Home Bihar cricket association News, बीसीए से निलंबित सचिव कर रहे हैं मनमानी व बीसीए सदन की अवहेलना :- कृष्णा पटेल।

बीसीए से निलंबित सचिव कर रहे हैं मनमानी व बीसीए सदन की अवहेलना :- कृष्णा पटेल।

by Khelbihar.com
  • बीसीए से निलंबित सचिव व बीसीए से बर्खास्त मीडिया मैनेजर अपनी मनमानी कर रहे हैं

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Patna: खेलबिहार.कॉम न्यूज़ द्वारा बीते कल एक बिहार क्रिकेट में हो रहे चर्चा को कहीं बीसीए में मनमानी तो नहीं हो रहा है ?के नाम से ख़बर चलाया गया इस इस खबर को खंडन करते हुए बीसीए के मीडिया प्रभारी कृष्णा पटेल ने कहा कि बीसीए में किसी प्रकार की मनमानी नहीं हो रही है।

बल्कि बीसीए से निलंबित सचिव व बीसीए से बर्खास्त मीडिया मैनेजर अपनी मनमानी कर रहे हैं और असंवैधानिक रूप से टीम की घोषणा या अन्य प्रकार की क्रियाकलापों को मीडिया के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं जबकि सर्वविदित है कि 31 जनवरी 2020 को बीसीए की हुई वार्षिक आम सभा की बैठक में सदन के सम्मानित सदस्यों ने जो आरोप बीसीए के सचिव पर लगाए और उन पर जांच कमेटी गठित कर जांच कराने का निर्णय किया।

इस जांच में जब तक निर्दोष नहीं पाए जाते है तब तक सदन ने बीसीए सचिव को कार्य से मुक्त रखने का निर्णय किया था। जिसके बाद बीसीए के अध्यक्ष श्री राकेश कुमार तिवारी जी ने सदन के सम्मानित सदस्यों की भावनाओं और सदन की गरिमा को ध्यान में रखते हुए बीसीए के सचिव को कार्यमुक्त कर दिए और बीसीए के संयुक्त सचिव श्री कुमार अरविंद जी को कार्यकारी सचिव का प्रभार सौंप दिया गया।

वही बीसीए के मीडिया मैनेजर श्री संतोष झा की नियुक्ति को भी सदन ने गलत पाया और उन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया है लेकिन यह दोनों आज भी अपनी मनमानी तरीके से सदन की अवहेलना करते हुए निरंतर बीसीए के मीडिया मैनेजर और बीसीए के सचिव पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही साथ खिलाड़ियों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं ।


मैं पूछना चाहता हूं की राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा विजय हजारे ट्रॉफी में जिस
खिलाड़ी का चयन नहीं हुआ था और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने स्टैंड बाय में भी जगह नहीं दिया था वैसे खिलाड़ी कैसे एकाएक उस टीम का प्रमुख खिलाड़ी बन गए जिनमें वर्तमान बीसीए से निलंबित सचिव के पुत्र भी शामिल है।

उसके बाद सचिव के पुत्र निरंतर सभी स्तरीय फॉर्मेट के प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल रहे वही निलंबित मीडिया मैनेजर के पुत्र भी रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल किए गए यह मनमानी नहीं तो और क्या है ? क्या इन दोनों पर कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट लागू नहीं होता ? क्या यह दोनों सदन की अवहेलना नहीं कर रहे हैं ? अगर आप निर्दोष हैं तो निष्पक्ष जांच कराने से क्यों कतरा रहे हैं ?

इसीलिए मैं आपको बता देना चाहता हूं कि बीसीए में किसी प्रकार की मनमानी नहीं है यहां सदन के सम्मानित सदस्यों के निर्णय का अनुपालन किया जा रहा है। और दोषियों पर कमेटी बैठा कर उसकी निष्पक्ष जांच कराई जा रही है ।


जब तक यह सचिव निर्दोष नहीं पाए जाते तब तक यह बीसीए से कार्यमुक्त हैं उसके बावजूद भी अगर ये किसी प्रकार का काम करते हैं या कर रहे हैं यह उनकी मनमानी है और सदन की अवहेलना ही मानी जाएगी जो निश्चित रूप से असंवैधानिक है ।इनको कानून पर विश्वास करना चाहिए और इस जांच का सामना कर उनको पूरा सहयोग करना चाहिए।

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