Home Bihar बीसीसीआई का अभिन्न अंग है बिहार क्रिकेट एसोसिएशन:- कृष्णा पटेल(बीसीए मीडिया कन्वेनर)

बीसीसीआई का अभिन्न अंग है बिहार क्रिकेट एसोसिएशन:- कृष्णा पटेल(बीसीए मीडिया कन्वेनर)

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 17 जुलाई: बिहार क्रिकेट के लिए आज बहुत ख़ास माना जा रहा है क्योंकि बीसीसीआई के बैठक में बीसीए में जो विवाद था उसको लेकर बीसीसीआई ने इस बैठक के एजेंडे में स्थान देते हुए चर्चा के लिए शामिल किया है ऐसे में आज बिहार क्रिकेट में मानो सनाटा छाया था कोई कुछ नही बोल रहा है सभी को बीसीसीआई के फैसले का इंतजाम है ।

इसी बीच बीसीए मीडिया कमेटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने एक बयान जारी कर कहा कि बीसीसीआई और बीसीए एकजुट है व बीसीसीआई से विभिन्न प्रकार का सहयोग और समर्थन बीसीए को प्राप्त है और आगे भी इसी प्रकार का समर्थन और सहयोग मिलता रहेगा ।क्योंकि बीसीसीआई का अभिन्न अंग है बीसीए।कृष्णा पटेल ने कहा कि कुछ लोग गिद्ध की तरह ताक लगाए बैठें हैं कि बीसीए कब टुकड़े- टुकड़ों में विभाजित हो जाय जिसका एक टुकड़ा हमको भी नसीब हो ।


इसीलिए वो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर भ्रामक अफवाहें फैलाते फिर रहे हैं और लोगों को दिग्भ्रमित कर अपनी रोटी सेकना चाहते हैं।लेकिन वो अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे और उनको मांस का एक छोटा सा टुकड़ा भी नसीब नहीं हो पाएगा।क्योंकि बीसीए पूरी तरह से एकजुट है और बीसीए को बीसीसीआई से पूरा सहयोग और समर्थन प्राप्त हो रहा है।बीसीए अब पूरी तरह से सुरक्षित हाथों में है जहां से खेल और खिलाड़ियों का संपूर्ण विकास होना तय है। जिसकी बानगी भी दिखने लगा है।


जिसके फलस्वरूप अब सभी जिला संघ के पदाधिकारियों सहित खिलाड़ियों में भी उत्साह और आत्मविश्वास झलकने लगी है।बीसीए की बागडोर अब पुनः उन काले- कारनामों को अंजाम देने वाले और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेलने वाले के हाथों में नहीं जायेगी ये भी तय है।
जो लोग बीसीसीआई- बीसीसीआई का माला फेरते- फिरते हैं उनको भी समझ जाना चाहिए कि बीसीए पर बीसीसीआई के समक्ष मनगढ़ंत आरोप लगाकर छवि खराब नहीं किया जा सकता है और उससे कुछ हासिल भी नहीं किया जा सकता। वो अब दिखलावे का क्रिकेट का हितैषी बनना भी छोड़ दें। क्योंकि उनका चरित्र पूरी तरह से उजागर हो चुका है और बच्चा- बच्चा समझ चुका है।क्योंकि बीसीसीआई और बीसीए पूरी तरह से एकजुट है और अब बीसीए – बीसीसीआई का एक अभिन्न अंग बन चुका है।

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