Home Bihar मेंटल नही रहता तो 16 सालो तक बिहार क्रिकेट के लिए BCCI से कैसे लड़ता:आदित्य वर्मा

मेंटल नही रहता तो 16 सालो तक बिहार क्रिकेट के लिए BCCI से कैसे लड़ता:आदित्य वर्मा

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 8 अगस्त: सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने खेलबिहार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 2003 से बिहार क्रिकेट के मान्यता के लिए बीसीसीआई से लड़ने का काम एक पागल जुनूनी दिवाना फकीर ही कर सकता था। जो भी आज मुझे मेंटल आदि नामो से संबोधित कर रहे है 17 साल पहले वे एक बालक रहे होगें।

श्री वर्मा ने आगे कहा” एक बात बहुत ही सरल शब्दो मे कह देना चाहते है कि मुझे नीचा दिखाने के लिए जो लोग आपके पीछे है वह मै अच्छी तरह से जानता हूँ इसलिए आपके दिए हुए बयान से मुझे फर्क नही पड़ता है । जी भर के जो बोलना है बोल दे । वर्मा ने किसी के नाम का उल्लेख तो नही किया लेकिन इसारो इसारो में बीसीए मीडिया कमिटी के कन्वेनर पर निशा साधा है क्योंकि बीते दिन मीडिया कन्वेनर द्वारा अदित्य वर्मा के बीसीए को समर्थन के बयान पर पलटवार किया था।

वर्मा ने कहा है कि मै चंद सवाल अपने आलोचक मित्रो से पुछना चाहता हूँ कि क्या कारण है कि बीसीए के सचिव और अध्यक्ष के बीच एक अजीब सी लड़ाई शुरू हो गई ।क्या कारण है कि बीसीसीआई की नई कार्य करणी ने पिछले दस महिने से बिहार क्रिकेट एसोसियेसन को ग्रांट के रूप मे दी जाने वाली राशि का भुगतान रोक दिया है? जबकि प्रत्येक नए राज्य क्रिकेट संघो को भुगतान लगातार हो रहा है ।

क्या कारण है कि बीसीसीआई को अनेक पत्र भेज कर बीसीए के अध्यक्ष एवं उनके टीम ने सुचित कर दिया था कि बीसीए सचिव को निलम्बन करने के बाद नए सचिव के रूप मे उप सचिव कार्य देख रहे है, इसलिए बीसीसीआई सचिव संजय कुमार को कोई भी मेल ना भेजे लेकिन बीसीसीआई सारी बातो को धता बताते हुए आज भी सचिव के रूप मे संजय कुमार को मेल भेज रही है क्यो? 

 क्या कारण है कि बीसीसीआई से मिले पैसे से बिहार क्रिकेट टीम के जुनियर सिनीयर महिला एवं पुरूष खिलाड़ियों का टीए डीए का भुगतान बीसीए के चरित्रवान् प्रशासक आज तक नही किया है? किस कानुन के तहत बीसीए के अध्यक्ष जी वगैर एडवरटाइज के दनादन अपने नवरत्नो को बिहार क्रिकेट एसोसियेसन मे विभिन्न पदो पर बहाल कर लाखो की सेलरी दे रहे है दूसरी ओर खिलाडीयों का टीए डीए तथा मैच फी का भुगतान रोक दिया गया है ।

 मेरे प्यारे सम्मानित आलोचना करने वाले लोगों से मै पुछना चाह रहा हूँ कि बिहार क्रिकेट के हित मे यह सवाल मै उठा कर मेंटल बन गया हूँ तो जो भी बीसीए संस्था को अपनी निजी दुकान बना कर यह गोरखधंधा कर रहे है उनको किस नाम से बिहार क्रिकेट के प्रेमी संबोधित करेगें ।बिहार के क्रिकेटरो का पैसा डकार जाने वाले ठग या डकैत ।

चंद चाटुकरो को जुटा कर मुझे मेंटल कहने वाले मेरे पुछे गए सवालो का सिलसिलेवार जबाब बिहार क्रिकेट के प्रेमी मॉग रहे है । बीसीसीआई के रिकार्ड मे बिहार क्रिकेट एसोसियेसन का सचिव संजय कुमार है भले नया दुकान खोल के संजय कुमार को हटा कर दूसरी बहाली कर लाखो की सेलरी दी जा रही है बीसीसीआई को बिहार क्रिकेट एसोसियेसन को भंग करने वाला अर्जुन का तीर मिल चुका है । जल्द ही चलने वाला है । सीएबी बिहार क्रिकेट का कवच कुडंल है ।

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