Home Bihar cricket association News, सुबीर मिश्रा,ओम प्रकाश,नीरज राठौड़ सहित बीसीए अध्यक्ष के काम पर अरसद जेन ने उठाए सवाल?

सुबीर मिश्रा,ओम प्रकाश,नीरज राठौड़ सहित बीसीए अध्यक्ष के काम पर अरसद जेन ने उठाए सवाल?

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 16 जून: बिहार क्रिकेट मे आज जितना उथलपुथल है पहले कभी नही रहा, जिसतरह से आज बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी निर्णय लेरहे हैं और बिहार के क्रिकेटरों, क्रिकेट प्रशंसकों को,शुभचिंतकों तथा बीसीए के जिला संघो के पदाधिकारियों को अपने कार्य/निर्णय से वो अपने आप को एक एक कुशल अध्यक्ष साबित करने की कोशिश मे लगे हैं वो मेरे हिसाब से बस एक कटपुतली हैं ।

ये बाते सीएबी के मो अरसद जेन ने प्रेस विज्ञप्ति से बताया तथा इसके आगे उन्होंने कहा बीसीए अध्यक्ष को कभी किसी भी समाजिक या संविधानिक संघ मे कार्य करने का कोई अनुभव नही है जिसका नतिजा है के वो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन मे भी अध्यक्ष बन जाने के बाद बिहार क्रिकेट तथा बीसीए के लिए अभीतक कोई भी कार्य संवैधानिक रुप से नही कर पाए हैं।

बीसीए अध्यक्ष का काम मात्र इतना है की जो लोग उनको अपनी उंगलियों पर नचाते आरहे हैं वो बस उनके द्वारा दिये इशारे पर नाच रहे हैं।बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी जी से मै चंद सवाल कर रहा हुं, अगर वो या उनका कोई आदमी मेरे इन सवालों का जवाब दे सके तो मै और बिहार के क्रिकेट से जुड़े लोग ये मान लेंगे के बीसीए अध्यक्ष एक कुशल व्यक्ति हैं :

बीसीए प्रेस विज्ञप्ति की कॉपी

अरसद जेन द्वारा पूछे गए सवाल इस प्रकार से है।

सवाल नं 1)
जब भी बीसीए मे किसी व्यक्ति को कोई पद पर लाया जाता है तो उसकी जानकारी प्रेस के माध्यम मे सभी को दी जाती है। क्या आपने एसा किया है..??

सवाल नं 2)
बीसीए की मिटिंग 15/06/20 को पटना मे की गयी जिसमे बीसीए पदाधिकारी तथा सभी पुर्व रणजी खिलाड़ी, कोच, मैनेजर, फिजियो, ट्रेनर इत्यदि को बुलाया गया था परंतु कितने लोग आए और कौन नही आया इसकी जानकारी आपने प्रेस मे क्युं नही दी..??

सवाल नं 3)
जब मिटिंग मे बीसीए के पदाधिकारियों को बुलाया गया था तो इसमे बीसीए के पुर्व पदाधिकारियों को क्युं बुलाया गया जबकी वो बीसीए से जुड़े किसी जिला संघ तक मे कोई पद पर नही है..??

सवाल नं 4)
प्रेस विज्ञप्ति जो जारी की गयी उसमे सभी उपस्थित लोगों मे से जिनका भी नाम दिया गया उनके आगे उनका पद या कार्यक्षेत्र बताया गया परंतु सुबीर चंद्र मिश्रा, निरज रठौर तथा ओम प्रकाश तिवारी को बस बीसीए पदाधिकारी बताया गया …क्युं
ये लोग बीसीए में किस पद पर है वो विभाग क्युं नही बताया गया अगर ये लोग बीसीए के पदाधिकारी हैं तो..?? और नही हैं तो फिर बीसीए पदाधिकारी कैसे लिखा है और ये लोग बैठक मे कैसे मौजुद रहे..??

सवाल नं 5)
बैठक के मंच का सुबीर चंद्र मिश्रा ने सम्पूर्ण संचालन किया एसा बीसीए ने प्रेस विज्ञप्ति मे लिखाकर मिडिया को दिया है मगर सुबीर चंद्र मिश्रा बीसीए किस पद पर हैं ये नही बताया है उनके नाम के आगे बस बीसीए पदाधिकारी लिखा गया है अगर सुबीर चंद्र मिश्रा बीसीए मे किसी पद पर हैं तो बताया क्युं नही गया अभी तक और किसी पद पर नही हैं तो बैठक मे मौजुद कैसे रहे और मंच का संचालन कैसे करने दिया..??

सवाल नं 6)
आपके उपर बीसीए सचिव को असंवैधानिक रुप से सचिव पद से हटाने का आरोप लगा है और कोर्ट के द्वारा लगाए स्टे/ऑडर को भी आपने नही माना है और अगर ये बात गलत है तो आप ने किस आधार पर सचिव को हटाया थोड़ा जनता को बताएं।

सवाल नं 7)
बीसीए द्वारा बताया गया है की खिलाड़ियों की सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन तथा प्रदर्शन को सामने रखने के लिए पोर्टल लॉंच किया गया तो वो पोर्टल कहाँ है ढ़ुंढ़ते ढ़ुंढ़ते खिलाड़ी और अभिभावक थक गये हैं..।

सवाल नं 8)
बैठक मे बीसीए की अपनी एकेडमी खोलने की बात की गयी है तो कौन से जिले मे और कितना खर्च करने जारहे कुछ बताया क्युं नही गया। पहले भी इसतरह की झुठी घोषणाएं होती रही हैं।

सवाल नं 9)
सिर्फ सचिव पर ही कार्यवाई करने मे क्यु आगे आगे हैं जबकी संजय सिंह ( बीसीए जिला प्रतिनिधि) पर अध्यक्ष महोदय आपने खुद ही पैसे लेकर बाहरी खिलाड़ी का गलत प्रमाण पत्र बनवाकर बिहार टीम मे चयन कराने तथा खिलाड़ी से पैसे का डिमांड और घोटाले का आरोप लगाया था..??

सवाल नं 10)
अम्पायर, कोच, मैनेजर, फिजियो, ट्रेनर , खिलाडियों और पदाधिकारियों का बकाया देने पर अभी तक ठोस कदम क्युं नही उठाया गया है जबकी लोकपाल महोदय को मनमाने तरिके से तीन महिने के लिए 9 लाख का भुगतान कर दिया, 85000 महिने पर बीसीए का ऑफिस खोल दिया तथा 25000 का एक फ्लैट बीसीए के शयनकक्ष के नाम पर लेकर अपने बैठकी का अड्डा बना लिया..??

अगर बीसीए अध्यक्ष मे दम है और उनको लगता है की वो बिहार के क्रिकेट तथा क्रिकेटरों के भविष्य को ऊँचाई देने के लिए सक्षम हैं तो जवाब जरुर दें नही तो मदारी के बंदर की तरह मदारे के डुगडुगी पर गुलाटी मारते रहें जैसा की अभी तक देखने, सुन्ने और समझे पर बिहार के लोग समझ रहे हैं।

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