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बिहार क्रिकेट: रची जा रही है 2022 चुनाव की पटकथा,देखें

by Khelbihar.com
  • बिहार क्रिकेट: रची जा रही है 2022 चुनाव की पटकथा
  • राकेश तिवारी, अजय शर्मा और रविशंकर गुट के बीच होगा मुकाबला

पटना 26 अगस्त: 2018-21 का यह अंतिम सीजन है। 2022 चुनाव की तैयारी को लेकर बिसात बिछने लगी है। रणनीतिकार अपने-अपने लोगों के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि जनवरी 2022 के बाद गुटों के विच्छेदन का काम शुरू हो जाएगा।

वैसे सूत्रों की माने तो रविशंकर सिंह, नीरज राठौर और सुबीर मिश्रा अगली रणनीति बनाने में जुट गए हैं। बिहार में क्रिकेट की राजनीति में कभी जातीय गोलबंदी नहीं होती थी,परंतु सूत्र कहते है कि अगले चुनाव में इसके भी छींटे देखने को मिलेंगे।

सूत्र कहते है कि” आज अगर चुनाव हो जाए तो अध्यक्ष राकेश तिवारी का गुट सबसे मजबूत दिखता है। रविशंकर सिंह ने अपने गुट को मज़बूत करने के लिए चालें चलनी शुरू कर दी है। इसकी बैचेनी तीसरे गुट के रणनीतिकार नीरज राठौर और सुबीर मिश्रा में दिखनी लगी है। आपको बता दें कि 2018 में ये दोनों रणनीतिकार अभी के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को लेकर क्रिकेट में आए थे। क्रिकेट में इंट्री करते ही राकेश कुमार तिवारी ने अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी।

गलत रास्ता अख्तियार करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाया और अगले तीन साल बिहार में क्रिकेट में सुधार लाने के लिए संस्था पर दबदबा कायम रखने के लिए व्यूहरचना रचनी शुरू कर दी। यह बात दोनों रणनीतिकार को नागवार लगने लगा।

फिर क्या एक बड़े व्यवसायी और कुछ पुराने खिलाड़ियों के साथ अलग रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। लेकिन इन दोनों के साथ मुश्किल यह है कि अगर इन्होंने अध्यक्ष राकेश तिवारी से अलग होकर रणनीति बनाई और तीसरा खेमा तैयार किया तो रविशंकर गुट मजबूत होकर फिर संस्था पर कब्जा जमाने में सफल हो जाएंगे।

क्योंकि यह पूरा बिहार जानता है कि दोनों रणनीतिकार को पूर्व सचिव रविशंकर सिंह के टाइम में जितनी जिल्लत झेलनी पड़ी,शायद उससे ज्यादा सम्मान अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने दिया। इसलिए किसी हालत में ये दोनों पूर्व सचिव रविशंकर की बजाय राकेश तिवारी से समझौता करना ज्यादा सहज महसूस करेंगे और अंत में वही होगा।

सूत्रों के अनुसार इधर बीसीए अलग किए गए सचिव संजय कुमार मंटू ने भी अपनी रणनीति बना रहा है। फिलहाल उनकी एक बैठक संयुक्त सचिव कुमार अरविंद के साथ आरा में हुई है। अगली रणनीति पर भी चर्चा हुई परंतु कुछ तय नहीं हुआ है।

इस बात की चर्चा क्रिकेट जगत में हो रहा है।
यहां यह बताना लाजिमी होगा बिहार क्रिकेट के इतिहास में राकेश तिवारी की पकड़ जितना बीसीसीआई और प्रशासनिक महकमे में है। शायद उतना आजतक किसी अध्यक्ष का नहीं रहा है।

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