Home Bihar बीसीए के तकदीर पर बीसीसीआई से ले सकता है आज कोई बड़ा फैसला-आदित्य वर्मा

बीसीए के तकदीर पर बीसीसीआई से ले सकता है आज कोई बड़ा फैसला-आदित्य वर्मा

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 17 जुलाई: सीएबी सचिव आदित्य वर्मा ने कहा है कि बीसीसीआई के एपेकस काउंसिल के आज होने वाली बैठक मे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारीयों के द्वारा आपस मे चल रहे अहम की लड़ाई के उपर भी चर्चा करने के लिए एजेंडा के सुची मे 7 न. पर वर्णित है । ऐसा लग रहा है कि खिलाड़ियों के बीच तूफान के आने के पहले वाली शांति छाई हुई है ।

थोड़ा पूर्व के इतिहास मे झॉक कर देखे तो गैर विभाजित बिहार मे 1935 मे बिहार क्रिकेट एसोसियेसन संस्था को बीसीसीआई ने मान्यता दिया था । जमसेदपुर के कीनन स्टेडियम मे बीसीए का कार्यालय था । जब 2000 मे बिहार राज्य का विभाजन हुआ था तो झारखंड राज्य 13 जिला को लेकर बना था । राज्य विभाजन के पश्चात बिहार क्रिकेट संघ का भी विभाजन 2001 मे तत्कालिन अध्यक्ष बीसीए के दूारा सभी सम्मानित सदस्यों के मंजुरी के पश्चात जमसेदपुर मे आहुत बैठक मे कर दिया गया ।

विभाजित बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष लालू प्रसाद को नामिनेट किया गया था जबकि 13 जिला क्रिकेट संघ से बने नए राज्य झारखंड मे क्रिकेट एसोसियेसन ऑफ झारखंड बना जिसके अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को बनाया गया था । तत्कालिन अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने बिहार एवं झारखंड के क्रिकेटरो के हित के लिए बीसीसीआई के दूारा एक ऐडहोक कमिटी बना दिया था जिसमे बिहार से दो, झारखंड से दो तथा चेयरमैन के रूप मे उडिसा राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष को रखा था । एक तरह से देखा जाए तो बिहार के क्रिकेटरो का दुर्दशा शुरू हो गया था ।

एक सोची समझी साजिश के तहत 2003 मे एक बिहार क्रिकेट संघ का निबंधन झारखंड के रॉची मे भी करा दिया गया तथा बाद में उसका नाम बदल कर झारखंड राज्य क्रिकेट संघ कर दिया गया । असली हकदार बिहार को कचडे के डब्बे मे फेक दिया गया था । सारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव के हैसियत से मैने इस चोरी पर पहली बार बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के लिए 2003 से झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के खिलाफ केस दर्ज किया था कि धोखा से बिहार क्रिकेट एसोसियेसन को नाम बदल कर झारखंड राज्य क्रिकेट संघ बना कर बिहार के क्रिकेटरो को बाहर फेक दिया गया था ।

मामला विभिन्न कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक गया तथा 04 जनवरी 18 बिहार क्रिकेट के लिए एक यादगार लम्हा था जब माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बेंच ने बीसीसीआई को निर्देश दिया था कि बिहार के क्रिकेटरो को प्रथम श्रेणी का मैच खेलने दिया जाए । मेरे लिए सौभाग्य की बात था कि मैने इनपरसन बिहार क्रिकेट तथा बिहार के क्रिकेटरो के बारे मे कोर्ट को राज्य विभाजन के पश्चात से लेकर सारी घटनाओं से माननीय सुप्रीम कोर्ट को अवगत करा दिया था ।

सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक यह रहा कि 4 जनवरी 18 के आदेश के बाद भी बीसीसीआई के दूारा फरवरी मे शुरू होने वाले विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार को मौका नही दिया तब मैने तत्काल बीसीसीआई के उपर अवमानना का केस दर्ज कर दिया था ।1 मई 18 को बीसीसीआई के प्रशासको ने लिखित माफिनामा मांगते हुए पहली बार ऐसा हुआ था कि 7 महिना के अंदर ही बीसीसीआई ने सितम्बर मे विजय हजारे ट्रॉफी कराना पड़ा और 18 वर्षो के वनवास के बाद बिहार क्रिकेट टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी में खेला था ।29 सितम्बर 19 को अवैध तरीके से बीसीसीआई के तत्कालिन सीओए विनोद राय ने बिहार क्रिकेट संघ का चूनाव करा दिया जबकि एक और बीसीए पटना हाई कोर्ट के वकिल जगन्नाथ सिंह अध्यक्ष के हैसियत से बना कर बीसीसीआई को सुचित कर दिया था ।

जिसको सीओए ने मान कर एक पत्र बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के दोनो ग्रूप को भेज कर कुछ मॉगा था । लेकिन जगन्नाथ सिंह के बीसीए को दरकिनार कर गोपाल वोहरा जी के बीसीए का चुनाव करा दिया था । जगन्नाथ सिंह का अवमानना का केस सुप्रीम कोर्ट मे लगा हुआ है । 29 सितम्बर को बीसीसीआई के दूारा बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव मे नई कार्य करणी का गठन हो गया जिसके अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी तथा सचिव संजय कुमार के अलावे अनेक पदाधिकारी चुनाव जीत के आ गए थे । एकबारगी लगा कि बिहार क्रिकेट पुनः पटरी पर आ चुका बीसीसीआई ने 11 कड़ोर रूपए बीसीए को दिया।

मात्र 10 महिनो मे बिहार क्रिकेट एसोसियेसन का तमाशा बन गया मजबूर हो कर बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के पदाधिकारीयों के करतूतो से तंग आ कर बीसीसीआई ने आज के ऐपेकस काउंसिल के होने वाले बैठक मे बिहार क्रिकेट के वर्तमान स्वरूप पर भी कोई एक्शन लेने वाला है । इसमे कोई शक नही है कि बिहार क्रिकेट संघ को चलाने मे ये कमिटी पुरी तरह विफल साबित हुआ है । बीसीसीआई के एक पूर्व सम्मानित पदाधिकारी ने कहा है कि बीसीसीआई या तो वर्तमान बीसीए को भंग कर दे। दूसरा बीसीए से संबधित मामला को बीसीसीआई के लोकपाल के पास भेज दे ।बीसीसीआई एक कमिटी बना कर बिहार क्रिकेट एसोसियेसन मे घटित घटनाओं की जॉच करा के रिपोर्ट ले ।जॉच पुरी होने तक बिहार क्रिकेट को चलाने के लिए बीसीसीआई एक कमिटी बना दे ।शाम को होने वाले बैठक के बाद बिहार के मामले पर क्या होता है थोड़ा इंतजार हम सभी को करना होगा ।

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