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बीसीए के पूर्व सचिव ने बीसीए के वर्त्तमान इस्तिथी पर रखी अपनी बात?देखे ख़बर

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़


 
पटना 3 जून : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की नव निर्वाचित कमिटी और क्रिकेटरों के हित में योजनाबद्ध तरीके से कार्य नहीं कर पा रही है ये बातें बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने खेलबिहार न्यूज़ से ख़ास बात चीत में खेलबिहार के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कही है।।

बीसीए के वर्त्तमान कार्यकलाप के सम्बन्ध में पूछे जाने पर श्री रविशंकर जी ने कहा है कि आठ महीने हो गए इस कमेटी को अस्तित्व में आए हुए, मगर अभी तक एक भी ऐसा काम नहीं हुआ जो बिहार के क्रिकेट व यहां के क्रिकेटरों के हित में हो। 

ओहि बीसीए अध्यक्ष के बारे पूर्व सचिव ने कहा की अध्यक्ष एक अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन उनके आस पास जो लोग है, वो उनके संवैधानिक रूप से काम करने में बाधक बन रहे  है.

श्री सिंह ने आगे कहा है कि क्रिकेट संसाधन के विकास पर सबसे अधिक काम करने की जरूरत थी, जिसे कोई अहमियत नहीं दिया गया। बीसीसीआई से प्राप्त करोड़ों रुपये की अत्याधुनिक मशीनें  बरबाद हो रही है, इस ओर अब तक  बीसीए के अधिकारियों ने ध्यान हीं नहीं दिया है। 

समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली है कि सभी जिलों से सभी आयु वर्ग में 35- 35 खिलाड़ियों की सूची बीसीए के द्वारा मांगी गई है। बालक वर्ग की U -16, U-19, U-23 और सीनियर तथा बालिकाओं मे सीनियर और जूनियर में U-23 & U- 19  को मिला कर कुल सात वर्ग होते हैं, अगर सभी जिला सभी वर्गों से 35-35 खिलाड़ी का की सूची बीसीए को देता है, तो लगभग नौ हजार खिलाड़ियों की सूची तैयार होगी।

आज एक कैंप लगाने की जगह जिस बीसीए के पास नहीं है, वो इन नौ हजार खिलाड़ियों को ट्रेनिंग कहां करवाएगी। एक बात और की जिन खिलाडियों का निबंधन बीसीसीआई से हो चूका है, उनको क्या फिर से निबधन करवाना होगा ?

  एक सवाल और कि जिस जिला में विवाद है, तथा जहां का मामला बीसीए लोकपाल के यहाँ लंबित है, उक्त जिले से कौन सा गुट खिलाडियों की सूची भेजेगा ? जिला की जिस कमेटी को बीसीए की पूर्व की कमेटी ने मान्यता दे रखी थी और  जिनके खिलाडियों ने बीसीसीआई के घरेलू मैचों में हिस्सा लिया है, क्या वो खिलाडी दुबारा जिला से निबंधन करवाएंगे ?  जिन लोगों ने पिछले वर्ष क्रिकेट की गतिविधि को जिला में संचालित किया , उनके खिलाडियों का क्या होगा ?

पूर्व सचिव ने वर्तमान की कमेटी के द्वारा खिलाडियों के पंजीकरण के लिए जारी फार्म पर कहा है, की इस प्रकार के फार्म में केवल सचिव का हस्ताक्षर होता है, जबकि वर्तमान में जारी फार्म में सचिव और अध्यक्ष दोनों के हस्ताक्षर का प्रावधान किया गया है, यह सही नहीं है.

बीसीए के ए जी एम के सदर्भ में पूछे जाने पर पूर्व सचिव ने कहा कि एक वर्ष में एक हीं ए जी एम वैध्य है, जबकि बीसीए के वेबसाईट के सन्दर्भ में पूछे जाने पर पूर्व सचिव ने कहा कि biharcricketassociation.com पूर्व से विवादित है, और इसे पूर्व की कमेटी के द्वारा टर्मिनेट किया जा चूका है, जबकि biharcricketassociation.in पूर्व की कमेटी के द्वारा संचालित है,

बीसीए का चुनाव सहित सभी सूचनाएँ इसी वेबसाईट के द्वारा दी जाती रही है, वर्तमान में इस वेबसाईट  को लेकर भी कमेटी के सदस्यों के बीच विवाद चल रहा है.बीसीए के पदाधिकारियों के बीच चल रहे विवाद ने भी बिहार के क्रिकेटरों के भविष्य को बाधित करने का काम किया है।

आठ महीने बीतने देखते हुए और लड़ते हुए बीत गए, आज तक बीसीसीआई के घरेलू मैचों में बिहार का प्रतिनिधित्व करने खिलाड़ियों का इनवायस भी अब तक बीसीसीआई को नहीं भेजा गया है, बीसीए को जो डी ए की राशि खिलाड़ियों को भुगतान करना है वो भी नहीं किया गया है, फिर आखिर हो क्या रहा है ?

एक समय था जब बीसीए के पास क्रिकेटिंग गतिविधियों को संचालित करने के लिए राशि का घोर अभाव था, लेकिन आज वो परिस्थिति नहीं है , बीसीए के पास पर्याप्त धन राशि है जिससे वो बिहार के क्रिकेटरों के लिए आवश्यक कदम उठा सकता है। पटना में कई इंडोर स्टेडियम हैं , जिसे भाड़े पर लेकर बीसीए खिलाडियों को वरसात के समय में भी या अभी सरकार से अनुमति लेकर सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए तैयारी करवा सकती है. जिलों की स्थिति सही नहीं है, 

अत: जिलों में क्रिकेटिंग संसाधन के विकास के लिए अविलंब कार्य प्रारंभ किया जाय.  
पूर्व सचिव ने बीसीए के पदाधिकारियों को सलाह देते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के बाद बरसात और चुनाव दोनों को देखते हुए घरेलू सत्र का आयोजित होना तो मुश्किल हीं है,

इसलिए बीते सत्र के बीसीसीआई से निबंधित खिलाडियों का  प्रदर्शन के आधार पर हर क्षेत्र और वर्ग से सूची बनाकर उनके ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाए, ताकि इनका फिटनेस सही हो सके, फिर बीसीसीआई का खेल संबंधित मार्गदर्शन जारी होने के बाद  कैंप का आयोजन किया जाए। ताकि आगामी सीजन में बिहार के खिलाडी बीसीसीआई के घरेलू मैचों अच्छा प्रदर्शन कर सके.

बीसीए में चल रहे विवाद को संविधान के अनुसार हल किया जाए, पूर्व की कमेटी के द्वारा किए गए संविधान सम्मत निर्णय को आधार बनाकर और बीसीए के संविधान में दी गई व्यवस्था को अपनाकर वर्तमान बीसीए के अधिकांश विवाद को हल किया जा सकता है।
 

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