Home Bihar बिहार क्रिकेट संघ कार्यकारणी की बैठक या फिर राकेश तिवारी की किट्टी पार्टी:आशुतोष झा (सदस्य संचालन समिति)

बिहार क्रिकेट संघ कार्यकारणी की बैठक या फिर राकेश तिवारी की किट्टी पार्टी:आशुतोष झा (सदस्य संचालन समिति)

by Khelbihar.com

पटना : बिहार क्रिकेट संघ के कार्यकारणी के बैठक जो आज दिनांक 17 /07/2022 को निर्धारित है,उसके वैधानिकता पर कई तरह के सवाल उठ रहे है।बिहार क्रिकेट संघ की होने बाली कार्यकारणी समिति की बैठक को ले कर कई तरह के प्रश्न उठ रहे है।

इसी बीच बिहार क्रिकेट संघ (सचिव गुट ) के संचालन समिति के सदस्य आशुतोष झा ने बताया कि बीसीए एक संस्था है न की तिवारी जी के घर की किट्टी पार्टी की बिना नियम कानून के कर सकते हैं।

क्या ये बैठक बिहार क्रिकेट संघ के संविधान के अनुरूप है।अब सवाल ये उठता है कि लोढ़ा समिति के अनुसार जो संविधान बिहार क्रिकेट संघ का है उसके मुताबिक़ बिहार क्रिकेट संघ के कार्यकारणी की संख्या 9 है।अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष, जिला प्रतिनिधि, प्लेयर प्रतिनिधि महिला एवं पुरुष एवं बिहार सरकार के पंजीयन विभाग से एक पदाधिकारी।

श्री झा ने आगे कहा ” बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ने ये ठान लिया है कि कोई भी काम संविधान के अनुसार करना ही नही है।सचिव, संयुक्त सचिव, जिला प्रतिनिधि को साजिस के तहत पहले ही निकला चुके है,(अध्यक्ष के अनुसार जबकि मामलाअभी माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है।)और जो खिलाड़ी प्रतिनिधि महिला है वो अपना इस्तीफा दे चुकी है,और परुष प्रतिनिधि का भी कार्यकाल खत्म हो चुका है।

अब सवाल ये उठता है कि कार्यकारणी के 9 सदस्यों मे 5 है ही नही तो कार्यकरणी समति की बैठक कितना वैध हैऔर इस बैठक का जो भी एजेंडा है, उस पर लिए जाने बाले निर्णय की क्या वैधता है?

बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव संबंधित जो एजेंडा है उस पर ये अयोग्य कार्यकारणी है वो कैसे कोई निर्णय ले सकती जब तक कि माननीय उच्च न्यायालय से इस संबंध में कोई कोई आदेश नही आ जाता है।

बिहार क्रिकेट संघ को जो निजी ऑफिस के तरह संचालित कर रहे हैं आज उसका ही नतीजा है कि बिहार क्रिकेट संघ का संविधान बिहार सरकार के पंजीयन विभाग से पंजीकृत नही हो पाया है, और तो और जब से ये कार्यकारणी आयी है तब से बिहार क्रिकेट संघ का ऑडिट रिपोर्ट 3 वर्ष का बी सी सी आई को नही दिया गया है,

इसी के कारण बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट संघ को कोई भी सब्सिडी का राशि नही दिया, आज तक बिहार क्रिकेट संघ का बैंक अकाउंट फ्रीज है।इसके पीछे और कोई नही बल्कि बिहार क्रिकेट संघ के तानाशाह अध्यक्ष और उनकी कार्यशैली का ही नतीजा है।

एक आदमी अपने कुछ चापलूस लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए जो बिहार क्रिकेट संघ के बीसीसीआई से मान्यता को भी खत्म करने पर आमादा है।इस पर भी जिला संघ के लोग चुप है जिनके 18 शालके कठिन संघर्ष के बाद बिहार क्रिकेट संघ को मान्यता मिली थी।

आज जो प्रस्थिति उत्त्पन क्या जा रहा जिला संघो के संदर्भ में क्या आज से पहले कभी भी किसी ने ये क्या था आज जिला संघो के अंदरूनी मामले मे जो हस्तक्षेप किया जा रहा है तथकथित लोकपाल माहोदय के माध्यम से किया ये संविधान संम्मत है।संस्था को बचाने का प्रयास कीजिए संस्था रहना जरूरी है व्यक्ति तो आते जाते रहते है।

Related Articles

error: Content is protected !!