Home Bihar Cricket News, 30अगस्त कीSGM बीसीए सचिव नही बल्कि फूल मेंबर्स के आग्रह पर बुलाया गया था:शशिभूषण सिंह

30अगस्त कीSGM बीसीए सचिव नही बल्कि फूल मेंबर्स के आग्रह पर बुलाया गया था:शशिभूषण सिंह

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 31 अगस्त: कल दिनांक 30 .8. 2020 को पटना के राजबंशी नगर, स्थित निरीक्षण भवन में आयोजित विशेष आम सभा का आयोजन किया गया था जिमसें अविश्वास प्रस्ताव पारित कर बीसीए अध्यक्ष व संयुक्त सचिव को हटा दिया गया । इस बैठक को बीसीए कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद ने एक बयान दिया था की यह बैठक सिर्फ भर्मित करने वाला है और बर्खास्त सचिव को कोई अधिकार नही की वह बैठक बुला सके।अब उसके जबाब में देने आगे आये शशिभूषण सिंह।

शशिभूषण सिंह ने कहा है कि 30 अगस्त की SGM बिहार क्रिकेट संघ के सचिव श्री संजय कुमार (मंटू) के द्वारा नहीं किया गया था बल्कि सच्चाई यह है कि उक्त बैठक का आयोजन बिहार क्रिकेट संघ के फूल मेंबर्स के आग्रह पर बीसीए के सचिव ने पूर्ण लोकतांत्रिक और बीसीए संविधान का सम्मान करते हुए विशेष आम सभा का सफल आयोजन किया। ये पूरी बाते सुपौल सचिव शशिभूषण सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है।।

उन्होंने कहा है कि 31-01-2020 और 26.6. 2020 जो आरा स्थित होटल आदित्या इन में अवैध एजीएम और एसजीएम का आयोजन किया गया ।जहां लोकतांत्रिक प्रणाली बीसीए संविधान की धाराएं और मानव मूल्यों की हत्या किया गया था, एक ओर बीसीए के आदेश निर्देश के आलोक में वाजिब जिला संघों के पदाधिकारियों को बाहुबल के सहारे उक्त दोनों बैठकों में सम्मिलित होने से रोक कर, अयोग्य व्यक्तियों को सम्मिलित कर भारतीय परंपराओं ,वीसीए संविधान धाराओ को कैद कर जिलों के अधिकार और स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ किया गया था।

दो ऐसे व्यक्ति 31 जनवरी 2020 के दिन से कल तक यानी दिनांक 30 .8. 2020 तक जिस प्रकार बीसीए और और बीसीए तंत्र को उसके स्वाभिमान, उसकी आजादी, संविधान की धाराओं को गुलाम बनाते हुए बीसीए के राशि का बिहार क्रिकेट के प्रतिभाओं के साथ किए गए खिलवाड़ करने वाले व्यक्ति आज कैसे और किस आधार पर वैध और अवैध कार्यों में अंतर बता रहे हैं ।

हम बीसीए के अहंकारी दो निवर्तमान पदाधिकारी तिवारी और कुमार अरविंद से पूछना चाहता हूं कि चुनाव में गलत शपथ पत्र समर्पित कर चुनाव पदाधिकारी बने हुए राजा हरिश्चंद्र ,दूसरा बीसीसीआई द्वारा प्राप्त राशि का बंदरबांट करने वाला राजा हरिश्चंद्र कैसे ,तीसरा बीसीए के संविधान के विरुद्ध मनमाने ढंग से कर्मचारियों की नियुक्ति एवं करोड़ों रुपया मासिक तनख्वाह के रूप में बांटने वाला किस आधार पर राजा हरिश्चंद् ? यहां के बच्चों को जिन्होंने बिहार टीम के तरफ से खेल कर यहां टीम का प्रतिनिधित्व किया उनको मिलने वाली विभिन्न प्रकार के भक्तो का भुगतान नहीं कर, अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कर्मचारियों को भुगतान किया जाना कहां से न्यायोचित है ?

जहां एक ओर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यालय में कार्यालय के लिए 17000 मासिक किराया भुगतान किया जाता है, जिसके बदले लगभग ₹100000 रकम किराया के रूप में भुगतान किया जाना कहां से उचित है, इन दोनों कार्यालय के लिए भुगतान किया गया ₹83000 का अंतर पैदा करने वाले राजा हरिश्चंद् कैसे कहें जायेगे और जिन्होंने ₹17000 किराया देकर बीसीए के कार्यों का निष्पादन करते थे वोचोर हो गए । लोकपाल को 12500 हजार मासिक तनख्वाह के एवज में 300000 रुपैया मासिक भुगतान करने वाला राजा हरिश्चंद्र, लेकिन जिस व्यक्ति ने 25.5. 19 के एजीएम में लिए गए निर्णय लोकपाल सहित अन्य कर्मियों को भुगतान कर रहे थे वह दोषी किस आधार पर?

अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठता है कि
क्या बीसीए के संविधान के किस धारा में यह वर्णित है कि बीसीए का पदाधिकारी कितना भीड़ तरीकों के सहारे कार्यों का निष्पादन करें उनके द्वारा किए गलत कार्य निर्णय का विरोध करने वाले इनके गलत कार्यों का या इनके द्वारा लगातार हो रहे असंवैधानिक गतिविधियों का विरोध करना अथवा आवाज बुलंद बुलंद करना कहां से संघ विरोधी कार्य काल आता है जबकि आपके और आप के अध्यक्ष राकेश तिवारी जी के द्वारा खुल्लम खुल्ला विषय संविधान की धाराओं सामाजिक सौहार्द आपसी भाईचारा सामाजिक और संवैधानिक सॉरी क्यों और व्यवस्था को तार-तार किया जा रहा है ।

बिहारी प्रतिभा के भविष्य को अंधकार की खाई में धकेला जा रहा है, कहां से यह नेक कार्य कहा जाएगा इसका जवाब आप दोनों राजा हरिश्चंद्र के अनुयायियों को सार्वजनिक स्थल पर आकर बिहार के क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों के समक्ष साझा करना होगा की 31 जनवरी 2020 से 30 अगस्त 2020 तक बिहार में क्रिकेट के क्षेत्र में कितना विकास हुआ ?

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