Home Bihar मुजफ्फरपुर में नवीकरण के बहाने नये पुराने क्लबो का पंजीकरण नहीं करने से रोष,खेमेबाजी से खिलाड़ी संकट में: पंकज कुमार

मुजफ्फरपुर में नवीकरण के बहाने नये पुराने क्लबो का पंजीकरण नहीं करने से रोष,खेमेबाजी से खिलाड़ी संकट में: पंकज कुमार

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

मुजफ्फरपुर 7 दिसंबर : जिस बिहार क्रिकेट संघ के अस्तित्व की लड़ाई में खिलाड़ियों ने तकरीबन 17 वर्षों तक अपने संघर्ष और सहनशीलता परिचय दिया। अपनी निष्ठा के आगे प्रतिभा को असमय बर्बाद किया। मौका आने पर उसी बिहार क्रिकेट संघ ने खिलाड़ियों के समक्ष आज पशोपेश की वैसी स्थिति पैदा कर दी है जहां खिलाड़ियों के समक्ष दोराहा बना पड़ा है ।

एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ खाई। प्रतिभावान खिलाड़ी करें तो क्या करें।मौजूदा समय में उन्हें सही मार्ग दिखाने वाला भी शायद कोई नहीं। क्योंकि जिला की कौन कहे बिहार क्रिकेट संघ भी इन दिनों खुद ही गुटों में विभाजन झेल रहा है । फिलहाल बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष एवं सचिव दोनों गुटों की ओर से बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट शुरू कराने के संकेत के आलोक में क्रिकेट का संचालन करने की कवायद सुगबुगाहट की स्थिति में है । जैसे ही यह शुरुआत शुरू हुई है तो खिलाड़ियों में हरकत होने लगी है।उनके चेहरे पर चमक भी है लेकिन दूसरी तरफ बहुतेरे खिलाड़ियों के चेहरों पर मायूसी भी ।

क्योंकि उन्हें गुटों के विवाद के कारण संबंधित जिले में उपेक्षा झेलना पड़ रहा है। तिरस्कार का शिकार होना पड़ रहा है। मुजफ्फरपुर जिला क्रिकेट संघ उन्हीं जिलों में से एक है जहां एबीसी के गठन के दौरान अगर समानांतर प्रक्रिया को छोड़ दें तो यह पहला मौका होगा जब जिले के खिलाड़ी विभेद के शिकार बनेंगे । उक्त बातें बिहार क्रिकेट संघ जगन्नाथ सिंह गुट के उपाध्यक्ष पंकज कुमार ने कही है।


सूत्रों की माने तो मुजफ्फरपुर में फिलहाल उत्पल रंजन गुट सचिव खेमे से जुड़ा है वही रवि किरण गुट अध्यक्ष खेमे का प्रतिनिधित्व कर रहा है । ऐसे में टीमों के आगे दुविधा की स्थिति है । जहां तक मौजूदा सत्र का सवाल है अध्यक्ष खेमे की ओर से जिला क्रिकेट लीग के लिए पंजीकरण शुरू किए जाने पर बहुतेरे टीमें जिसमें सबसे पुराने क्लबों में एक डायमंड यंगमेंस क्रिकेट क्लब , घिरनी पोखर क्रिकेट क्लब आदि दर्जनाधिक क्लब अध्यक्ष खेमे से पंजीकरण की इच्छा रखती थी । मगर पदाधिकारियों के द्वारा यह कहते हुए उनके प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया कि एम डी सी ए मौजूदा सत्र में क्लब का पंजीकरण नहीं कर रही बल्कि पिछले वर्ष उनके साथ लीग में जो टीमें खेली हैं महज उन्हीं टीमों का पंजीकरण नवीकरण किया गया है ।

जो कहीं से भी नियम सम्मत नहीं है। ऐसे में जिला क्रिकेट संघ में न सिर्फ खिलाड़ियों में क्षोभ है बल्कि क्लब संचालकों में भी भारी रोष है। जहां तक सचिव खेमे का सवाल है उनकी तरफ से दिसंबर माह में पंजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने की सूचना है । लेकिन क्रिकेट शुरू होने पर खिलाड़ी इस विवाद में उलझ कर परेशान हैं। अगर पिछले वर्ष तक देखें तो संगठन पर किसी भी खेमे का अधिपत्य रहा हो क्लब अथवा खिलाड़ियों को पंजीकरण से कभी भी नहीं रोका गया है। इस संदर्भ में पंजीकरण से रोके गए क्लब की ओर से बिहार क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष दिलीप सिंह से शिकायत किए जाने की सूचना है।

साथ ही मुजफ्फरपुर जिला क्रिकेट संघ के विवाद मामले में निबटाने के लिए बीसीए अध्यक्ष से मनोनीत सदस्य बिहार क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह को भी लिखित शिकायत दिया गया है।बहरहाल यह फैसला बिहार क्रिकेट संघ को करना है कि जिला इकाइयों में व्याप्त विवादों का उचित निपटारा हो । क्रिकेट मैदान में सुचारू हो या फिर विवादों के भंवर में पीस रहा क्रिकेट जिला इकाई से लेकर बिहार क्रिकेट के मसले पर निरंतर न्यायालय में बहस का मुद्दा बना रहे

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