खाता फ़्रिज होते याद आये खिलाड़ी,अब तो खिलाड़ियों पर झूठा भ्रमजाल मत फेकिए : मनोज कुमार

खेलबिहार न्यूज़

पटना 10 सितंबर: बिहार क्रिकेट संघ के कार्यकारी सचिव पद से बर्खास्त किए गए कुमार अरविंद ने खिलाड़ियों और वैसे तकनीकी पदाधिकारियों पर डोरा डालने का काम शुरू किया है जिसकी अब तक बीसीए की ओर से उपेक्षा की जाती रही है ।

अब जबकि बिहार क्रिकेट संघ का खाता फ्रीज किया जा चुका है ऐसे में उनको उन खिलाड़ियों की याद आई है जो कोरोना काल के संकट में भी पैसे पैसे को मोहताज बने रहे। आए दिन बीसीए दफ्तर का चक्कर काटते रहे ।पदाधिकारियों के घर डोर टू डोर पैसे के लिए गुहार लगाते रहे।

तब कार्यकारी सचिव की हैसियत से कुमार अरविंद को उन प्रतिभावान मेहनतकश और बिहार के लिए प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों की याद नहीं आई । तब वे बीसीए में असंवैधानिक रूप से नियुक्त लोकपाल, इथिक आफिसर और विभिन्न पदों पर जीएम, विभिन्न पदाधिकारियों के पीए और मनमाने ढंग से निर्धारित किए गए कार्यालय और गेस्ट हाउस का भुगतान करने में मशगूल थे।तब2 बीसीसीआई से अनुदानित राशि का बंदरबांट रात दिन जारी था।

दूसरी ओर अंपायर ,पिच क्यूरेटर और और बिहार टीम से खेलने वाले खिलाड़ी पैसे के लिए दरबदर भटक रहे थे।और तो और बिहार में क्रिकेट संचालन में सहयोगी बने भेंडर भी अपने बकाया पैसे को भटक रहे हैं। कुमार अरविंद द्वारा जारी आदेश अब खुद में ही भ्रामक है क्योंकि उन्हें पता है कि इन खिलाड़ियों के लिए फिलहाल वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं।

जब तक यह मामला कोर्ट से हल नहीं हो जाता! इधर बिहार क्रिकेट संघ के सचिव संजय कुमार ने कहा है कि संचालन समिति की बैठक 14 सितंबर को होगी जिसमें पैसे से वंचित इन खिलाड़ियों के भुगतान से लेकर बीसीसीआई को इन्वॉयस भेजने तक का काम किया जाएगा उन्होंने ऐसे खिलाड़ियों को भ्रम जाल से अलग रहने की नसीहत दी और कहा कि उनके बकाया एक एक पैसे का भुगतान शीघ्र किया जाएगा।

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