Home Bihar बिहार सरकार के आदेश की अवहेलना को तैयार है बीसीए,15जून के मीटिंग को लेकर उठे सवाल?

बिहार सरकार के आदेश की अवहेलना को तैयार है बीसीए,15जून के मीटिंग को लेकर उठे सवाल?

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 14 जून:कोरोना संक्रमण की महामारी से बेजार बिहार सरकार के आदेश की अवहेलना को तैयार है बीसीए।क्योकि सोमवार 15 जून को बीसीए कि एक मीटिंग बुलाई गई है जिसमे फिजियो, कोच,पूर्व रणजी ट्रॉफी प्लयेर सहित बीसीए के जीतने पदाधिकारी एवं बीसीए कमिटी के लोग शामिल होंगे लगभग 150 लोग मीटिंग में आने वाले है।।

कोरोना के मद्धेनजर जहाँ सरकार ने आदेश दे रखा है कि आवश्यक कार्य जैसे वैवाहिक कार्यक्रम में प्रशासन से आदेश के बाद 50 लोग एकत्रित हो सकेंगे। वहीं किसी की मौत हो जाने की स्थिति में 20 लोगो दाह संस्कार में सहभागी हो सकेंगे।

बीसीए के मुखिया राकेश तिवारी ने कल 15 जून को पटना के होटल रिपब्लिक में बुलाये गये बैठक में तकरीबन 150 लोगों को आमंत्रित किया है। आमंत्रण में बिहार क्रिकेट के विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष तकनीकी पदाधिकारी, वरीय खिलाड़ी, मुख्य चयनकर्ता, और सीओएम के सदस्य शामिल हैं।

बहरहाल जिस कोरोना संक्रमण के कारण देश नहीं अंतर राष्ट्रीय स्तर पर सक्रियता शिथिल है। क्रिकेट की गतिविधि लगभग ठप है। ऐसे कि बिहार क्रिकेट संघ की ओर से की जा रही यह पहल निश्चित ही आत्मघाती कदम कही जा सकती है। क्योंकि कोरोना वायरस का फैलाव इन दिनों बड़ी तेजी से बिहार के विभिन्न जिलों में हो रहा है।

ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों का एक समूह के रूप में जूटना निश्चित ही खतरा को आमंत्रण देना है। समय रहते या तो बीसीए इस मामले में निर्णय ले अथवा जिला प्रशासन को अविलंब हस्तक्षेप कर ऐसी बैठक पल रोक लगानी चाहिए।

क्योंकि इससे पहले कोरोना वायरस के बजह से ही अध्यक्ष ने कॉम कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग कि थी तो अब ऐसा क्यों नही? बीसीए ने जब यह सूचना जारी कि तो उसमें यह भी नही बताया है कि कैसे मीटिंग में लोग शामिल होंगे ,क्या ध्यान रखा जाएगा किस तरह प्रेवश मिलेगा? इससे सवाल तो उठता है? आख़िर सरकार के आदेश का पालन क्यो नही कर रही है बीसीए?

घरेलू मैच का आयोजन किस लिए नही हो रहा क्योकि सरकार ने आदेश नही दिया है और उसका पालन करते हुए बीसीए घरेलू मैच नही करा रही है फिर सवाल यह कि आखिर जब सरकार ने एक साथ इतने लोगो के जमा होने का आदेश नही दिया है तो फिर उसका पालन क्यों नही?

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