Home Bihar बीसीए में जिला संघ पर मानसिक दबाव बनाने का खेल शुरू:-अरसद जेन

बीसीए में जिला संघ पर मानसिक दबाव बनाने का खेल शुरू:-अरसद जेन

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 25 जून: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) मे तो हमेशा बीसीए पर कब्जा जमाने का खेल होता आया है परंतु मान्यता मिलने के बाद सचिव तथा अध्यक्ष गुट के द्वारा जो खेल जारी था सचिव गुट के गुप्त मिटिंग के बाद शह मात के खेल मे जो तेजी देखने को मिली और दल बदलने मे कुछ जिला संघों ने जो तेजी दिखाई है वो सोंचने लायक है। ये बाते खेलबिहार से सीएबी के अरसद जेन ने कही है।।

अरसद जेन ने कहा जो नालंदा तथा बेगूसराय जिला संघ कलतक गुप्त मिटिंग मे सचिव गुट मे अपने लीए फायदा तलाश रहे थे और बढ़ चढ़कर भाग ले रहे थे आज सचिव गुट को धोखा देकर पिर से पाला बदल कर बीसीए मे पद हासिल कर लिए हैं।आज बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी जी ने कुछ लोगों को मनमर्ज़ी से विभाग बाँटे तथा सदस्य बनाने का जो खेल खेला है ये साफ बताता है की बीसीए मे पुर्व सचिव रविशंकर सिंह के इलावा सभी लोग सत्ता के लिए दोगली निति अपनाने मे कोई देर नही करते जबकी पुर्व सचिव रविशंकर सिंह आज भी अपने स्वाभिमान का सौदा नही किये हैं।


बीसीए अध्यक्ष राटेश तिवारी द्वारा आज नालंदा जिले के आनंद कुमार (पुर्व कोषाध्यक्ष बीसीए) को जो पद दिया गया है वो बीसीए अध्यक्ष रकेश तिवारी द्वारा लोढ़ा समिति का सीधा सीधा उलंघन है चुंकी नालदा के आनंद कुमार पुर्व मे बीसीए के कोषाध्यक्ष रहे हैं और बीसीए मे 9-10वर्षों से लगातार पद पर बने रहे हैं जबकी लोढ़ा समिति के अनुसार एक व्यक्ति 6 वर्षों के बाद क्रिकेट के क्षेत्र मे किसी पद पर नही रह सकता , शायद बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी को किसी ने ये बताया नही या लोढ़ा समिति के नियम की जानकारी उनको होगी नही तो इसका नतिजा ये होगा की लोढ़ा समिति के उल्लंघन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नही मानने के लिए बीसीए अध्यक्ष पर कानुनी कार्यवाही भी की जा सकेगी।

कल बैठक है तो आज इस तरह के आदेश का क्या मतलब है ये काम कल की मिटिंग मे सबकी सहमति से भी तो हो सकता था, तो मतलब साफ है इस आदेश का सीधा मांसिक दबाव सचिव गुट के समर्पित जिला क्रिकेट संघों पर पड़े इस लिए ये आदेश आज जारी किया गया है जिसमे बेगूसराय क्रिकेट संघ को भी बीसीए अध्यक्ष ने अपने खेमे मे करने की कोशिश की है।

आरा मे कल होने वाले मिटिंग से पहले दल बदलने का ये खेल साफ बताता है की बीसीए मे मात्र सत्ता कब्जा करने की सोंच वाले लोग भरे पड़े हैं इनको बिहार के क्रिकेट तथा क्रिकेटरों के भविष्य की कोई फिक्र नही है।

अब एक बात तो साफ हो चुका है के बिहार मे क्रिकेट तथा क्रिकेटरों के भविष्य को लेकर कोई चिंतित है तो वो मात्र एक क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (कैब) है जिस के अथक प्रयास तथा सुप्रीम कोर्ट मे बीसीसीआई से लड़ाई का नतीजा था के बिहार के साथ साथ सभी राज्यों को फुल मेम्बर शिप मिला और सभी राज्य रणजी ट्रॉफी खेल रहे.हैं। आज फिर से सभी की नज़र एक उम्मीद के साथ सीएबी सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा के उपर लगी है ।

चलिए सचिव तथा अध्यक्ष गुट की इस लड़ाई मे क्रिकेट के धोखेबाज़ो का पता तो लोगों को चल ही गया है आगे आगे देखते हैं होता है क्या।आशा करता हुं के कल की मिटिंग के बाद बिहार क्रिकेट का कुछ भला हो, परंतु एसा होगा नही क्युकी बेकार हो चुके लोग बिहार क्रिकेट के सत्ता मे बने रहने का खेल खेलते रहेंगे क्रिकेट का भला नही हो सकता है।।

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