खेलबिहार न्यूज़
पटना 18 जून: बीसीए के एस जी एम के ठीक पहले जिला प्रतिनिधि संजय सिंह के हवाले से जिलों में क्रिकेट के विकास के नाम पर निजी मद से 25 हजार रुपया देने की घोषणा से बवाल मचा है। अधिकांश जिला संघ इसे संप्रभुता पर हमला और ईमान की बोली लगाने की कोशिश माना है और कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए वयान वापस लेने से लेकर माफी मांगने की सलाह तक दे डाली है।ये बाते खेलबिहार से एमडीसीए सचिव मनोज कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति से कही है।।
श्री कुमार ने कहा है चौंकाने वाली बात है कि कोरोना संक्रमण से जूझ रहे बिहार क्रिकेट जगत में अंपायर से लेकर कितने तकनीकी पदाधिकारी और कर्मियों की हालत आर्थिक तंगहाली के कारण बद से बदतर हो गयी। मगर जिला प्रतिनिधि को इसका अहसास तक नहीं हुआ। चुनाव के बाद बहुतेरे जिलों में बीसीए की ओर से विवाद खड़ा किया गया लेकिन जिला प्रतिनिधि ने कभी भी खुलकर उसका विरोध नहीं किया।
पिछले जनवरी माह में बीसीए अध्यक्ष की ओर से जिले को अनुदान मद में दो लाख रुपये देने की घोषणा के आलोक में भी बतौर जिला प्रतिनिधि संजय सिंह ने कभी खुलकर आवाज़ मुखर नहीं किया। इसके उलट निजी सचिव की नियुक्ति और भुगतान उनके प्राथमिकता सूची में रही। दूसरी ओर पर्दे के पीछे से कभी पूर्णिया, कभी कटिहार तो कभी गया जिला के सचिव को सब्जबाग दिखाने और अध्यक्ष राकेश तिवारी से मान्यता विवाद हल कराने के बदले केस उठाने तक का काम करते रहे हैं।
यहाँ तक कि संविधान के विरुद्ध पहल का मुखर विरोध करने पर सुपौल के जिला सचिव पर भी गाज गिराने की कोशिशें जारी है।बहरहाल वैसे जिले को जो क्रिकेट में लाखों झोंका हुआ है 25 हजार का ईमान राशि देने की घोषणा कर जिला प्रतिनिधि ने यह साबित कर दिया है कि अपने मंसूबो को साकार करने के लिए वह जिला को कभी भी, कहीं भी और किसी के समक्ष गिरवी रख सकते हैं।