हो तो इंसान भगवान को पा सकता है” इसका सही उदहारण है विकेएस स्पोर्ट्स एकेडमी के मुख्य कोच अशरफ़ुद्दीन रुस्तम।।


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ऐसे ही प्रेरणादायक कहानी लेकर हर सप्ताह खेलबिहार. कॉम आपके सामने आता है जिससे बिहार राज्य के क्रिकेटरों को प्रेरणा दे और आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करे।। खलेबिहार.कॉम द्वारा चलाई जा रही “क्रिकेट मेरी जान सीरीज” जिससे बिहार के हुनहार क्रिकेटरों की पहचान कराया जाता है ।।

अशरफ़ुद्दीन रुस्तम भारत के वर्तमान कप्तान विराट कोहली के साथ चेयर करते हुए, कोलकाता में,

बिहार का एक ऐसा जिला जहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव,बदहाली,बेरोजगारी और चकाचौंध की दुनिया से एक दम बेख़बर,टूटी-फूटी सड़कें जहां गांव से शहरों तक कि दूरी को तय करना काफी मुश्किल होता था,ये जिला था शेखपुरा।जिला मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर पचना नामक गाँव मे जन्मा एक बालक जिसने शेखपुरा जिला के नाम को पूरे बिहार ही नही अपितु अन्य पड़ोसी राज्यों में भी रौशन किया।।


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जी हां हम बात कर रहे हैं बिहार का जाना पहचाना और सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक अशरफ़ुद्दीन रुस्तम की।जिसने 2000 में आज़ाद हिंद क्रिकेट क्लब की ओर से खेलकर जिला क्रिकेट लीग शेखपुरा से अपना क्रिकेट सफर का शुरुआत किया।””होनहार वीरवान के होत चिकने पात”” की कहावत को चरितार्थ कर लगातार अच्छा खेल रहे अशरफुद्दीन का चयन 2002 में शेखपुरा जिले की सीनियर क्रिकेट टीम में हुआ।लगातार बल्ले और गेंद से सबको चौंकाने वाले अशरफुद्दीन बिहार को मान्यता नही रहने के कारण 2004 में दोस्तों के सलाह पर झारखंड अंडर-19 का ट्रायल देने पहुंचे,लेकिन वहां निराशा हाँथ लगी।उस दौरान अंदर से टूट चुके अशरफुद्दीन ने अपने आत्मविश्वास को एक नई पंख दी और 2006 में सिक्किम से अंडर-19 खेलकर ये साबित कर दिया कि वह इतनी जल्दी हार मानने वालों में से नही अपितु वह लंबा रेस का घोड़ा है।

सिक्किम से मिले मौके ने उसे अंदर से बहुत मजबूत बना डाला।सिक्किम से 2007-8 में NOC लेकर बंगाल लीग साइन किया जहां खेलना अच्छे-अच्छे की बस की बात नही।बंगाल लीग के पहले सत्र में ही अशरफुद्दीन ने 57 विकेट लेकर पूरे बंगाल में छा गए।इस चमत्कारी प्रदर्शन का फल बहुत जल्द मिला और उसे बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने बंगाल अंडर-22 में शामिल कर बेसकीमती तोहफ़ा दिया।2008 में अशरफुद्दीन ने बंगाल अंडर-22 के लिए खेलते हुए पांच मैचों में शानदार 36 विकेट लेकर उसने बंगाल रणजी कोच और चयनकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।

रणजी खेलना सभी क्रिकेटरों का सपना होता है,वह रणजी टीम के बहुत करीब था।2009 में अशरफुद्दीन का नाम पहली बार बंगाल रणजी प्रोबेबल में आया।लेकिन टीम में जगह नही मिली।2009 में ही अशरफुद्दीन को आईपीएल में दिल्ली डेयर डेविल्स के लिए ट्रायल के लिए बुलाया गया,लेकिन एक लंबा हाँथ की पैरवी बिना बहुत नजदीक जाकर वह चूक गया।

वहां अशरफुद्दीन श्रीलंकाई तेज गेंदबाज चामिंडा वास,सौरव गांगुली,मनीष पाण्डेय,विराट कोहली,मनोज तिवारी,रिद्धिमान साहा,मो शमी,कइयों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के सानिध्य में खेला और बहुत कुछ सीखा भी।उसके बाद 2010 में पुनः बंगाल की अंडर-22 टीम की ओर से खेलकर तीन मैचों में 15 विकेट लिए।चेन्नई पेस फाउंडेशन से कॉल आया वहां उसने कैम्प में भी हिस्सा लिया।अब इस समय अशरफुद्दीन एकदम बड़े मैचों के लिए तैयार हो चुके थे,यही कारण था कि 2010 से 2014 तक अशरफुद्दीन लगातार बंगाल रणजी ट्रॉफी टीम के स्क्वॉयड में रहा लेकिन टीम के लिए खेल ने का मौका नही मिलना दुर्भाग्यपूर्ण रहा।2014 में ही विज़न T-20 में चयनित हुए अशरफुद्दीन उस दरम्यान पाकिस्तान के महान तेज़ गेंदबाज वकार यूनिस और दिल्ली डेयर डेविल्स के मुख्य कोच टी.ए शेखर से बहुत सारे गुर सीखे और उसी साल बंगाल-A की ओर से खेलते हुए महाराष्ट्र के खिलाफ शानदार पांच विकेट झटके।इस समय अशरफुद्दीन का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था,जहां एक मौका उसी का नही वरन पूरा बिहार का सर फक्र से ऊंचा कर देता लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।


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लगातार अपना अनदेखी झेल रहे अशरफुद्दीन को एक संजीवनी दिखाई दी जब बी सी सी आई से बिहार को मान्यता की खबर ने उसके मुरझा चुके पंख को एक नई जान दी,और उसने फौरन 2016 में बंगाल से NOC लेकर अपने वतन की ओर कुच किया।जहां उसने उसने आते ही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित राज्य के सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता हेमन ट्रॉफी में शेखपुरा से खेलते हुए गया में जहानाबाद टीम के खिलाफ शानदार 146 रनों की शतकीय पारी खेली और गेंदबाजी में भी तीन विकेट लिए।

इस शानदार प्रदर्शन के दम पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें अपने बड़े- बड़े टूर्नामेंटों में जैसे सुनैना वर्मा,अंगिका कप,आज़ाद कप,इत्यादि में खेलाया लेकिन अशरफुद्दीन जैसे प्रतिभा को एक बड़े प्लेटफार्म की जरूरत है,जहां से वह अपनी प्रतिभा के अनुरूप खुद से न्याय कर सके।एक नेक दिल इंसान,खुशमिज़ाज,और सदैव दूसरों की मदद करने में सबसे अव्वल दर्जे का क्रिकेटर अशरफुद्दीन।।

अब वो अपना क्रिकेटर का सपना दूसरे प्लयेर को मदद कर तथा उनको ट्रेनिंग दे कर उनके द्वारा अपना सुंदर सा सपना पूरा किया जाए और वह चाहते है कि जिस तरह वह अपने जीवन मे क्रिकेट को लेकर स्ट्रगल किए है उस तरह कोई खिलाडी के साथ न हो और जो भी टैलेंटेड प्लयेर है उन्हें मौका जरूर मिले।।

ऐसे कोच के अंदर अगर आप भी ट्रेनिंग लेना चाहते है तो आप भी विकेएस स्पोर्ट्स एकेडमी में जॉइन कर सकते है एकेडमी के ज्यादा जानकारी के लिए दिए गए न.पर सम्पर्क करें:- 6209705064


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