Home Bihar बिहार क्रिकेट में भ्रष्टाचार के प्रमुख आज दे रहें उपदेश :- कृष्णा पटेल

बिहार क्रिकेट में भ्रष्टाचार के प्रमुख आज दे रहें उपदेश :- कृष्णा पटेल

by Khelbihar.com
  • १. भ्रष्टाचारियों का नहीं गला दाल तो मचा रहें बवाल :- कृष्णा पटेल
  • २. बिहार क्रिकेट में भ्रष्टाचार के प्रमुख आज दे रहें उपदेश :- कृष्णा पटेल

पटना 01 नवंबर: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया कमेटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने बीसीए के नाम पर की गई प्रेस वार्ता को असंवैधानिक बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दिया है कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए हीं इस क्रिकेट संघ से जुड़े थें और जब उनका दाल नहीं गला तो आज तरह-तरह की मनगढ़ंत भ्रांतियां फैलाते फिर रहे हैं।

सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है कि जो लोग गीता, गायत्री और गंगाजल से भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात कर रहे हैं उन सभी लोगों का दामन पहले ही भ्रष्टाचार जैसी गंदगी से गंदा हो चुकी है जिसे पूरे देश ने देखा था और उसके प्रमुख बीसीए के पूर्व अध्यक्ष और इस असंवैधानिक प्रेस वार्ता के सभापति खुद गोपाल बोहरा खुद रह चुके हैं।

गोपाल बोहरा आज बीसीए द्वारा की जा रही सराहनीय कार्यों को भ्रष्टाचार का नाम दे रहे हैं तो सर्वप्रथम वो यह जवाब दें कि जिस समय आप बीसीए के अध्यक्ष थें उस समय स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से ऑपरेशन क्लीन बोल्ड दिखाया गया था जिसमें आपके चयनकर्ता और चमचे डायरेक्ट सौदेबाजी कर रहे थे जिसने पूरे बिहार को शर्मसार कर दिया था और आप उसके प्रमुख थें तो वो कितना पवित्र कमेटी थी।

उस समय आपने गीता, गायत्री और गंगाजल कहां छुपा रखा था। आपके नेतृत्व में जहां रातों- रात जिला कमेटी को बदल दी जाती थी उस समय जिला पदाधिकारियों की बातों को कितना महत्व दिया जाता था और कितने लोगों के पॉकेट से यह संस्था चल रही थी।

वहीं आज बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के नेतृत्व वाली इस कमेटी के द्वारा सभी जिला संघ के पदाधिकारियों को खुलकर अपनी बात रखने की आजादी दी जाती है और सर्वसम्मति से खेल और खिलाड़ियों के हित में हर कार्य किया जा रहा है। तब आपको इसमें हिटलर शाही और भ्रष्टाचार नजर आती है तो मैं यही कहूंगा कि आपका नजरिया और मानसिक संतुलन दोनों बिगड़ चुका है और आपको अब किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेने की जरूरत है।

वहीं कृष्णा पटेल ने संजीव कुमार मिश्रा पर पलटवार करते हुए कहा कि गीता में सनातन धर्म की पूरी आस्था और विश्वास समाहित है इस पवित्र ग्रंथ को लेकर घूमने या बांटते फिरते रहने से यूं हीं किसी की आत्मा पवित्र नहीं हो जाती बल्कि शुद्ध आत्मा के साथ इस पवित्र ग्रंथ की पूजा-अर्चना करते हुए धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने से आत्मा की शुद्धि होती है और हम पवित्र आत्मा के साथ सकारात्मक कार्य कर पाते हैं।

जहां तक बात रही बीसीए अध्यक्ष द्वारा पद की सार्वजनिक घोषणा से तो मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि बीसीए अध्यक्ष ने ही पद से मुक्त करने की सार्वजनिक घोषणा भी की है जो मीडिया बंधुओं के सामने प्रस्तुत किया गया है और मैं एक बार पुनः संजीव कुमार मिश्रा के पास मौजूद पत्र को ध्यान पूर्वक पढ़ने का सलाह देता हूं।

रही बात भ्रष्टाचार से जुड़ी बातों की तो आपको मालूम होगा कि मैं बीसीए मीडिया कमेटी का सदस्य था और वो चेयरमैन तो मैंने इनके कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था।

ठीक उसके बाद बीसीए के पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने अपने कार्यकाल में संजीव कुमार मिश्रा को पहले तो निजी स्वार्थ का लाभ उठाने का मौका दिया तो खूब गुणगान गाया और जब निजी स्वार्थ का लाभ मिलना बंद हो गया तो पूर्व सचिव के खिलाफ एंटी एसोसिएशन गतिविधियों का अंजाम देने लगे और अंततः बीसीए से बाहर कर दिया था।

उस समय भी आग बबूला होकर इस व्यक्ति ने बीसीए को ध्वस्त कर देने की कई धमकियां दी थी और आज भी वही हाल है विदित हो कि 10 अक्टूबर को अपने कार्य क्षेत्र से बाहर गैर जिम्मेदारना कार्य करते हुए भ्रामक समाचार प्रस्तुत करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसका जवाब 3 दिनों के अंदर मांगा गया था और केवल अपने निजी स्वार्थ के लिए आज लोगों के बीच भ्रामक अफवाह फैला रहे हैं ऐसे बहुरूपिया को खेल और खिलाड़ियों से कोई लेना देना नहीं है।

ये वैसे लोग हैं जो गटर कि पानी में डुबकी लगाते हैं। लेकिन बात करेंगे गीता गायत्री और गंगाजल की क्योंकि निजी स्वार्थ की पूर्ति न होने पर ये लोग साफ-सुथरे छवि वाले लोगों की दामन को गंदा करने में तनिक भी देर नहीं करते।

जबकि कुछ ऐसे लोग जिनको क्रिकेट से जुड़े लोग जानते पहचानते तक भी नहीं है व कभी विषय की सभा में उपस्थित भी नहीं हुए। जिनको एक विशेष पहचान दिया बीसीए अध्यक्ष ने लेकिन स्वार्थ में इतने अंधे हो गए हैं कि आज बीसीए अध्यक्ष से खुद का तुलना करने लगे।

जबकि हकीकत यह है कि बीसीए अध्यक्ष की रहमों करम पर इन लोगों को किसी कमेटी का संयोजक तो किसी कमेटी का सदस्य बनाया गया था और कमेटी में पदाधिकारी बनने के लिए इन लोगों ने ना जाने कितने प्रयास किए होंगे।

ये सभी लोग घोर निजी स्वार्थ के कारण अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और लगातार असंवैधानिक कार्य कर रहे हैं। बीसीए का बैनर और प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल कर प्रेस वार्ता करने से जुड़े ऐसे सभी लोगों पर बीसीए जल्द हीं कठोरतम कानूनी कार्रवाई करेगी।

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