क्या नोटंकी हो रहा बिहार क्रिकेट में,जो ख़ुद संविधान का पालन नही करता वह दूसरे को सीखा रहा?-सूत्रों से

Khelbihar.com

Patna: बिहार क्रिकेट में नोटंकी थमने का नाम नही ले रहा है,कभी बीसीए अध्यक्ष महोदय सचिव को तत्काल निलंबित करते है व उसपर जिला क्रिकेट संघ के प्रतिनित्व 6करोड़ के गवन का आरोप लगाते है जिसपर अध्यक्ष महोदय जाँच कमिटी बना कर तत्काल सचिव के सारे कार्य को रोक देते है।

तो कभी अध्यक्ष को सचिव द्वारा ईमेल किया जाता है कि आपने संविधान के अनुरुप कार्य नही किया है जिससे आपकी बीसीए में सदस्यता खत्म हो चुकी है।

खेलबिहार. कॉम की सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार क्रिकेट में इस ख़बर के जानकरी मिलते है चर्चा गर्म हो गई है। सूत्रों ने बताया कि बीसीए सचिव को लेकर क्रिकेट के जानकरों का कहना है कि जो ख़ुद संविधान का पालन नही करता है वह दूसरे को संविधान के नाम पर डरा रहा है।

सचिव ने कौन सा संविधान पालन किया जबसे सचिव बने है तबसे तो संविधान की अवहेलना वह खुद कर रहे है। क्या संविधान में लिखा है कि अधिकारी रहते हुए आप अपने एसोसिएशन से अपने बेटे को स्टेट टीम में खेलवा दे? सचिव बनने से पहले बेटे ने डिस्ट्रिक टीम में भी नही खेला था और सचिव बनते ही सीधे स्टेट टीम वाह सचिव महोदय तो बड़ा संविधान पालन कर रहे है।

जब आप पर आरोप लगा है और जब आप सही है तो क्यो नही जाँच करबाने के लिए तैयार हो जाते और इससे तो साफ है कि कहीं न कही आपको इसका डर है कि आप सच मे निलंबित न हो जाए।

ओहि कल अरसद जेन ने भी इसी मुद्दे पर अपना प्रेस विज्ञप्ति जारी कर खेलबिहार. कॉम न्यूज़ से बताया कि ख़ुद सचिव महोदय निलंबित है तो किस हक़ से कार्य कर रहे है।

सूत्रों ने बिहार क्रिकेट के एक वरिष्ठ पूर्व क्रिकेटर से पूछा क्या लगता है बिहार क्रिकेट में कुछ सुधरेगा ?

उनका साफ जबाब था कि बिहार के लिए जल्द ही बीसीसीआई को एडहॉक कमिटी भेजनी चाहिए,आपसी लड़ाई में बिहार के क्रिकट बर्बाद होता जा रहा है? (सवाल और जबाब जो बिहार क्रिकेट में चर्चा बना है उसे सूत्रों ने खेलबिहार से कहा)

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