Home Bihar लोकपाल सह नैतिकता पदाधिकारी ने उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव सहित आईसीए मेंबर को पद से हटाया।

लोकपाल सह नैतिकता पदाधिकारी ने उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव सहित आईसीए मेंबर को पद से हटाया।

by Khelbihar.com

पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मा. लोकपाल सह नैतिकता पदाधिकारी श्री पारसनाथ राय (सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायाधीश) ने अरवल जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुश्री योशिता पटवर्धन द्वारा बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी, आईसीए महिला प्रतिनिधि सुश्री लवली राज एवं पुरुष खिलाड़ी प्रतिनिधि विकास कुमार “रानू” पर लोकपाल की अदालत दायर याचिका संख्या:- 01/2023 के मामलों की सुनवाई करते हुए माननीय लोकपाल सह नैतिकता पदाधिकारी श्री पारसनाथ राय ने अपना फैसला में सुनाते हुए कनफ्लिक्ट्स ऑफ इंटरेस्ट के मामले में नामजद उपरोक्त प्रतिवादियों को दोषी पाया तथा सभी प्रतिवादियों को पद से हटाते हुए अगले 5 वर्षों तक बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से संबंधित किसी भी प्रकार के गतिविधि में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।

बीसीए मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल माननीय लोकपाल द्वारा पारित आदेश के अनुसार यह बताया कि ये सर्वविदित है कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री किशन कुमार ने कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के मामलों में नामजद उपरोक्त प्रतिवादियों के खिलाफ माननीय लोकपाल के समक्ष हितों के टकराव के अलावा कई मुद्दों पर बहुत ही मजबूती से अपना पक्ष को रखा और उन्होंने बीसीए में हो रही वित्तीय अनियमितता, पद का दुरुपयोग कर निजी लाभ को लेकर कई साक्ष्य भी प्रस्तुत किए ।

जिसका अवलोकन करते हुए माननीय लोकपाल ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को गंभीरतापूर्वक गहन अध्ययन करने के पश्चात यह पाया कि बीते सत्र 2022 -23 को लेकर विभिन्न आयु वर्ग के टीम सिलेक्टर्स, कोच, फिजियो, मसाजर आदि की नियुक्ति हेतु दिनांक 5 जुलाई 2022 को बीसीए की वेबसाइट पर प्रकाशित अधिसूचना में यह स्पष्ट है कि उपरोक्त पदों पर प्राप्त आवेदन का साक्षात्कार कर अपनी अनुशंसा कमेटी ऑफ मैनेजमेंट को अग्रसारित करने के लिए जो त्रिसदस्यीय समिति का गठन किया गया था उसके चेयरमैन दिलीप सिंह, उपाध्यक्ष बीसीए, संयोजक शंकरदेव चौधरी संयुक्त सचिव और सदस्य प्रफुल्ल चंद्र वर्मा, कार्यकारी चेयरमैन टूर्नामेंट कमेटी को बनाया गया था।

जो यह दर्शाता है कि चयन समिति ने शिवम सिंह जो प्रतिवादी बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह के पुत्र हैं व गोविंद देव चौधरी जो पूर्व संयुक्त सचिव श्री शंकरदेव चौधरी के पुत्र हैं और प्रतिवादी संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी के सहोदर भाई है। इन दोनों का चयन रणजी ट्रॉफी सहित बीसीसीआई के अन्य मैचों के लिए सत्र 2022 -23 में किया गया।

क्योंकि बीसीसीआई रणजी ट्रॉफी सहित अन्य आयु वर्ग के खिलाड़ियों को खेलने के लिए एक मोटी रकम का भुगतान करती है जिससे आर्थिक लाभ होती है। जिसको ध्यान में रखते हुए प्रतिवादी क्रमांक (5) पुरुष खिलाड़ी प्रतिनिधि विकास कुमार व प्रतिवादी क्रमांक (6) महिला खिलाड़ी प्रतिनिधि लवली राज ने इन दोनों खिलाड़ियों के चयन में पूर्ण सहयोग किया है इसलिए कि वह बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारी के अपने बेटे और भाई हैं।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और क्रिकेट की गतिविधियों को अवैध लाभ हासिल करने, एक ही सत्र में बिना त्यागपत्र दिए कई पदों पर काम करने सहित कई के मद्देनजर प्रतिवादी बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी, पुरुष खिलाड़ी प्रतिनिधि विकास कुमार व महिला खिलाड़ी प्रतिनिधि लवली राज हितों के टकराव का दोषी पाया गया।
तदनुसार, माननीय लोकपाल द्वारा पारित आदेश में कनफ्लिक्ट्स ऑफ इंटरेस्ट के उपरोक्त सभी प्रतिवादियों को पद से मुक्त करते हुए बीसीए के दिन – प्रतिदिन के कामकाज में भाग लेने, प्रबंधन समिति की वार्षिक बैठक, सामान्य बैठक या विशेष आम सभा की बैठक अथवा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के किसी भी प्रकार की गतिविधियों में शामिल होने से 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

साथ हीं साथ प्रतिवादी संख्या (2) बीसीए के मानद सचिव अमित कुमार को बीसीए के संविधान में अंकित नियम 17(2) (सी) के अनुसार माननीय लोकपाल द्वारा निर्देश दिया गया है कि संघ में महालेखाकार से अनुशंसित व्यक्ति को समिति के सदस्य के रूप में स्वीकृति हेतु सभी आवश्यक कदम उठाएं।

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