Home Bihar क्या बिहार क्रिकेट संघ के गुटबाजी का इतिहास दोहराने जा रहा है?क्या सचिव होंगे बीसीए से बाहर?

क्या बिहार क्रिकेट संघ के गुटबाजी का इतिहास दोहराने जा रहा है?क्या सचिव होंगे बीसीए से बाहर?

by Khelbihar.com

पटना : बिहार क्रिकेट संघ में एक बार फिर से इतिहास दोहरा रहा है जी हां वही इतिहास जब बिहार क्रिकेट संघ को मान्यता मिलने के बाद चुनकर आई कमिटी थी अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की और सचिव संजय कुमार की। जिसके बाद बिहार क्रिकेट संघ दो गुटों में बंट गया था। अध्यक्ष राकेश तिवारी की अलग गुट थी जबकि सचिव संजय कुमार की अलग गुट थी। दोनों अलग -अलग बैठक करते और टीम का चयन था टूर्नामेंट भी करवाते थे और इसमें पिस्ते थे होनहार क्रिकेट खिलाडी।

बस एक बार भी वही कहानी दोहराने जा रही है 2022 के बीसीए चुनाव से चुन कर आई नई कमिटी में एक बार फिर से अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ही है लेकिन यहां सचिव जरूर बदला है सचिव है अमित कुमार। अमित कुमार जो सिर्फ नाम का ही सचिव इस कमिटी में दिखे अभी तक ,जबसे चुनाव हुआ और नई कमिटी गठित हुई तबसे अमित कुमार ने मानो पदभार ही नहीं संभाला है या यू कहे सँभालने ही नहीं दिया गया। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योकि जब चुनाव हुआ और नई कमिटी बनी उसके बाद सचिव का अधिकार अभी तक अमित कुमार को मिलता दिखा ही नहीं।

चुनाव के बाद टीम बीसीसीआई के टूर्नामेंटो में भेजना,बीसीसीआई के टूर्नामेंट की मेजबानी सचिव के देख-रेख में होना,मीटिंग में शामिल होना ,बीसीए की वेबसाइट का संचालन करना ,मीटिंग बुलाना सहित कोई भी कार्य बीसीए में अमित कुमार के नाम से नहीं देखा गया। वेबसाइट पर कभी भी अमित कुमार के नाम से कोई सुचना नहीं जारी किया गया। सचिव अमित कुमार के रहते क्रिकेट गतिविधियों के लिए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह को अधिकृत करना(क्यों इसकी जानकारी नहीं दी गई थी)। यह सब तो यही दिखलाता है की अमित कुमार अपने पदभार से दूर दिखे।

अब हल ही में सचिव अमित कुमार और अध्यक्ष राकेश तिवारी दो अलग-अलग गुट बनते दिख रहे है। नालंदा में एक बैठक सम्पन्न हुआ था जिसमे अमित कुमार ऑनलाइन उपस्तिथ हुई थे जिसमे कई जिला संघो के पदाधिकारियों ने भाग लिया भी था और उसमे अध्यक्ष के कार्य पर रोक लगाते हुए जाँच कमिटी भी बनाया गया था। लेकिन 12 फरवरी को सिवान में अध्यक्ष राकेश तिवारी की अध्यक्षता में एसजीएम हुई जिसमे 25 जिला संघो के पदाधिकारियों ने भाग लिया जिसमे नालंदा और बेगूसराय जिला की सदस्य्ता रद्द करते हुई एडहॉक कमिटी बना दी गई।

अब ये कहानी एक बार भी पूर्व सचिव संजय कुमार गुट और अध्यक्ष राकेश तिवारी गुट को दोहराता दिख रहा है। जैसे लोकपाल के आदेश के बाद संजय कुमार को बीसीए सचिव से हटा दिया गया था कही वही कहानी अमित कुमार के साथ न हो जाये और पूरी उम्मीद है ऐसा जल्द देखने को मिल सकता है क्योकि कार्य वही हो रहा है जो संजय कुमार के साथ हुआ था।

12 फरवरी की बैठक ने बताया की बिहार क्रिकेट संघ में जिला के संघो को भी समझ नहीं आ रहा आखिर किस बैठक में जाये और किस में नहीं। नालंदा में हुई बैठक में भी कई जिला संघ ऐसे थे जो सिवान में हुई बैठक में शामिल हुई है जिसकी जाँच के लिए दोनों अध्यक्ष और सचिव ने कमिटी बना दिया है। अब देखना है कौन -कौन जिला संघ में एडहॉक कमिटी बनाएगा।

सिवान के बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया बीसीए दो पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा और रवि शंकर प्रसाद सिंह को अबांछित करते हुए किसी भी मैदान में एंट्री करने तक से रोक लगाया गया है। जिसके बाद कई लोग जो बिहार क्रिकेट को अच्छी तरह से जानते है उनका कहना है कि” जिसने अपने जीवन को क्रिकेट में लगा दिया और बिहार क्रिकेट को जो दिया है वैसे व्यक्ति को क्रिकेट के मैदान से वह रोक रहा है जिसने क्रिकेट मैदान में कभी गेंद न छुआ और न बैट चलाया है। हद हो गया है बिहार एक ऐसा राज्य है जहा क्रिकेट को एक व्यक्ति चलाता है।

आये दिन बिहार क्रिकेट जगत में पैसे मांगते हुए वीडियो ऑडियो वायरल होते रहते है बैठक में इस व्यक्ति को बैन नहीं किया जाता नहीं तो ऐसे व्यक्ति जो बिहार क्रिकेट को बदनाम करने पर लगे है वैसे व्यक्तियों को पहचान कर कार्यवाही करने के वजह सिर्फ क्रिकेट के हितकरो पर बैन लगाया जाता है।

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