Khelbihar.com
Patna: खेल के साथ खिलवाड़ प्रतिभाओं के विकास में बाधक बना हुआ है। राज्य के खिलाड़ियों को उचित संसाधन मुहैया नहीं हो पा रहा है। रोजगार के अवसर छह वर्षों से बन्द पड़े हैं। फुटबॉल के खिलाड़ियों को राजधानी पटना में भी खेलने के लिए मैदान उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। हॉकी का एस्टो टर्फ जो फिजिकल कॉलेज में बनना था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की घोषणा थी 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी उस पर कोई काम नहीं हो रहा है। फिजिकल कॉलेज दस वर्षों से बंद है।
कुल मिला कर राज्य में खेल की गतिविधियां सरकार के द्वारा कछुए की चाल से संचालित होता है। खेल के इस लुंज पुंज और दयनीय व्यवस्था के खिलाफ बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन ने फिर से आंदोलन करने का एलान कर दिया है।
बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आंदोलन की शुरुआत 16 मार्च को विधानसभा मार्च करके खिलाड़ी करेंगे। इसके बाद धरना प्रदर्शन लगातार किया जाएगा। तिवारी ने कहा कि राज्य स्तर के पदक प्राप्त विजेता खिलाड़ी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
राज्य के सरकारी विद्यालयों में खेलकूद की घंटी को सरकार अनिवार्य करें। पटना में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, खेल का रोड मैप तैयार हो तथा राज्य के ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए कोई ठोस योजना तैयार करें। तिवारी ने कहा कि खेल के विकास के नाम पर सिर्फ खोखले दावे सरकार वर्षों से करते आ रही है हकीकत में धरातल पर कुछ नहीं दिखता है। खिलाड़ियों का सड़कों पर उतरना राज्य के दुर्भाग्यपूर्ण है।