Home Bihar राज्य के लिए पदक प्राप्त करने वाले खेलों को छोड़कर खेलकूद का विकास संभव नहीं

राज्य के लिए पदक प्राप्त करने वाले खेलों को छोड़कर खेलकूद का विकास संभव नहीं

by Khelbihar.com
  • सभी खेलों का सम्मान करें राज्य सरकार
  • भारत सरकार का अनुकरण करे राज्य सरकार
  • राज्य के लिए पदक प्राप्त करने वाले खेलों को छोड़कर खेलकूद का विकास संभव नहीं

पटना : बिहार राज्य खेल विकास प्राधिकरण द्वारा बिहार म्यूजियम पटना में आयोजित बिहार स्पोर्ट्स कांक्लेव में कुछ खेल संघों को आमंत्रित नहीं किए जाने जाने से नाराज खेल संघों ने आज एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर विरोध जताते हुए कहा कि बिहार स्पोर्ट्स कांक्लेव का आयोजन का उद्देश्य बिहार में खेलकूद के विकास से भटका हुआ प्रतीत होता है ।

इस आयोजन से कई महत्वपूर्ण खेलों को दूर रखना कहीं से उचित नहीं ठहराया जा सकता है । भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सभी खेलों को नौकरी सहित अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। लेकिन राज्य सरकार चुनिंदा खेलों को सभी सुविधाएं प्रदान कर रही है ऐसे में जिस खेल के खिलाड़ी राज्य के लिए पदक प्राप्त कर राज्य को गौरवान्वित कर रहे हैं वह हतोत्साहित एवं अपमानित महसूस कर रहे हैं राज्य सरकार को सभी मान्यता प्राप्त खेलों को एक समान दृष्टि से देखना चाहिए राज्य सरकार के “पिक एंड चूज “की नीति शर्मनाक है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि राज्य में कौन कौन खेल को जीवित रखना है और किन को नहीं ।

राज्य सरकार से उपेक्षित खेल संघ ने मांग किया है कि अन्य बचे हुए खेलों के लिए भी मार्गदर्शन किया जाए और इसी तरह का आयोजन अन्य मान्यता प्राप्त उपेक्षित खेल संघों के लिए भी शीघ्र किया जाए। आगे की रणनीति तय करने हेतु उपेक्षित खेल संघों की एक बैठक शीघ्र आयोजित की जायेगी।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार कैरम संघ के सचिव भारत भूषण ने कहा कि बिहार में कैरम खेल में दो विश्व चैंपियन सहित कई राष्ट्रीय खिलाड़ियों को दिया है। लेकिन यह खेल राज्य सरकार द्वारा उपेक्षित है जिससे इस खेल के खिलाड़ी का भविष्य अंधकार में प्रतीत होता है बिहार राज्य बॉल बैडमिंटन संघ के सचिव गौरी शंकर ने बताया कि जब मेडल लेने की बारी आती है तो बॉल बैडमिंटन खेल के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त कर राज्य को गौरवान्वित करते हैं ।

खेल के विकास पर आयोजित कांक्लेव में आमंत्रित नहीं किए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कल कांक्लेव में सभी खेल संघों को आमंत्रित करना चाहिए था लेकिन ऐसा ना किया जाना सोच से परे है राज्य के खिलाड़ी अपना खून पसीना बहा कर राज्य के लिए पदक प्राप्त करते हैं लेकिन राज्य सरकार के द्वारा किसी तरह की सुविधाएं न मिलने से उन्हें निराशा हाथ लगती है ।ऐसे में खेल के प्रति उनका लगाव व रुझान कम होता है।

सॉफ्ट टेनिस एसोसिएशन ऑफ बिहार के महासचिव धर्मवीर कुमार ने कहा कि सॉफ्ट टेनिस खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार 4 वर्षों से पदक प्राप्त कर रहे हैं । यह खेल एशियाड में है फिर भी राज्य सरकार soft tennis को अपने खेल कैलेंडर में शामिल नहीं करती है ना ही इस तरह के कांक्लेव में आमंत्रित करती है। जो छोटी सोच का परिचायक है।

संवाददाता सम्मेलन को बिहार बूसू संघ के सूरज कुमार, क्रीड़ा भारती बिहार के अवधेश कुमार , बेसबॉल संघ के अजय नारायण शर्मा , सॉफ्टबॉल संघ के डॉक्टर मधु शर्मा , बाउलिंग (लॉन बॉल) के मोहम्मद मुख्तार खान,मल्लखंभ के प्रवीण मिश्रा,न्यू बॉडी बिल्डिंग एवं फिटनेस के कृष्णकांत,साइकिल पोलो के सी.के.पांडे,सेपक टाकरा के विजय कुमार शर्मा सहित अनेक खेल संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

Related Articles

error: Content is protected !!