Home Bihar cricket association News, बीसीए मे भुचाल, बीसीए के पुर्व कोषाध्यक्ष आनंद कुमार ने सुबीर मिश्रा को बता दी औकात?,देखे ख़बर

बीसीए मे भुचाल, बीसीए के पुर्व कोषाध्यक्ष आनंद कुमार ने सुबीर मिश्रा को बता दी औकात?,देखे ख़बर

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Patna: बिहार क्रिकेट संघ को लेकर तमाम बातें आपने पढ़े और सुने होंगे लीजिए खेलबिहार.कॉम पेस कर रहा है एक और भूचाल बाली ख़बर, दरसल डीडीए परिवार ग्रुप का एक मैसेज वायरल हुआ है जिसमे बीसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष आनंद कुमार ने सुबीर मिश्रा की पोल खोलते दिखे।

वायरल मैसेज को हु बहु पेस कर रहा है खेलबिहार. कॉम पढ़े पूरी खबर:-नमस्कार दोस्तों, बिहार क्रिकेट में सुबीर मिश्रा जी को कौन नहीं जानता आज के समय में जिला को बिहार क्रिकेट के वे एक चमचमाते सितारे हैं आज के समय में जिला को बचाने वाला कोई बचा नहीं ऐसा वे कहते हैं सुबीर भाई बिहार क्रिकेट के अंतिम पैगंबर हैं सुबीर भाई जैसा सन्यासी व्यक्ति कहां मिलेगा कि हर दिन एक ही रट थी उनकी रविशंकर प्रसाद को हटाओ क्योंकि रविशंकर सिंह बिहार क्रिकेट को बर्बाद कर देंगे हमने भी सुबीर भाई के अलौकिक शब्दों को सुनकर उनका शिष्य बनने की ठान ली और मैं उनके ही रंग में रंग गया उनके कंधे से कंधा मिलाकर मैं भी उनकी आवाज को बुलंद करने लगा और उनके उद्देश्य को सफल बनाना अपना जीवन का लक्ष्य बना लिया। महाराज सुबीरानंद जी की माया बिहार क्रिकेट में इतनी विशिष्ट है कि उनकी आवाज सुनकर लोग उनसे मोहित हुए बिना नहीं रह सकते वह आज परमहंस की अवस्था पा चुके हैं सुबीर जी अपना लोक धर्म निभाते हुए यह बताने आ जाते हैं कि तात,

बिहार क्रिकेट में रविशंकर से बुरा कोई व्यक्ति नहीं है सुबीर भाई को मैं महर्षि सुबीरानंद इसलिए कहता हूं के सन्यासी हैं ये सारा मोह माया छोड़ चुके हैं अब लोगों को कहने को क्या लेना है यह तो उन से जलने बाले लोग हैं जो कहते हैं कि भैया के बाद बबुआ और उनके बाद उनका बबुआ लेकिन मैं यह नहीं मानता हूं क्योंकि उनका मैं भी एक पक्का शिष्य हूं और उनके वंश से जो कोई भी उत्तराधिकारी बनेंगे मैं उनकी इज्जत करता रहूंगा और इसे मैं अपना सर्वोत्तम धर्म मानूंगा तथा मैं चाहूंगा कि उनके वंश के जब तक उत्तराधिकारी आते रहे यूही उनकी सेवा करता रहूं महाराज के वह शब्द आज भी मुझे याद हैं जिनमें उन्होंने जिला से अंतरात्मा की आवाज सुनने का उपदेश दिया था उनके इस उद्देश्य को समझने के लिए आपको विवेकशील होना पड़ेगा तथा अपने आप को उनके स्तर तक उठाना पड़ेगा और यह समझना पड़ेगा कि बिहार क्रिकेट जब तक उनके अनुसार फैसला करेगा तो वह ठीक वर्ना——-।

अंतरात्मा की बात करते महाराज जी अध्यात्म की ओर प्रस्थान कर जाते हैं तथा यह भूल जाते हैं कि उन्होंने हमें उपदेश दिया था कि आनंद कुमार तुम्हारी पत्नी 18-02-1917 में नालंदा की अध्यक्ष थी इसलिए तुम उसे इस चुनाव में उतारो और मैं तुम्हें सफलता अवश्य दिलाऊगा क्योंकि 14 जिलों का साम्राज्य का आशीर्वाद उन शब्दों में बंधा हुआ था। सुबीरानंद जी अपनी अंतरात्मा की आवाज म्यूट मोड में डाल देते हैं जब उनकी फायदे की बात होती है यह तो सन्यासी हैं अभी यह ध्यान में है इसलिए आज बिहार क्रिकेट जगत से अनभिज्ञ हैं। अब हम बात करते हैं कि उनके उस आशीर्वाद का जिसके फलस्वरुप 13 जिलों में घमासान मच गया उसमें उनके एक और गुरुभाई का जबरदस्त हाथ था सारे चिट्ठी उन्हीं के द्वारा टाइप की गई थी और और उस समय यह कन्वीनर का पद सुशोभित कर किया करते थे।

वायरल मैसेज

जैसे शंकर भगवान की नगरी कैलाश जाने से सारे लोग पाप से मुक्त हो जाते हैं उसी तरह आज बिहार के सारे खिलाड़ी मधुबनी को एक धाम समझकर वहां खेलना अपना शान समझते हैं और धाम समझकर वह वहां से खेलना अपने जीवन का सर्वोत्तम क्षण मानते हैं एक समय महाराज सुबिरानंद क्रिकेट के लिए इतने चिंतित थे उनकी पूरी दुनिया क्रिकेट ही थी ।और इसके लिए तो वे अपने मधुबनी के उत्तराधिकारी को शिक्षा लेने के लिए रविशंकर जी के चरणों में अर्पित कर दिया था यह त्याग तो ऋषि दधीचि के अस्थि दान से भी कहीं विशेष था आज मधुबनी से खेलने वाले खिलाड़ी अपने आप को धन्य मानते हैं अगले साल से तो जगह-जगह से भक्त उनके दर्शन का मधुबनी में जमघट जरूर लगाएंगे यह सही है कि मैं आम आदमी हूं आप सन्यासी हैं.

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मैं तो पुत्र मुंह में रहूंगा ही आपको छोड़कर और कोई व्यक्ति अपने पुत्र का त्याग नहीं कर सकता आप तो भूल ही गए कि रविशंकर जी के यहां जो मैं गया था वह आपका दूत बनकर गया था क्योंकि आपके जिला के खिलाड़ियों का नाम ट्रायल में शामिल करवाना था क्योंकि उस समय आप की अधीरता तथा आपका दुख मुझसे देखा नहीं गया आप में और हम में तो बहुत फर्क है महाराज आपकी वाणी में तो आज है जिससे लोग आपकी बातों में फंसे बिना नहीं रह सकते हैं मैं आपकी बातों का जवाब देना आप के सम्मान में गुस्ताखी मानता हूं लेकिन मैं क्या करूं चुप रह जाना सच्चाई को स्विकारना होगा। अगर आप के सम्मान में कोई गुस्ताखी हुई होगी तो मुझे क्षमा करना ऐसा मैं उम्मीद करता हूं

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