Home Bihar बीसीसीआई के ऑवजर्वर को भी विवादित करने में जुटे बीसीए अध्यक्ष: संजय कुमार,(बीसीए सचिव)

बीसीसीआई के ऑवजर्वर को भी विवादित करने में जुटे बीसीए अध्यक्ष: संजय कुमार,(बीसीए सचिव)

by Khelbihar.com
  •  बीसीसीआई के ऑवजर्वर को भी विवादित करने में जुटे बीसीए अध्यक्ष
       
  • किस मैदान में थे बीसीसीआई के ऑवजर्वर

पटना 10 फरवरी : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय कुमार ने प्रेस विग्यप्ति जारी कर बताया की” बीसीसीआई की घरेलू मैच विजय हजारे टुर्नामेंट के लिए चुनी गई बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की टीम लगातार विवादित होती जा रही है। पहले तो आधिकारिक घोषणा से पहले खिलाड़ियों के पिताओं को टीम लिस्ट भेज उनसे राशि वसूली करने का आरोप सामने आया, फिर जब परंपरा और संविधान के विरुद्ध जाकर बीसीए के सीईओ मणीष राज के द्वारा टीम की आधिकारिक घोषणा की गई, तो उसमें फिर एक खिलाड़ी को बदल दिया गया।

बीसीए अध्यक्ष के मिडिया सलाहकार के द्वारा बीसीसीआई के ऑवजर्वर की देखरेख में टीम चयन के बयान पर, बीसीए सचिव के द्वारा बीसीए अध्यक्ष पर बीसीसीआई के ऑवजर्वर को विवादित करने का आरोप यह कहते हुए लगाया गया है, कि बीसीए अध्यक्ष बताएं कि बीसीसीआई के ऑवजर्वर ट्रायल के दौरान किस मैदान में उपस्थित थे।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और विवाद का रिश्ता अब चोली दामन वाला हो गया है। लगता है कि बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने बीसीए को बर्बाद करने की कसम खा ली है।

विजय हजारे टुर्नामेंट के लिए टीम चयन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई, एक हीं दिन में तीन स्थानों पर ट्रायल करवाया गया, अपने लोगों के द्वारा भेजे गए खिलाड़ियों को हीं ट्रायल में शामिल किया गया, ट्रायल भी मानो एक खानापूरी हीं रहा, ट्रायल में किए गए प्रदर्शन को दरकिनार कर टीम का चयन किया गया। हद तो तब हो गई जब आधिकारिक घोषणा से पूर्व हीं टीम लिस्ट खिलाड़ियों के पिताओं को भेजी जाने लगी। जिससे डील हुई उसका नाम बीसीए के आधिकारिक टीम लिस्ट में रहा जिसने नहीं दिया उसे टीम से बाहर कर दिया गया।

राकेश कुमार तिवारी के तीन चयनकर्ताओं के हस्ताक्षर से जारी टीम में प्रशांत कुमार सिंह का नाम था, जबकि राकेश कुमार तिवारी के सीईओ मणीष राज के द्वारा जारी टीम लिस्ट में प्रशांत के जगह अनुज राज का नाम डाल दिया गया।
वैसे बीसीसीआई से लेकर राज्य संघों के सचिव के हस्ताक्षर से टीम जारी किया जाता है, मगर बिहार देश का पहला राज्य है जहां सचिव- संयुक्त सचिव के होते हुए अवैध रूप से नियुक्त सीईओ के हस्ताक्षर से टीम जारी किया जा रहा है।

बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने अपने मिडिया सलाहकार संजीव कुमार मिश्र के हवाले से मिडीया को जानकारी दी है कि बीसीसीआई से आए दो ऑवजर्वर की देखरेख में टीम का चयन किया गया है। यह बयान पूर्ण रूप से संदेहास्पद है। क्योंकि ट्रायल के दिन किसी भी मैदान में ऑवजर्वर की उपस्थिति नहीं थी, ट्रायल के बाद जारी विज्ञप्ति में संयुक्त सचिव कुमार अरविंद, जिला संघों के प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह सहित अनेक लोगों के ट्रायल स्थलों पर जाने की खबर जारी की गई थी, जबकि ऑवजर्वर के पटना आने तथा उनके ट्रायल स्थलों पर जाने के संबंध में कोई जानकारी मिडिया को नहीं दी गई। सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीसीसीआई के ऑवजर्वर देवांग गांधी और बीसीसीआई चयन समिति के सदस्य अभय कुरुविला का पटना आगमन हीं बुधवार को हुआ, जबकि ट्रायल मंगलवार को हीं सम्पन्न हो गया था।

सबसे बड़ा सवाल कि अगर बीसीए में सब कुछ ठीक है फिर इन दोनों को बीसीसीआई के द्वारा क्यों भेजा गया ? ये दोनों राकेश कुमार तिवारी की उंगली पर नाचने आए हैं, या बिहार के खिलाड़ियों को इनके आने का लाभ मिलेगा, इन दोनों के द्वारा ट्रायल आयोजित कर बिहार के विवादित क्रिकेट एसोसिएशन पर लग रहे दाग को कम करने की कोशिश की जाएगी, या फिर बीसीसीआई के साख पर धब्बा लगा, राकेश कुमार तिवारी को असंवैधानिक काम करने की खुली छूट देकर वापस लौट जाएंगे। वर्तमान बीसीए की स्थिति चाहे दिख जो भी रही हो लेकिन अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब बिहार के खिलाड़ी सड़क पर आकर प्रतिकार करने को विवश हो जाएंगे।

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