Home Bihar बिहार टीम के सहायक कोच पद पर प्रमोद के चयन पर उठे सवाल !

बिहार टीम के सहायक कोच पद पर प्रमोद के चयन पर उठे सवाल !

by Khelbihar.com
  • बिहार टीम के सहायक कोच पद पर प्रमोद के चयन पर उठे सवाल !
  • किस पात्रता पर मिला पद ? या सहयोग का है ईनाम

खेलबिहार न्यूज़

पटना 27 दिसंबर: कहावत है ” सिर मुड़ाते ही पड़े ओले ” ! इसे चरितार्थ कर रहा है मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष खेमे की ओर से घोषित टीम लिस्ट ।ये बाते मुज़फ़्फ़रपुर के स्वतंत्र पत्रकार एवं एमडीसीए(उत्पल रंजन गुट)के सचिव मनोज कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहि है।।

उन्होंने कहा है कि” इस टीम के सहायक कोच बनाए गए प्रमोद कुमार पर सूबे के सीनियर क्रिकेटरों ने सवालिया निशान खड़ा करते हुए पुछा है कि उन्हें किस पात्रता के कारण उसे बिहार टीम का सहायक कोच बनाया गया है। जबकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा कोच अथवा सहायक कोच के लिए निर्धारित मापदंड के अनुकूल उनकी योग्यता नहीं है।

खिलाड़ी सूत्रों का कहना है कि बीसीसीआई के द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप अगर चयन होता तो प्रमोद कुमार इसके लिए क्वालिफाइड नहीं हो पाते क्योंकि उनका चयन झारखंड राज्य टीम में दो वनडे मैच के लिए हुआ तो था लेकिन वह अंतिम एकादश में शामिल नहीं हो सके थे । ऐसे में उन्हें सहायक कोच बनाया जाना कहीं न कहीं बीसीसीआई के गाइडलाइन का उल्लंघन करना है।

उल्लेखनीय है कि सीनियर वर्ग में टीम के कोच अथवा सहायक कोच के लिए बीसीसीआई द्वारा जारी गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि यह पद उन लोगों को ही तकनीकी तौर पर दिया जा सकता है जिन्होंने भारतीय टीम का टेस्ट, एक दिवसीय अथवा अंतरराष्ट्रीय टी टवेनटी क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया हो या उन्हें लेवल तीन की परीक्षा पास होना चाहिए अथवा लेबल दो की परीक्षा पास होने के साथ राज्य अथवा जोन टीम के साथ चार वर्षों के प्रशिक्षण का अनुभव होना चाहिए या लेवल एक की परीक्षा पास करने वाले को स्टेट या जोन टीम के साथ प्रशिक्षण का सात वर्षों का अनुभव जरूरी अथवा वैसे अभ्यर्थी जिनको 15 से 20 प्रथम श्रेणी मैच या 10 लिस्ट ए मैच में एलिट क्लास प्रशिक्षक के साथ प्रशिक्षण का अनुभव हासिल हो वैसे लोग ही सीनियर वर्ग में प्रशिक्षक अथवा सह प्रशिक्षक की पात्रता हासिल कर सकते हैं ।

ऐसी स्थिति में अध्यक्ष खेमे की ओर से प्रमोद कुमार को प्रशिक्षक बनाने पर सवाल खड़ा होना लाजमी है । क्योंकि उनका चयन झारखंड राज्य की ओर से एक दिवसीय मैचों के लिए टीम में किया गया था हालांकि वे अंतिम एकादश में स्थान बनाने में विफल रहे थे ऐसे में यह पात्रता भी उनके हाथ से जाति रही ।

बहरहाल सूत्रों का कहना है कि प्रमोद कुमार को सह प्रशिक्षक बनाए जाने के पीछे अध्यक्ष खेमा की भक्ति है। सचिव और अध्यक्ष के बीच जारी विवाद में पाला बदल कर उसने जिस तरह से अध्यक्ष खेमा का सहयोग किया था उसका कुछ तो प्रतिफ़ल आना ही था ।

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