पटना : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष को लेकर लगातार लोग ख़ुल कर उनके कार्यों का विरोध कर रहे है सोसल मीडिया में लगातार अध्यक्ष महोदय राकेश तिवारी को लेकर कहा जा रहा है कि उनके राज में बिहार के बाहर के खिलाड़ी खेल रहे है तो कोई पदाधिकारी अपने पदों से इस्तीफा भी दे रहे है जिसके बाद बिहार क्रिकेट का मोहौल काफ़ी गर्म हो चूका है। इसी बीच क्रिकेट एसोसिएशन नालंदा के सचिव सय्यद मोहम्मद जावेद इक़बाल ने अध्यक्ष के कार्यों को लेकर अपना बयान दिया है।
उन्होंने खेलबिहार से कहा ” 18 वर्षो के बनवास के बाद आज बिहार के युवा खिलाडी जूनियर से लेकर रणजी ट्रॉफी तक खेल रहे और दिन बा दिन नया इतिहास लिखने का प्रयास कर रहे, आज वैभव सूर्यवंशी, मो आलम तथा अन्य युवा खिलाडियों को जहाँ बीसीए मौका देरहा वहीँ आईपीएल तथा दूसरे राज्यों से रणजी खेल कर बिहार में सेवा देने का सपना देने आये नालंदा के वीर प्रताप सिंह को बिहार क्रिकेट संघ द्वारा सम्मान देने का काम किया गया और आज वीर प्रताप सिंह बिहार रणजी टीम में अपनी सेवा दे रहे और अच्छा प्रदर्शन कर रहे।
मेरा सवाल उन चंद क्रिकेट के तथाकथित शुभचिंतकों से है के क्या आप लोगों के ये नहीं दीखता जो आप बिहार क्रिकेट संघ और उसके अध्यक्ष माननीय राकेश कुमार तिवारी जी पर बेबुनियाद अनर्गल आरोप लगाने के कार्य में लगे हैँ। क्या आपको ये नहीं दीखता के आज बिहार की रणजी टीम एलेट ग्रुप में दो दो मैच ड्रा करा रही और केरला जैसी मजबूत टीम के खिलाफ परी की बढ़त लेरही। अभी तक मैंने बिहार क्रिकेट में इतना ही पाया है के बिहार क्रिकेट संघ का विरोध कर रहा हर पूर्व / वर्तमान पदाधिकारी सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ के कारण ही क्रिकेट का शुभचिंतक बनकर अपना ज्ञान देने आजारहा।
मैं सय्यद मोहम्मद जावेद इक़बाल नालंदा जिला क्रिकेट का सचिव तथा बिहार क्रिकेट संघ का अंग होने के कारण बीसीए तथा बीसीए अध्यक्ष पर लगरहे झूठे और बेबुनियाद आरोपों का पूजोर विरोध करता हूं। एक चैनल पर पूर्व सचिव रहे रवि शंकर जी का इंटरव्यू देखा जिसमे वो संविधान की बात कर रहे और अध्यक्ष का विरोध जाता रहे परन्तु कब जब क्रिकेट का सीजन समाप्त होगया, जबतक सीजन था तबतक अपना काम निकलना और जब सीजन ख़त्म तो फिर से बिहार क्रिकेट को बदनाम करना ये कहाँ तक सही है। एक जगह पूर्व सचिव ने संविधान का हवाला देते हुए बिहार के एक युवा क्रिकेटर पर 6 वर्षों का प्रतिबंध गलत है परन्तु वो भूल गए के उसी युवा क्रिकेटर पर वर्ष 2017-18 में इनके सचिव रहते इनके द्वारा 6 वर्षों का पहलीबार बैन करने का कार्य किया गया था।
ज्ञानेश्वर गौतम जी द्वारा कहा गया के अध्यक्ष इनको सडक किनारे ग्राहक का इंतज़ार करने वाली वेश्या बताते हैँ जी गाड़ी में सेटिंग हुवा उसपर ही बैठ गए तो पूर्व सचिव महोदय को खुद में मंथन करना चाहिए के अगर ज्ञानश्वर जी द्वारा बताई गयी बात में थोड़ी भी सच्चाई है तो आपकी ये क्षवि बानी कैसे, किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व क्या है उसके नेचर के हिसाव से ही दूसरो के मनन में बनती है।
बिहार क्रिकेट में एक दूसरे से लड़ाने और विवाद कराकर कर अपना उल्लू सीधा करना यही दिखता रहा। मैं बात करूँ ज्ञानेश्वर गौतम जी का तो उसके बारे में भी बिहार के लोगों को भली भांति पता है के वो किसतरह पाला बदलने में माहिर हैँ, आज मीडिया में आकर उलजलूल बोल बातें बोल रहे परन्तु मुझे ये समझ नहीं आता के जब तक येलोग मलाई खाते रहते हैँ तब इनको ये सब बोलने और क्रिकेट का भला क्यों नहीं समझ आता। जैसे ही बिहार क्रिकेट से लात खाते हैँ तब ही इनलोगों के मुँह से बात निकलती है। इससे इन सभी बिहार क्रिकेट के तथाकथित शुभचिंतकों की सच्चाई बिहार की जनता जान चुकी है।
क्रिकेट के कुछ जानकर लोगों ने मुझे बताया है की बिहार क्रिकेट लिग (BCL) में इनके एक से दो करोड़ की डील होरही थी जिसकी जानकारी BCA अध्यक्ष को मालूम चलगया जिसके बाद इनकी ये डील नहीं होपायी। जिसका नतीजा ये निकला की ज्ञानेश्वर गौतम आज BCA अध्यक्ष के खिलाफ विरोधियों से मिलकर प्रोपगंडा और झूठ फैलाने के अपने मिशन में निकल चुके हैँ।
मैं बिहार क्रिकेट के सभी शुभचिंतको से निवेदन करता हूं की अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी जी पर भरोसा रखें, थोड़ा समय दें बिहार क्रिकेट तथा क्रिकेटरों का भविष्य उज्वल होगा।
अब लोग मुझे भी स्वार्थी बोल सकते हैँ परन्तु मैं नालंदा और बिहार क्रिकेट के विकास के लिए कार्य मौका मिला है जिसे मैं पूरी निष्ठां से करूँगा, इसमें हमारे गार्जियन BCA के पूर्व कोषाध्यक्ष आनंद कुमार जी का भी सहयोग लेना पड़ेगा तो लूंगा उनका क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ नालंदा सम्मान करेगा। परन्तु बिहार क्रिकेट संघ को झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने का सडयंत्र करने वाले स्वार्थी लोगों का विरोध जारी रहेगा। नालंदा जिला क्रिकेट संघ कक्रिकेट के विकास के लिए माननीय अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी जी के क्रिकेट में विकास के कार्यों के साथ ईमानदारी से खड़ा रहेगा।