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Siwan:-सिवान जिला ग्रॆपॅलिग संघ के राष्ट्रीय एवम् अन्तराष्ट्रीय ग्रॆपॅलिग खिलाड़ी जिले के फतेपुर शिवा जी नगर के संयुक्त राज सिंह जो की अंनत सिंह के पुत्र है और इनकी माता उर्मिला देवी एक कुशल गृहणी है।
संयुक्त राज सिंह सीवान जिले के तरफ से अब तक 8 स्वण॔ पदक लखीसराय, सुपौल ,आरा, हाजीपुर ,पटना ,कैमुर भभुआ इन जिलों मे सिवान जिले के तरफ से जीतकर चैम्पियन बन अपने सिवान जिले का नाम रौशन कर चुके हैं।
और ये वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने ग्रॆपॅलिग खेल मे 2017 से लेकर अब तक राष्ट्रीय ग्रॆपॅलिग चैम्पियनशिप मे 6 स्वण॔ पदक दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों मे जीतकर बिहार प्रदेश और अपने सिवान जिले का गौरव भी बढा चुके है
इतना ही नही राष्ट्रीय स्तर के बाद भारतीय ग्रॆपॅलिग संघ के तरफ से अपने भारत देश के लिए अन्तराष्ट्रीय ग्रॆपॅलिग चैम्पियनशिप मे भी 2 स्वण॔ पदक भी जीत कर भारत देश का तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 3rd साउथ एशियन ग्रॆपॅलिग चैम्पियनशिप 2017 नेपाल देश मे भारत देश के लिए स्वण॔ पदक जीता तो वही 4th साउथ एशियन ग्रॆपॅलिग चैम्पियनशिप भुटान 2018 मे भी स्वण॔ पदक जीतकर अपने अपने भारत देश का नाम रौशन कर चुके हैं।
लेकिन ये होनहार खिलाड़ी संयुक्त राज सिंह कई बार चैम्पियनशिप मे जाने के लिए कज॔ लेकर राज्य और राष्ट्रीय एंव अन्तराष्ट्रीय ग्रॆपॅलिग चैम्पियनशिप मे जीत चुके है जिसके कारण आज भी लोन के सहारे सहारे कर्ज भरते है।
लेकिन आज इस खिलाड़ी के सामने आर्थिक स्थिति बहुत बुरा होने के कारण एशियन ग्रॆपॅलिग चैम्पियनशिप फिलीपीन्स 2019 मे आयोजित होने वाला है जो दिनांक 13 दिसम्बर से लेकर 17 दिसम्बर तक आयोजित होगा और इसमे एशिया देश के सभी खिलाड़ी अपनें अपने देश के लिए खेलेंगे।
जिनमे सिवान के संयुक्त राज सिंह का चयन भारतीय ग्रॆपॅलिग संघ के तरफ से भारत देश के लिए हुआ है वहीं आर्थिक स्थिति इतने बुरा होने के कारण देश के भविष्य इस खिलाड़ी को चैम्पियनशिप में जाने के लिए असथ॔ता महसुस हो रहा है।
संयुक्त राज सिंह का कहना है कि अगर इस चैम्पियनशिप मे जाने का मौका मिलता तो वो भारत देश के लिए जरूर स्वण॔ पदक जीतकर लाते और एक बार फिर अपने देश का नाम रौशन करते और अगले साल 2020 मे वल्ड॔ ग्रॆपॅलिग आयोजित चैम्पियनशिप मे भारत देश के लिए खेल पाता।
लेकिन मेरे इस खराब आर्थिक स्थिति पर अभी अपने जिले के किसी भी सरकारी महकमा या जनप्रतिनिधियों यहां तक कि सरकार से भी कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है जिससे मेरा कैरियर तबाह होने की कगार पर पहुंच चुका है।